200+ Best Humsafar Shayari in Hindi | हमसफर शायरी स्टेटस हिंदी

हमसफर का साथ जिंदगी की सबसे खूबसूरत सौगात होता है, जो हर मोड़ पर आपका हाथ थामे चलता है। Humsafar Shayari का यह प्यारा संग्रह उन जज़्बातों को शब्दों में ढालता है जो हमसफर के लिए दिल में उमड़ते हैं। चाहे आपकी मोहब्बत नई हो या सालों पुरानी, इन शायरियों के जरिए आप अपने साथी के लिए अपने जज़्बातों को खूबसूरत अंदाज़ में बयां कर सकते हैं। रोमांटिक एहसासों से भरी ये शायरियां आपके रिश्ते में एक नई मिठास भर देंगी। आइए, प्यार के इस हसीन सफर को अल्फाज़ों के जादू से सजाएं।
Humsafar Shayari 2 Line
ना पूछो हमसफर से दूर रहकर कैसा लगता है
बेसब्री से बस उनसे मिलने का इंतजार रहता है
बातें तो हर कोई समझ लेता है
हमसफर ऐसा हो जो खामोशी भी समझे
बातें तो हर कोई समझ लेता है
हमसफर ऐसा हो जो खामोशी भी समझे
हमसफ़र मेरे हमसफ़र पंख तुम परवाज़ हम
ज़िंदगी का साज़ हो तुम साज़ की आवाज़ हम।
जिंदगी की राहो में मिलेंगे तुम्हें हजारों हमसफर
लेकिन उम्र भर भूल ना पाओगे वह मुलाकात हूँ मैं
हमारी तो सिर्फ एक ही ख्वाहिश है
हर जन्म मेरे हमसफर तुम ही बनो
हमसफ़र बनकर तेरी फिक्र करता हूं
हर शायरी में तेरा ज़िक्र जो करता हूं।
बस सफर हमारा है, बाकी सफर के हिस्से है
जो साथ चले वो हमसफर, जो छुट गए वो किस्से है।
हमारी तो सिर्फ एक ही ख्वाहिश है
हर जन्म मेरे हमसफर तुम ही बनो

आगे सफर था और पीछे हमसफर था रुकते तो
सफर छूट जाता और चलते तो हमसफर छुट जाता
अब इस के बाद घने जंगलो की मंजिल है
ये वक़्त है के पलट जाएँ हमसफ़र मेरे
मेरे बाद किसी और को हमसफ़र बनाकर देख लेना
तेरी ही धड़कन कहेगी कि उसकी वफ़ा में कुछ और ही बात थी
रौनक आ गई है मेरे जीवन में यहां वहां
तुम सा हमसफ़र होगा कहाँ
सुन मेरे हमसफ़र, क्या तुझे इतनी सी भी खबर
की तेरी साँसे चलती जिधर,रहूँगा बस वही उम्र भर।
मुद्दतों के बाद कोई हमसफर अच्छा लगा
गुफ़्तगु अच्छी लगी ज़ौक़-ए-नज़र अच्छा लगा।
मुद्दतों के बाद कोई हमसफर अच्छा लगा
गुफ़्तगु अच्छी लगी ज़ौक़-ए-नज़र अच्छा लगा।
आप जैसा हँसी हमसफर हो अगर
जा रहे हैं कहाँ सोचता कौन हैं
हमसफर खूबसूरत हो या ना हो
लेकिन सच्चा होना चाहिए
सफर पर निकले थे हमसफर से मुलाकात हो गयी
जमाना कहता है इश्क जिसे तुमसे वही बात हो गयी
बेशक मुझमें कोई कमी नही है
पर शायद हम हमसफर ही नही है
एक हमसफर को दूसरे की कद्र करनी चाहिए
क्योंकि यही प्यार का आधार होता है
उन्हीं रास्तों ने जिन पर कभी तुम थे साथ मेरे
मुझे रोक रोक पूछा तेरा हमसफर कहाँ है
उम्र भर का पसीना, उसकी गोद मे सुख जायेगा
हमसफर क्या चीज है, ये बुढापे मे समझ आयेगा
तू जब पास होता है दिल की धडकन बढ़ जाती है
हमसफर बनकर तूने हमें जिंदगी को नया रंग दिया है
फिरते हैं कब से दरबदर अब इस नगर अब उस नगर
एक दूसरे के हमसफ़र, मैं और मेरी आवारगी
लेता जा अपने साथ जिंदगी बिताने के सारे वादे
अब तो बस ये तन्हाई ही हमसफर है मेरा
चलते चलते मुझसे पूछा मेरे पांव के छालों ने
बस्ती कितनी दूर बसा ली दिल मे बसने वालो ने
जब साथ हो तुम हमसफर के रूप में
तुम्हारे साथ चलने को तैयार है कड़ी धूप में
एक ही मंजिल है उनकी एक ही है रास्ता
क्या सबब फिर हमसफर से हमसफर लड़ने लगे
हमसफ़र साथ हो तो बुढ़ापे में भी
खूबसूरती झलकती है
पहले कुछ दूर तक साथ चलके परख
फिर मेरे हमसफ़र मुझे हमसफ़र बोलना
अब इस के बाद घने जंगलो की मंजिल है
ये वक़्त है के पलट जाएँ हमसफ़र मेरे
Humsafar Shayari in Hindi
जो उम्र भर साथ निभाए वही हमसफर होता है
वरना लोग साथ जीने-मरने की कसमें बिना सोचे खा लेते हैं
हमसफ़र खूबसूरत हो या ना हो
लेकिन सच्चा होना चाहिए
सफर में चलते चलते, अक्सर हाथ छूड़ जाते हैं
जुदा कहां हो जाते हैं हमसफ़र, मगर हां रूठ जाते हैं
रिश्तों की खूबसूरती को दिल में सजा लीजिये
हमसफर के रूठने से पहले उन्हें मना लीजिये
जो लोग उड़ाया करते थे मेरे इस सफर का मजाक
धीरे धीरे वो भी मेरे हमसफर बन गए
मेरा सफ़र अच्छा है लेकिन मेरा,
हमसफर उससे भी अच्छा है.

यूँ तो बहुत हैं अपने मगर अपनों सी,
किसी में वो बात नहीं हम सफ़र में तो हैं जिंदगी के,
लेकिन हमसफ़र कोई साथ नहीं.
रौनक आ गई है मेरे जीवन में यहां वहां,
तुम सा हमसफ़र होगा कहाँ.
उल्फत में अक्सर ऐसा होता है,
आँखे हंसती हैं और दिल रोता है,
मानते हो तुम जिसे मंजिल अपनी,
हमसफर उनका कोई और होता है.
हमारी तो सिर्फ एक ही ख्वाहिश है,
हर जन्म मेरे हमसफर तुम ही बनो.
राह-ए-वफ़ा में कोई हमसफर जरूरी है,
ये रास्ता कहीं तनहा कटे तो मुश्किल है,
जहाँ भी जाऊँ ये लगता है तेरी महफ़िल है.
बातें तो हर कोई समझ लेता है,
हमसफर ऐसा हो जो खामोशी भी समझे.
मेरी हर खुशी हर बात तेरी हैं साँसों,
में छुपी ये हयात तेरी हैं दो पल भी,
नहीं रह सकते तेरे बिन धडकनों की,
धडकती हर आवाज तेरी है.
हमसफर खूबसूरत हो या ना हो,
लेकिन सच्चा होना चाहिए.
राह भी तुम हो राहत भी तुम ही हो,
मेरे सुख और दुख को बांटने वाली,
हमसफर भी तुम ही हो.
बातें तो हर कोई समझ लेता है,
हमसफर ऐसा हो जो खामोशी भी समझ ले.
चेहरे पर तेरे सिर्फ मेरा ही नूर होगा उसके,
बाद फिर तू ना कभी मुझसे दूर होगा जरा,
सोच के तो देख क्या ख़ुशी मिलेगी जिस,
पल तेरी मांग में मेरे नाम का सिंदूर होगा.
आप जैसा हँसी हमसफर हो अगर,
जा रहे हैं कहाँ सोचता कौन हैं.
मेरे बाद किसी और को हमसफर बनाकर देख लेना,
तेरी ही धड़कन कहेगी कि उसकी वफा में,
कुछ और ही बात थी.
रहे जिंदगी में यह कहानी सभी की है,
हमराज कोई और है हमसफर कोई और है.
ज़िन्दगी से मेरी आदत नहीं मिलती,
मुझे जीने की सूरत नहीं मिलती,
कोई मेरा भी कभी हमसफ़र होता,
मुझे ही क्यूँ मुहब्बत नहीं मिलती.
सामने मंजिल थी और पीछे उसका वजूद,
क्या करते हम भी यारों,
रुकते तो सफर रह जाता चले तो हमसफर रह जाता.
हमसफर बन गए हमनवा बन,
तुम मेरे आसमां मेरी जमीन बन गए.
हमसफ़र साथ हो तो बुढ़ापे में भी,
खूबसूरती झलकती है.
सच में प्यार में तभी दर्द होता है,
जब हमसफ़र अच्छा ना मिले.
बिन कहे ही तूने मुझे सब कुछ दे दिया है,
आंखों से आंसू और दिल से सारा दर्द ले लिया है.
एक ही मंजिल है उनकी एक ही है रास्ता,
क्या सबब फिर हमसफ़र से हमसफ़र लड़ने लगे.
मेरे मरने पर किसी को ज्यादा फर्क नहीं,
होगा बस तन्हाई रोएगी कि मेरा हमसफ़र चला गया.
जिंदगी की राहो में मिलेंगे तुम्हें हजारों हमसफर,
लेकिन उम्र भर भूल ना पाओगे वह मुलाकात हूँ मैं.
Humsafar Shayari Hindi
आगे सफर था और पीछे हमसफर था रुकते तो,
सफर छूट जाता और चलते तो हमसफर छुट जाता.
आँखों में रहा दिल में उतर कर नहीं देखा,
कश्ती के मुसाफ़िर ने समुंदर नहीं देखा.
तू मेरे साथ है जब भी बुरा वक़्त आया
तेरे साथ जीने का हर पल ख़ास आया..!!!
तू है मेरा हमसफ़र मेरा प्यासा दिल
तेरे बिना मेरी दुनिया अधूरी बस तू ही है वो मिल..!!!
तू है तो कोई डर नही तू है तो कोई ग़म नही
तेरे साथ हर रास्ता आसान
मेरी तन्हाईयों का अब कोई हल नही..!!!

हमसफ़र मेरा तेरा साथ चाहिए हमेशा
साथ तू रहे तो हर मंज़िल आसान हो जैसे..!!!
कुछ खास तो नहीं किया मैंने आपके लिये
मगर हां मेरा सच्चा हमसफ़र तुम ही हो..!!
कुछ नही बस इतना सा वादा चाहिए कि
कुछ कर गुजरने की चाह में
खुद के साथ मेरा हमसफर चाहिए.!!
सफर पर निकले थे
हमसफर से मुलाकात हो गयी
जमाना कहता है इश्क जिसे
तुमसे वही बात हो गयी.!!
रूह-ए-जिंदगी हर वक्त
मेरी आंखों में बसी रहती है
तकदीर तो कभी हमसफर
का चोला पहन आती है..!
बिन कहे ही तूने मुझे
सब कुछ दे दिया है
आंखों से आंसू और दिल
से सारा दर्द ले लिया है..!
अंधेरों को चिरागों
तले पनाह दी है तुमने
इस वीरान पड़ी दिल की
जमी पर बारिश की है तुमने..!
बेशक मुझमें कोई कमी नही है
पर शायद हम हमसफर ही नही है..!
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लेता जा साथ जिंदगी
बिताने का वादा
तेरे साथ जाने वाली
तन्हाई ही हम सफर है मेरा..!
मंजिल मिलने से दोस्ती भुलाई नहीं जाती
हमसफ़र मिलने से दोस्ती
मिटाई नहीं जाती दूरियों से दोस्ती
छुपाई नहीं जाती।
फिरते हैं कब से दरबदर अब इस नगर
अब उस नगर एक दूसरे के हमसफ़र मैं
और मेरी आवारगी!
कुछ सोचु तो तेरा ही ख्याल आता हैं
कुछ बोलू तो तेरा नाम आता हैं
कब तक मैं छुपाऊँ अपने दिल की बात
तेरी हर एक अदा पे हमे प्यार आता हैं !
मुद्दतों के बाद कोई हमसफर अच्छा लगा
गुफ़्तगु अच्छी लगी ज़ौक़-ए-नज़र अच्छालगा!
मेरी हर ख़ुशी हर बात तेरी हैं
सांसों में छुपी ये हयात तेरी हैं
धड़कनो की धड़कती
हर आवाज़ तेरी हैं!
आपके आने से ज़िन्दगी कितनी खूबसूरत है
दिल में बसी है जो वो आपकी ही सूरत है
दूर जाना नही हम से कभी भूलकर भी
हमे हर कदम पर सिर्फ आपकी ज़रूरत !
जिंदगी देने वाले मरता छोड़ गये
अपनापन जताने वाले तन्हा छोड़ गये
जब पड़ी जरूरत हमें अपने हमसफर की
वो जो साथ चलने वाले रास्ता मोड़ गये।
जरूरते भी जरुरी हैए जीने के लिये लेकिन
तुझसे जरूरी तो जिंदगी भी नहीं!
कौन है जिसके दिल में खूबसूरत से
हमसफर की चाहत नहीं है
कौन है जिसके हाथ में हमसफर का हाथ
होकर भी राहत नहीं है!
Romantic Humsafar Shayari
उल्फत में अक्सर ऐसा होता है
आँखे हंसती हैं और दिल रोता है
मानते हो तुम जिसे मंजिल अपनी
हमसफर उनका कोई और होता है!
अब तो वफ़ा करने से मुकर जाता है दिल
अब तो इश्क के नाम से डर जाता है दिल
अब किसी दिलासे की जरूरत नही है
क्योंकि अब हर दिलासे से भर गया दिल।
राह भी तुम हो राहत भी तुम ही हो
मेरे सुख और दुख को बांटने वाली हमसफर
भी तुम ही हो!
तुम्हारा मेरी जिंदगी में आना मुझे
खुशनसीब कर गया
कमी थी जिस रंग की मेरी जिंदगी में वो
रंग भर गया !

ज़िन्दगी से मेरी आदत नहीं मिलती
मुझे जीने की सूरत नहीं मिलती
कोई मेरा भी कभी हमसफ़र होता
मुझे ही क्यूँ मोहब्बत नहीं मिलती।
ये सितम की रात हैं ढलने को है अन्धेरा
गम को पिघलने को है ज़रा देर इस में लगे
अगर ना उदास हो मेरे हमसफ़र!
उन्हीं रास्तों ने जिन पर कभी
तुम थे साथ मेरे
मुझे रोक रोक पूछा
तेरा हमसफर कहाँ है!
अब तो मेरी सांसें मेरी धड़कन तुम हो
मैं रूह हूँ तुम्हारा मेरा बदन तुम हो!
कोई अपना हमसे जब भी रूठ जाता है
ऐसा लगता साथ रब छूट जाता है!
सामने मंजिल थी और पीछे उसका वजूद
क्या करते हम भी यारों रुकते तो सफर रह
जाता चले तो हमसफर रह जाता!
यकीन नहीं आता कि वो बेवफा कभी मेरा
हमसफर था
और सब कुछ तो था हमारे बीच बस ना
जाने प्यार किधर था!
रूठना अगर तुम्हारी आदत है
तो तुम्हें मनाना मेरा कर्तव्य है
तुम हजा़र बार रूठोगी
तो मैं लाखों बार मनाऊंगा !
रहे जिंदगी में यह कहानी सभी की है
हमराज कोई और है हमसफर कौई और है!
रूठना मत कभी हमें मनाना नहीं आता
दूर नहीं जाना हमें बुलाना नहीं आता तुम
भूल जाओ हमें यह तुम्हारी मर्ज़ी है हम
क्या करें हमें भुलाना नहीं आता।
बातें तो हर कोई समझ लेता है हमसफर
ऐसा हो जो खामोशी भी समझे!
सुन मेरे हमसफर मुझे तुझसे ज्यादा कोई अजीज नहीं
लोग हैं कई लेकिन तुझसे ज्यादा कोई मेरे करीब नहीं!
Love Humsafar Shayari
मेरी जिंदगी मै खुशियां तेरे बहाने से है
आधी तुझे सताने से है आधी तुझे मनाने से है।
उसके आने से घर में रौनक आ गई है
वो पगली अब सांसों में समा गई है!
जीने के लिए जान जरुरी हैं
हमारे लिए तो आप जरुरी हैं
मेरे चेहरे पे चाहे गम हो
आपके चेहरे पे मुस्कान जरुरी हैं!
पहले कुछ दूर तक साथ चलके परख
फिर मेरे हमसफ़र मुझे हमसफ़र बोलना!
एक हमसफर को दूसरे की कद्र करनी
चाहिए क्योंकि यही प्यार का आधार है!

जो उड़ाते थे मेरे सफर का मजाक रफ्ता रफ्ता
मेरे हमसफर हो गए!
बहुत नजदीक से गुजरे वो बेखबर बनकर
कल तलक साथ थे जो मेरे हमसफर बनकर!
दो पलना मेरा कभी रूठना
और ना कभी तेरा मनाना
ही हम दोनों को मोहब्बत
को कम कर गया जिन्दगी है
आ हँस बोल के काट लें।
मेरे मरने पर किसी को ज्यादा फर्क नहीं
होगा बस तन्हाई रोएगी कि मेरा हमसफ़र चला गया!
हमसफर अच्छा हो तो दिल हौसला नहीं
हारता है उसका साथ हमें हर मुश्किल से
उबारता है!
ना मेरा कभी रूठना
और ना कभी तेरा मनाना
ही हम दोनों को मोहब्बत
को कम कर गया!
अब इस के बाद घने जंगलो की मंजिल है
ये वक़्त है के पलट जाएँ हमसफ़र मेरे!
जो उम्र भर साथ निभाए वही हमसफर
होता है वरना लोग साथ जीने-मरने की
कसमें बिना सोचे खा लेते हैं!
तुम्हे हक़ है अपनी ज़िंदगी जैसे चाहे जियो तुम
बस ज़रा एक पलक लिए सोचना मेरी ज़िंदगी हो तुम!
ज़िन्दगी से मेरी आदत नहीं मिलती
मुझे जीने की सूरत नहीं मिलती
कोई मेरा भी कभी हमसफ़र होता
मुझे ही क्यूँ मोहब्बत नहीं मिलती!
सच में प्यार में तभी दर्द होता है
जब साथी अच्छा ना मिले!
कुछ तो हवा भी सर्द थी
कुछ था तिरा ख़याल भी
दिल को ख़ुशी के साथ साथ
होता रहा मलाल भी!
मुझे छोड़ दे मेरे हाल पर तेरा क्या भरोसा
ए हमसफ़र तेरी यु प्यार करने की अदा
कहीं मेरा दर्द और न बढ़ा दे!
आँखों में रहा दिल में उतर कर नहीं देखा
कश्ती के मुसाफ़िर ने समुंदर नहीं देखा !
हमारी तो सिर्फ एक ही ख्वाहिश है
हर जन्म मेरे हमसफर तुम ही बनो!
चाहूँगा तुझे साँस के थमने तक
अब यहीं अपना अज़म-ए-सफर हैं
मैं क्यों देखूँ कमर की तरफ
सब से हसीन मेरा हमसफ़र हैं!
जिंदगी की राहो में मिलेंगे
तुम्हें हजारों हमसफर
लेकिन उम्र भर भूल ना पाओगे
वह मुलाकात हु मैं!
मुझे मोहब्बत हैं तेरे नाम से
तू मेरा सदीयों का ख्वाब हैं
मैं अब अलफ़ाज़ कहाँ से लाऊँ
वल्लाह मेरा हमसफ़र लाजवाब हैं!
जुस्तुजू खोए हुओं की उम्र भर करते रहे
चाँद के हमराह हम हर
शब सफ़र करते रहे!
मेरे बाद किसी और को हमसफ़र बनाकर
देख लेना
तेरी ही धड़कन कहेगी कि उसकी वफ़ा में
कुछ और ही बात थी!
हमसफ़र बनकर
तेरी फिक्र करता हूं
हर शायरी में तेरा
ज़िक्र जो करता हूं!
अगर सुकूँ चाहिए इस लम्हा-ए-मौजूद में भी
आओ इस लम्हा-ए-मौजूद से बाहर निकलें !