120+ Sawan Shayari in Hindi 2025
सावन का महीना सिर्फ बारिश नहीं लाता, बल्कि दिलों में एक अलग सी उमंग, मोहब्बत और ताज़गी भी घोल देता है। हर बूँद एक एहसास बनकर दिल को छू जाती है और पुराने जज़्बात फिर से जाग उठते हैं। Sawan Shayari In Hindi उन्हीं भीगी यादों, रूमानियत भरे पलों और दिल से निकले जज़्बातों को शायरी में ढालती है। इस लेख में पढ़िए सावन से जुड़ी कुछ बेहद खूबसूरत शायरियां जो आपके मन को भीगा देंगी, और दिल को उस महकते हुए मौसम की तरह तरोताज़ा कर जाएंगी।
Sawan Shayari in Hindi
वो तिरे नसीब की बारिशें किसी और छत पे बरस गईं
दिल-ए-बे-ख़बर मिरी बात सुन उसे भूल जा उसे भूल जा
बारिश शराब-ए-अर्श है ये सोच कर ‘अदम’
बारिश के सब हुरूफ़ को उल्टा के पी गया
मैं चुप कराता हूँ हर शब उमडती बारिश को
मगर ये रोज़ गई बात छेड़ देती है

याद आई वो पहली बारिश
जब तुझे एक नज़र देखा था
बरसात का बादल तो दीवाना है क्या जाने
किस राह से बचना है किस छत को भिगोना है
हम से पूछो मिज़ाज बारिश का
हम जो कच्चे मकान वाले हैं
बरस रही थी बारिश बाहर
और वो भीग रहा था मुझ में
अब के सावन में शरारत ये मिरे साथ हुई
मेरा घर छोड़ के कुल शहर में बरसात हुई
नफ़स नफ़स पे यहाँ रहमतों की बारिश है
है बद-नसीब जिसे ज़िंदगी न रास आई
सावन एक महीने ‘क़ैसर’ आँसू जीवन भर
इन आँखों के आगे बादल बे-औक़ात लगे
हो लेने दो बारिश हम भी रो लेंगे
दिल में हैं कुछ ज़ख़्म पुराने धो लेंगे
ये बारिश कब रुकेगी कौन जाने
कहीं मैं मर न जाऊँ तिश्नगी से
कल तिरे एहसास की बारिश तले
मेरा सूना-पन नहाया देर तक
रहती है शब-ओ-रोज़ में बारिश सी तिरी याद
ख़्वाबों में उतर जाती हैं घनघोर सी आँखें
शोख़ियाँ मासूमियत स्कूल झूला बारिशें
कितनी यादें साथ लाया जब कोई बछड़ा मिला
सावन की इस रिम-झिम में
भीग रहा है तन्हा चाँद
बारिश की बहुत तेज़ हवा में कहीं मुझ को
दरपेश था इक मरहला जलने की तरह का
ये हुस्न-ए-नौ-बहार ये सावन की बदलियाँ
पीना है फ़र्ज़ और न पीना हराम आज
रुकी रुकी सी है बरसात ख़ुश्क है सावन
ये और बात कि मौसम यही नुमू का है
पड़े हैं नफ़रत के बीच दिल में बरस रहा है लहू का सावन
हरी-भरी हैं सरों की फ़सलें बदन पे ज़ख़्मों के गुल खिले हैं
इंद्रधनुष के रंग बादलों की छाया
सावन ने फिर से प्यार का मौसम लाया
बादल गरजे बिजली चमके
सावन में दिल फिर से धड़के|
सावन के झूले तेरी यादें
दिल में उठीं प्यार की आवाज़ें|
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छम-छम बरसे इंद्र देवता
सावन में खिली प्रेम की लता|
सावन की रुत प्रेम का गीत
हर दिल में जागी नई प्रीत|
सावन के झूले पीपल की छाया
तेरी याद ने दिल को सताया|
सावन शायरी 2 लाइन
उमड़-घुमड़ कर आए बादल मन में जागी उमंग
सावन की मस्ती में डूबा हर कोना हर संग|
पवन की सरसराहट में तेरी आवाज़ है छुपी
सावन की हर बूंद में तेरी याद है लिपटी|

काली घटा छाई आसमां में बिजली चमकी जोर
सावन के इस मौसम में दिल ने मचाया शोर|
बूंद-बूंद में झलके जैसे तेरे चेहरे की याद
सावन के इस मौसम में हो हर पल तेरी फरियाद|
नीलकंठ की जटा में गंगा का प्रवाह
सावन के महीने में मिटता सब दाह
भोलेनाथ के द्वार पर श्रद्धा के फूल
बरसात की रिमझिम में भक्ति के मूल
त्रिशूल धारी आए लेकर सावन की बहार
नीलाम्बर ओढ़े हुए शिव का जयकार
डमरू बजे झम-झम मेघ गरजे घन-घन
शिव के जयकारे से गूंजे त्रिभुवन
सावन की रीत निराली शिव की माया अपरंपार
भस्म रमाए तन पर गले में सर्पों का हार
बैल पर सवार महेश त्रिशूल हाथ में धार
सावन के महीने में करें भक्तों का उद्धार
कावड़ में गंगाजल कंधे पर भार
सावन में शिव भक्ति करे भवसागर पार
सावन के बादल में छिपा शिव का रूप
भोले की कृपा से मिटे भव का कूप
जटा में चंद्र विराजे ललाट पर त्रिनैन
सावन की बरखा में शिव दर्शन है चैन
सावन के झूले पर झूले महाकाल
भक्तों के भाग्य में खुले आनंद के द्वार
Sawan Somvar Shayari
सोमवार की सुबह को बजे शिव के घंटे
भक्तों के मन में जागे आशा के अंकुर नन्हे
सावन के इस सोमवार शिव को करें याद
उनकी भक्ति से मिलेगा जीवन में आह्लाद

सोमवार को शिव के मंदिर गूंजे जयकारे
भोलेनाथ की कृपा से सब दुःख निवारे
सावन की बारिश में सोमवार का त्योहार
शिव की पूजा करके पाएं सुख अपार
सावन के सोमवार पर करें शिव का अभिषेक
मिल जाए भोलेनाथ का हमको दिव्य विवेक
नीलकंठ की पूजा से जीवन होता सुंदर
सावन के सोमवार पर करें शिव को नमन
नीले कंठ की पूजा सोमवार को होती
भोलेनाथ की कृपा मन में खुशियां बोती
बरसात की बूंदों में शिव का आशीर्वाद
सोमवार की भक्ति से मिटे हर विवाद
सोमवार की महिमा सावन में निराली
शिव भक्ति से होती जीवन में खुशहाली
सावन के सोमवार की अनूठी है ये बेला
शिव भक्ति में डूबा है हर एक अकेला
Happy Sawan Shayari
मोर नाचे आंगन में,
पपीहा गाए गीत
सावन का यह मौसम है,
सबको करे प्रीत
रिमझिम फुहारों में,
भीगे तन और मन
सावन की इस मस्ती में,
मिटे दुख के क्षण

रंग-बिरंगी इंद्रधनुष,
आसमान में छाई
सावन की इस रुत ने,
नई उमंग जगाई
नदियाँ उफनी झरने बहे,
हरियाली छाई
सावन की इस बहार में,
प्रकृति मुस्काई
बूंद-बूंद में छुपी है,
जीवन की कहानी
सावन की इस रुत में,
बरसे अमृत वाणी
कोयल की कूक सुनो,
पपीहे की पुकार
सावन का मौसम आया,
लेकर ढेरों प्यार
बादल गरजे बिजली चमके,
बरसे रिमझिम पानी
सावन की इस रुत में,
खिल उठी प्रेम कहानी
रंग-बिरंगी तितलियाँ,
फूलों पर मंडराएं
सावन की इस बहार में,
आओ झूमें और गाएं
पवन चली मंद-मंद,
मेघ गरजे गहराए
सावन के इस त्योहार में,
सब अपनों को बुलाएं
घटा छाई आसमान में,
धरती ने ली अंगड़ाई
सावन की रुत आई है,
मन में खुशी समाई
Sawan Ki Shubhkamnaye Shayari
झूले पड़े हैं आंगन में,
मन में उमंग छाई,
सावन की बहार लेकर,
नई खुशियां है आई
मेघों की गरज में छुपी,
रिश्तों की मिठास,
सावन के इस त्योहार में,
पूरी हो हर आस

बारिश की बूंदों से,
धुला हर एक कोना,
सावन की शुभकामनाओं से,
जीवन हो सोना
हरियाली चारों ओर,
मन हुआ मतवाला,
सावन की बरखा संग,
जीवन हो निराला
बादल गरजे बिजली चमके,
बरसे अमृत धार,
सावन की इस ऋतु में,
मिले आपको प्यार
तीज त्योहार की रौनक,
मन में उल्लास जगाए,
सावन की हर घड़ी आपको,
नई ख़ुशी दे जाए
बादलों की गड़गड़ाहट में,
खुशियों का पैग़ाम है|
सावन की इस शुभ घड़ी में,
आपको मेरा प्रणाम है|
छम-छम करती बूँदों में,
धरती की खुशबू समाई है|
सावन की इस पावन बेला में,
शुभकामनाओं की बरसात लाई है|
नदियाँ उमड़ें तालाब भरें,
सावन ने किया कमाल है|
आपका जीवन भी ऐसे ही,
खुशियों से मालामाल है|
मोर नाचे पपीहा गाए,
सावन की रुत आई है|
आपके जीवन में भी ऐसे ही,
खुशियों की बहार लाई है|
Sawan Pe Shayari
धुँधली सी शाम में,
दिल का दीया जले,
सावन की रिमझिम में,
प्यार का रंग ढले
चाय की चुस्कियों संग,
बारिश का नज़ारा,
सावन की इस रुत में,
जीवन लगे प्यारा

बारिश की बूंदों से,
धरती नहाई|
सावन की इस रुत में,
नई उमंग जगाई|
सावन की रिमझिम फुहार,
लाई जीवन में बहार|
हरियाली चारों ओर छाई,
मानो हो प्रकृति का श्रृंगार|
छम-छम करती बूंदें,
धरती को सजाएं|
सावन की इस बहार में,
नए सपने जगाएं|
बादल गरजे घन घोर,
नाचे धरती पर मोर|
सावन की इस मस्ती में,
खिल उठे जीवन के कोर|
काले मेघ छाए आसमान में,
उमंग भरी हर एक जान में|
सावन की रुत है आई,
नई उम्मीद संग लाई|
रिमझिम-रिमझिम बरसात,
सावन की सुहानी रात|
ठंडी हवा गीली मिट्टी,
मन करे हर पल बात|
रिमझिम-रिमझिम बरसात,
भीगी-भीगी हवाएँ,
सावन के इस मौसम में,
याद पुरानी आएँ
सावन की रिमझिम में,
दिल का साज बजे
बूँदों के इस राग में,
प्यार का राज छिपे

