Latest 100+ Chand Shayari in Hindi 2025

Chand Shayari in Hindi

चाँद की खूबसूरती रात के सन्नाटे में एक अलग ही जादू बिखेरती है। उसकी नरम रोशनी दिल को सुकून और खामोशी में एक खास एहसास देती है। चाँदनी रात में बैठकर चाँद को निहारने का एहसास शब्दों में बयां करना आसान नहीं होता। अगर आप भी चाँद की इस खूबसूरती को अपने शब्दों में सजाना चाहते हैं, तो यहां आपको Chand Shayari in Hindi का सबसे खूबसूरत संग्रह मिलेगा। इन दिल को छू लेने वाली शायरियों के जरिए अपने जज्बातों को खूबसूरत अंदाज में बयां करें और चाँदनी रातों का लुत्फ उठाएं।

Chand Shayari in Hindi

तेरा चेहरा कितना सुहाना लगता है
तेरे आगे चाँद पुराना लगता है !

चांद का हुस्न भी जमीन से है,
चांद पर चांदनी नहीं होती.

फलक पे चांद सितारे निकलने हैं हर शब
सितम यही है निकलता नहीं हमारा चांद

हम थे ठहरे हुए पानी पे किसी चांद का अक्स,
जिस को अच्छे भी लगे उसने भी पत्थर फेंका।

चांद से कह दो अपनी हदो में रहे
मेरे महबूब का सजना अभी बाकी है !

बे-सबब मुस्कुरा रहा है चाँद,
कोई साज़िश छुपा रहा है चाँद.

तू चाँद और मैं सितारा होता
आसमान में एक आशियाना हमारा होता
लोग तुम्हे दूर से देखते
नज़दीक़ से देखने का हक़ बस हमारा होता

अब चांद में भी नजर आने लगा है
चेहरा उनका,
जब से इजहार-ए-मोहब्बत हुआ है उनका !

तोड़कर चाँद लगा तो दूँ मैँ तेरे माथे पर
आसमानों में मगर मसले खड़े हो जाएंगे !

चाहते तो हम भी तुम्हे एक जमाने से थे
मगर ये चांद कब मोहब्बत करने वालो का हुआ है

आसमां में खलबली है
सब यही पूछ रहे हैं
कौन फिरता है ज़मीं पे
चाँद सा चेहरा लिए

वो चाँद कह के गया था कि आज निकलेगा
तो इंतिज़ार में बैठा हुआ हूँ शाम से मैं

वो कौन था जो दिन के उजाले में खो गया
ये चाँद किस को ढूँढ़ने निकला है शाम से !

पूछो इस चाँद से कैसे सिसकते थे हम
उन तन्हा रातों में तकिये से लिपटकर रोते थे हम
तूने तो देखा नहीं छोड़ने के बाद
दिल का हर एक राज चाँद से कहते थे हम।

मुझ को मालूम है महबूब-परस्ती का अज़ाब
देर से चाँद निकलना भी ग़लत लगता है

कभी तो आसमां से चांद उतरे जाम हो जाए
तुम्हारे नाम की इक खूबसूरत शाम हो जाए.”

बेचैन इस कदर था
कि सोया न रात भर
पलकों से लिख रहा था
तेरा नाम चांद पर !

ये चांद सा रोशन चेहरा
जुल्फों का रंग सुनहरा
ये झील सी नीली आंखें
कोई राज है इनमें गहरा
तारीफ करूं क्या उसकी
जिसने तुम्हें बनाया

उफ़्फ़ वो संगेमरमरी बदन पे सियाह शॉल।
हमने देखा है अपना चाँद काले लिबास में।

Chand Shayari Love

उस के चेहरे की चमक के सामने सादा लगा
आसमाँ पे चाँद पूरा था मगर आधा लगा !

जैसे चांद के होने से रोशन है यह रातें,
ठीक उसी प्रकार तुम्हारे होने से रोशन है मेरी जिंदगी।

Chand Shayari Love
Chand Shayari Love

रुस्वा करेगी देख के दुनिया मुझे ‘क़मर’
इस चाँदनी में उन को बुलाने को जाए कौन

आज मुद्दतों बाद मुझे मेरे चांद का दीदार तो हुआ,
बेशक एक दूसरे से हम गले लगकर न मिले,
पर दो घड़ी ही सही उसका दीदार तो हुआ।

चांद सी महबूबा हो मेरी कब ऐसा मैंने सोचा था
हां तुम बिलकुल वैसी हो जैसा मैंने सोचा था

Chand Shayari 2 Line

कहां से लाऊं वो लफ्ज जो सिर्फ तुझे सुनाई दे,
दुनिया देखें चांद को मुझे बस तू ही दिखाई दे।

मत पूछ मेरे जागने की वजह ऐ-चाँद,
तेरी ही हम शकल है वो जो मुझे सोने नहीं देती।

Chand Shayari 2 Line
Chand Shayari 2 Line

एक चांद कहकर गया मुझसे आज निकलेगा ज़रूर,
एक निगाह लिए बैठा हूं आज सुबह से मैं।

हर एक रात को महताब देखने के लिए
मैं जागता हूँ तिरा ख़्वाब देखने के लिए !

जिस चाँद के हजारों हो चाहने वाले
वो क्या समझेगा एक सितारे की कमी को।

Chand Mubarak Shayari

चाँद बनना तुम्हें मुबारक हो
घर हमारा करोगे कब रौशन

ईद का चाँद तुम ने देख लिया
चाँद की ईद हो गई होगी

Chand Mubarak Shayari
Chand Mubarak Shayari

देखा हिलाल-ए-ईद तो तुम याद आ गए
इस महवियत में ईद हमारी गुज़र गई

चाँद की चाँदनी में सजे तुम्हारे सपने,
तेरे हर ख्वाब में हो खुशियों की बहार।
चाँद मुबारक!

हर चाँद की रात में तेरा दीदार हो,
तेरे चेहरे की चमक से ये आसमान जगमगाए।
चाँद मुबारक!

Moon Shayari in Hindi

बना के तस्वीर उसकी आसमान में टांग आया हूं,
और लोग पूछते हैं कि आसमान में आज चांद बेदाग क्यों है।

अब चांद में भी नजर आने लगा है चेहरा उनका,
जबसे इजहार-ए -मोहब्बत हुआ है उनका।

लोग पूछते हैं कि हम चांद को यूं बार-बार देखते क्यों हैं,
अब उन्हें कौन समझाए की चांद में हमें महबूब नजर आता है।

चांद पर थोड़ा गुरूर हम भी कर लें,
पर मेरी नजरें पहले महबूब से तो हटें।

वो खुशियां बाजारों में कहां, जो खुले आसमान में है,
वो खूबसूरती चांद में कहां, जो आप में है।

चांद से तो हर किसी को प्यार है,
मैं खुशनसीब हूं कि चांद को मुझसे प्यार है।

वो पलकें झुकाकर अक्सर यूं शर्माते हैं,
जब हम उन्हें प्यार से चांद कहकर बुलाते हैं।

मेरे महबूब का चेहरा भी उस चांद से मिलता है,
बस उसकी तरह इसके दिल में दाग नहीं।

आज मुद्दतों बाद मुझे मेरे चांद का दीदार तो हुआ,
बेशक एक दूसरे से हम गले लगकर न मिले,
पर दो घड़ी ही सही उसका दीदार तो हुआ।

जिक्र तेरी खूबसूरती का जो किया तो वो चांद भी शरमाया,
हम किस्से पर किस्सा सुनाते गए वो बादलों में गुम होता गया।

Moon Shayari in Hindi
Moon Shayari in Hindi

दिल थाम लेंगे फूल और चांद भरेगा आहें
जब बात होगी हुस्न की सब पहले तेरा ही नाम लेंगे।

ए-खुदा उसे सुबह का चांद और मुझे शाम का सूरज बना दे,
मिले ऐसे कि मैं उसमें समा जाऊं और वो मुझमें समा जाए।

बहुत गुरूर था चांद को अपनी खूबसूरती पर,
आज मेरे सनम की चमक को देख, वो बादलोंं में छिप गया।

न वो चांद चाहिए न वो सितारे चाहिए,
मुझे बस मेरी मोहब्बत की सलामती चाहिए।

मेरा और उस चांद का मुकद्दर भी एक जैसा है,
मैं यहां हजारों में तन्हा हूं और वो वहां तारों में तन्हा है।

रोज सुबह चिढ़ाता है सूरज भी उगने पर,
कहता है अब कहां है, वो चांद जिस पर बड़ा घमंड था तुम्हें।

कल रात इक तारा देखा टूटता हुआ बिल्कुल मेरे जैसा,
चांद को जरा भी फर्क न पड़ा, क्योंकि वो भी है तेरे जैसा।

मिलने को उनसे बेकरार इतना थे कि सो न पाए रातभर,
आंखों में ख्वाब उनके थे और नाम उनका लिखते रहे चांद पर।

ए-खुदा तूने भी बड़ा सितम किया है आशिकों पर,
बनाया गर चांद तो महबूब मेरे नसीब में क्यों नहीं।

निकल पड़ता हूं मैं सर्द अंधेरी रातों में,
अपनी तन्हाई छुपाने और चांद की तन्हाई मिटाने।

क्यों रातों को तू जागता रहता है ए-चांद,
बता किस से तुझे मोहब्बत-ए इजहार हुआ है।

हम उसे रोज खुद से ज्यादा चाहते रहे और वो हमसे दूर जाता गया,
ठीक वैसे ही जैसे हम चांद को निहारते रहे और वो बादलों में गुम होता गया।

हम सफर हो कोई अपना भी जिंदगी में,
कब तक छत पर यूं चांद ताकते रहेंगे।

काश कि मैं आसमान का एक तारा होता, तुम मुझे और मैं तुम्हें प्यारा होता,
देखती दुनिया जिस चांद को दूर से, उसे करीब से देखने का हक सिर्फ मेरा होता।

थी मोहब्बत जब तक चांद से उससे खूबसूरत न था कोई जहां में,
मोहब्बत का नशा उतरा, तो हमें दाग भी दिखने लगे उसमें।

न चाहते हुए भी लब पर ये फरियाद आ ही जाती है,
मत दिखा कर मुझे ए-चांद, किसी की याद आ जाती है।

इसी कशमकश में ये रात गुजर जाए,
मैं चांद देखने निकलूं और वो बादलों में छिप जाए।

लाख कोशिश कर ले बादल, चांद को मुझसे छिपाने की,
लिखवा के लाया हूं मैं किस्मत में उसे खुदा से।

हर सुबह डूब जाता है ये चांद,
काश कोई इसे तैरना सीखा देता।

जानता हूं बड़ा मगरूर है तू ए-चांद,
क्या करूं मेरी तन्हाई का साथी भी बस तू है।

न चांद की चाह न फलक का इंतजार,
कैसे कहूं मुझे है बस तुझसे ही प्यार।

कुछ वो कोरे से हैं, कुछ मैं सादा सा,
जैसे एक ही आसमां में दो चांद हों आधा-आधा सा।

इक चांद ही तो था जिसे देख हम तसल्ली करते थे,
कमबख्त बादलों ने उसे भी छिपा लिया।

तेरी बेवफाई के किस्से सुन ये चांद भी हर रात घटता गया,
जब हो गई इंतहा, तो वो भी अमावस को मुझे तन्हा कर गया।

बहुत रोता होगा ये चांद भी और कोसता भी होगा हमें,
हमारी चंद ख्वाहिशों ने उसके सारे तारे तोड़ लिए।

Chand Shayari Gulzar

फ़लक पे चाँद सितारे निकलने हैं हर शब
सितम यही है निकलता नहीं हमारा चाँद

बज़्म-ए-ख़याल में तिरे हुस्न की शम्अ जल गई
दर्द का चाँद बुझ गया हिज्र की रात ढल गई !

ऐ चाँद मुझे बता तू मेरा क्या लगता है
क्यूँ मेरे साथ सारी रात जगा करता है
मैं तो बन बैठा हूँ दीवाना उनके प्यार में
क्या तू भी किसी से बेपनाह मोहब्बत करता है।

Chand Shayari Gulzar
Chand Shayari Gulzar

हर रंग है तेरे आगे फीका
महताब है फूल चांदनी का !
एक बार दीदार के लिए तो निकाल !

चुभती है क़ल्ब व जाँ में सितारों की रोशनी
ऐ चाँद डूब जा की तबियत उदास है !

Gulzar Shayari in Hindi

Full Moon Quotes

हम ताकते रहे राह उनकी उम्र भर खड़े यूं चौराहे पर,
जिन्हें दिख गया वो चांद, उनकी ईद हो गई।

होता जाता है जब तेरे चांद से चहरे का दीदार,
खुदा कसम दिल में उमड़ पड़ता है प्यार।

ये पूरा चांद बिल्कुल तुम सा खूबसूरत होता है,
लेकिन ऐसा सिर्फ कभी-कभी ही होता है।

आ गए हो मिलने हमसे, तो जी भरकर बातें कर लो,
आता कहां है रोज-रोज तुम जैसा पूरा चांद आंगन में।

वो आसमां में ताकते रहे ईद का चांद,
हम उन्हें नजर भर देखकर ईद मना आए।

न जाने क्या मजहब है इस चांद का,
ईद भी इसकी, करवा चौथ भी इसका।

पूर्णिमा के चांद को देखकर तुम्हें याद करते हैं,
वो भी एक दौर था जब तुम्हें ऐसे ही घंटों निहारा करते थे।

आज ये पूरा चांद आसमां में चमक रहा है,
लगता है इसे भी इजहार-ए-मोहब्बत हुआ है।

आज आसमां में चांद पूरा है,
तारे भी अपने पूरे रूबाब में हैं,
फिर भी हमारे महबूब से ये सब फीके हैं।

आज तो अपने प्यार का जादू चला ही दो हम पर,
देखो, फलक में आज चांद भी पूरा है।

उसकी तो मोहब्बत भी चांद की तरह थी,
पहले पूरी थी, फिर दिन-ब-दिन घटने लगी।

तेरी खूबसूरती के सामने सबकुछ फीका लगे,
आसमां में पूरा है चांद फिर भी तेरी दमक के सामने आधा लगे।

जन्नत क्या होती है मुझे नहीं मालूम,
लेकिन पूरे चांद की रात में तुझे देखना,
मुझे जन्नत के करीब ले जाता है।

Moon Light Quotes

कहां से लाता है इतनी सहनशीलता ये चांद,
अपने हिस्से सारे दाग रख दूसरों को रोशन किए जा रहा है।

क्यों हर कोई उस चांद से ही दिल लगाना चाहता है,
शहर का हर एक सितारा उसका होना चाहता है,
खुश हैं हम दूर रहकर उससे क्योंकि,
चांद दूर से ज्यादा खूबसूरत नजर आता है।

ढल गई शाम और चारों ओर अंधेरा छाने लगा,
तभी निकल आया चांद और आसमां पर सितारे छाने लगे,
हम भी धीरे-धीरे उनकी यादों में खोने लगे,
चांदनी देख ऐसा महसूस हुआ जैसे हमारा महबूब पास आने लगा।

तुम मेरे जीवन के चांद बन जाओ,
और मैं हमेशा के लिए तुम्हारी चांदनी बन जाऊं।

चांद की रोशनी आज फिर खिड़की से दस्तक दे रही है,
लगता है फिर वो चांद को ताकते हुए हमें याद कर रहे हैं।

जीवन में हार न हो तो सफलता की कद्र कौन करता,
जैसे रात अंधेरी न होती, तो चांदनी की बात कौन करता।

कह दो इन अंधेरों से कि अब उनसे डर नहीं लगता मुझे,
चांदनी हाथ थामे हर कदम पर मेरे साथ है।

वो चांद सी शीतल, मैं सूरज सा गर्म,
मिलन की आस लगाएं भी तो कैसे।

हाल-ए-दिल की दास्तां सुनाता किसे,
सो चुके थे चांद तारे भी फिर चांदनी लाता कहां से।

उस बेवफा ने साथ क्या छोड़ा,
चांदनी भी बनकर धूप सताने लगी।

चांदनी रात में तारों का साथ है,
तू नहीं है तो क्या तेरी हर याद मेरे साथ है।

पूर्णिमा का चांद समझकर मोहब्बत की थी उनसे,
वो अमावस की रात बन मेरे जीवन में अंधकार कर गए।

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