200+ New Bharosa Shayari in Hindi 2025

भरोसा एक ऐसा रिश्ता है जो बिना शब्दों के जुड़ता है और एक बार टूट जाए तो उम्रभर की दूरी बन जाता है। Bharosa Shayari उन एहसासों को शब्द देती है, जो विश्वास के बनने और टूटने के दौरान दिल में उठते हैं। चाहे दोस्ती हो, मोहब्बत या कोई और रिश्ता, भरोसे का होना बेहद ज़रूरी है। इस ब्लॉग में आपको मिलेंगी ऐसी शायरियाँ जो दिल के बेहद करीब होंगी और यकीन की कीमत को खूबसूरत अल्फ़ाज़ों में बयां करेंगी। इन्हें पढ़कर आप अपने जज़्बातों को बेहतर ढंग से व्यक्त कर सकेंगे।
Bharosa Shayari in Hindi
सब पर भरोसा है,
पर कुछ नहीं हासिल है,
जिस तरफ पीठ करो,
वहीं खड़ा कातिल है।
आजकल न जाने कब बदल जाए इंसान भरोसा नहीं,
कहते हैं जो भरोसा करो हम पर,
अक्सर भरोसा तोड़ते हैं वहीं।
भरोसा क्या करना गैरो पर,
जब खुद गिरना है चलना है
अपने ही पैरो पर।

दिल को तेरी चाहत पे भरोसा भी बहुत है,
और तुझ से बिछड़ जाने का डर भी नहीं जाता।
सिखा दिया दुनिया ने मुझे अपनो पर भी शक करना,
मेरी फितरत में तो गैरों पर भी भरोसा करना था।
भरोसा जितना कीमती होता है,
धोखा उतना ही महँगा हो जाता है।
लोगों के पास बहुत कुछ है,
मगर मुश्किल यही है कि,
भरोसे पे शक है और,
अपने शक पे भरोसा है।
प्यार में तो बस भरोसा होना चाहिए,
शक तो पूरी दुनिया करती हैं।
सब पर भरोसा है, पर कुछ नहीं हासिल है,
जिस तरफ पीठ करो, वहीं खड़ा कातिल है।
उस इंसान से कभी
झूठ मत बोलना,
जिसको आपके झूठ पर
भी भरोसा है।
मतलब भरी इस दुनिया में
कौन किसका होता है,
अक्शर धोखा वही लोग देते है
जिन पर हम भरोसा करते है।
किसी को माफ़ करके
अच्छे इंसान बन जाओ,
मगर दोबारा भरोसा करके
बेवक़ूफ़ मत बनो।
समुंदर की लहरों पर भरोसा कर बैठे,
कल वो डुबा कर हमें किनारा कर बैठे।
अब ज़रा सा भी किसी पर भरोसा नही होता हैं,
और जब भी होता हैं दर्द बड़ा ही बेहद होता हैं।
बेशक किसी को माफ बार-बार करो,
लेकिन भरोसा सिर्फ एक बार करो।
क्यो भरोसा करू किसी और पर,
जब खुद की आखे खुद को धोखा दे।
एक बार फ़िर शक भरोसे से सबूत मांग रहा है,
हँस रही है क़िस्मत,
फ़िर एक रिश्ता दफ़न हो रहा है।
भरोसा कर लिया है मैंने तेरे झूठ पर भी,
तुझे खुदा जो माना है।
Rishte Bharosa Shayari
वहम था मेरा
जो तुम पर भरोसा किया,
लोगों ने तो सिर्फ दिल तोड़ा था,
तुमने तो मेरा रूह निचोड़ दिया।
भरोसा रख मुहब्बत पर,
मुहब्बत रंग लाएगी
ज़माना हार जाएगा,
मुहब्बत जीत जाएगी।
भरोसा तब नहीं टूटता जब कोई रूठ जाता है,
भरोसा तब टूटता है जब कोई दिल तोड़ जाता है।
नसीब से ज्यादा भरोसा तुम पर किया,
फिर भी नसीब इतना नहीं बदला जितना तुम बदल गयी।
आज शाम हुई कल फिर सूरज निकलेगा,
भरोसा रख अपने आप पर हर पल तू निखरेगा।

कोई भरोसे के लिए रोता है,
कोई भरोसा करके रोता है।
उसकी हँसी पर क्या भरोसा करना,
जो शख़्स खुलकर कभी रोया न हो।
अक्सर बुरी सीरतों की सूरतें भी हसीन हुआ करती हैं,
संभलना लोग भरोसे पर छुरी चलाते कतराते नहीं हैं।
ना रुक ना झुक,
रख भरोसा बस चलता जा,
मंज़िल ना मिले तब तक बस बढ़ता जा।।
गिर पड़े उस पत्थर से टकरा कर ज़मीं पर हम,
भरोसे की नीव कह जिसे कभी अपनों ने रखा था।
जब सब तोल रहे थे मुझे ना उम्मीदी के तराज़ू में,
एक वही तो था जिसने भरोसा जताया मुझ में।
भरोसे के बाज़ार में जिंदगी बेची थी मैंने,
तब जा के कहीं पाया हैं ये लेहजा मैंने।
झड़ गए पत्ते उम्मीदों के सारे,
मग़र जड़ भरोसे की मजबूत बहुत है।
अब इन लहरो पर क्या भरोसा करूं,
जब वो मेरे विपरीत ही चल रही है,
मुझे तो इन हवाओं पर भरोसा है,
जो मेरे पतवार को सहारा दे रही है।
भरोसा खुद पर रखो तो ताकत बन जाती है,
और दूसरों पर रखो तो कमजोरी बन जाती है।
बात भरोसे की ना कर
ऐ दिल तू किसी गैर से,
मौसम से ज्यादा,
इन्ही लोगों को बदलते देखा है मैंने।
प्यार और भरोसा दो ऐसे पंछी हैं,
अगर इनमें से एक उड़ जाए तो,
दूसरा अपने आप उड़ जाता है।
जिंदगी की सबसे अनमोल चीज भरोसा,
जितनी आसानी से होता नहीं,
उतनी आसानी से टूट जरूर जाता है।
जिंदगी का भरोसा नहीं
कब तक साथ निभाएगी,
पर मौत पर ऐतबार है
एक दिन ज़रूर आएगी।
यूं तो हर गुनाह का कफ़ारा नहीं होता,
उठ जाए जो एक दफा भरोसा दुबारा नहीं होता।
रोक लो नैनों को लकीरें भी बह जाएंगीं वरना,
आज रोक लो हमेंकल का भरोसा मत करना।
रिश्ते दिल टूटने पर नहीं
भारोसा टूटने पर बिखरते है।
Bharosa Shayari 2 Line
तिरे वादे पर जिए हम तो ये जान झूट जाना
कि ख़ुशी से मर न जाते अगर ए’तिबार होता
दिल को तिरी चाहत पे भरोसा भी बहुत है
और तुझ से बिछड़ जाने का डर भी नहीं जाता
न कोई वा’दा न कोई यक़ीं न कोई उमीद
मगर हमें तो तिरा इंतिज़ार करना था
मुसाफ़िरों से मोहब्बत की बात कर लेकिन
मुसाफ़िरों की मोहब्बत का ए’तिबार न कर
आदतन तुम ने कर दिए वादे
आदतन हम ने ए’तिबार किया
ग़ज़ब किया तिरे वअ’दे पे ए’तिबार किया
तमाम रात क़यामत का इंतिज़ार किया
आप का ए’तिबार कौन करे
रोज़ का इंतिज़ार कौन करे

मैं अब किसी की भी उम्मीद तोड़ सकता हूँ
मुझे किसी पे भी अब कोई ए’तिबार नहीं
मिरी ज़बान के मौसम बदलते रहते हैं
मैं आदमी हूँ मिरा ए’तिबार मत करना
इश्क़ को एक उम्र चाहिए और
उम्र का कोई ए’तिबार नहीं
सुबूत है ये मोहब्बत की सादा-लौही का
जब उस ने वादा किया हम ने ए’तिबार किया
या तेरे अलावा भी किसी शय की तलब है
या अपनी मोहब्बत पे भरोसा नहीं हम को
दीवारें छोटी होती थीं लेकिन पर्दा होता था
तालों की ईजाद से पहले सिर्फ़ भरोसा होता था
मुझ से बिगड़ गए तो रक़ीबों की बन गई
ग़ैरों में बट रहा है मिरा ए’तिबार आज
हर-चंद ए’तिबार में धोके भी हैं मगर
ये तो नहीं किसी पे भरोसा किया न जाए
ऐ मुझ को फ़रेब देने वाले
मैं तुझ पे यक़ीन कर चुका हूँ
मिरी तरफ़ से तो टूटा नहीं कोई रिश्ता
किसी ने तोड़ दिया ए’तिबार टूट गया
मैं उस के वादे का अब भी यक़ीन करता हूँ
हज़ार बार जिसे आज़मा लिया मैं ने
भोली बातों पे तेरी दिल को यक़ीं
पहले आता था अब नहीं आता
झूट पर उस के भरोसा कर लिया
धूप इतनी थी कि साया कर लिया
यूँ न क़ातिल को जब यक़ीं आया
हम ने दिल खोल कर दिखाई चोट
बहुत क़रीब रही है ये ज़िंदगी हम से
बहुत अज़ीज़ सही ए’तिबार कुछ भी नहीं
हम आज राह-ए-तमन्ना में जी को हार आए
न दर्द-ओ-ग़म का भरोसा रहा न दुनिया का
वो कहते हैं मैं ज़िंदगानी हूँ तेरी
ये सच है तो उन का भरोसा नहीं है
किसी पे करना नहीं ए’तिबार मेरी तरह
लुटा के बैठोगे सब्र ओ क़रार मेरी तरह
दर्द-ए-दिल क्या बयाँ करूँ ‘रश्की’
उस को कब ए’तिबार आता है
ये और बात कि इक़रार कर सकें न कभी
मिरी वफ़ा का मगर उन को ए’तिबार तो है
जान तुझ पर कुछ ए’तिमाद नहीं
ज़िंदगानी का क्या भरोसा है
You can also read Dhoka Shayari in Hindi
जब नहीं कुछ ए’तिबार-ए-ज़िंदगी
इस जहाँ का शाद क्या नाशाद क्या
मुझे है ए’तिबार-ए-वादा लेकिन
तुम्हें ख़ुद ए’तिबार आए न आए
उस की ख़्वाहिश पे तुम को भरोसा भी है उस के होने न होने का झगड़ा भी है
लुत्फ़ आया तुम्हें गुमरही ने कहा गुमरही के लिए एक ताज़ा ग़ज़ल
बस इस सबब से कि तुझ पर बहुत भरोसा था
गिले न हों भी तो हैरानियाँ तो होती हैं
एक में ही था जो तुम पर भरोसा कर बैठा,
वरना बताने वालो ने सब कुछ ठीक ही बताया था..!!
मेरी हैसियत से ज्यादा तूने मेरी थाली में परोसा हे,
तू लाख मुश्किलें दे ए खुदा मुझे तुज पर भरोसा हे..!!
भरोसा लफ्जो का छोटा सा है,
मगर यकीन दिलाने मे पूरी जिंदगी निकल जाती है..!!
इस मतलबी दुनिया में किसी पर भरोसा मत करना,
इश्क और धोखे में अपना जीवन बेकार मत करना..!!
Relationship Rishte Bharosa Shayari
कभी भी किसी का प्यार,
और भरोसा मत खोना,
क्योकि प्यार हर किसी से नहीं होता,
और भरोसा हर किसी पे नहीं होता..!!
दिल की धड़कन और मेरी सदा हो तुम,
मेरे भरोसे की आखरी वफा हो तुम..!!
भरोसा उस पर करो जो,
आपकी इन बातो का ख्याल रख सके,
हंसी के पीछे का दुख चुप रहने की वजह और,
गुस्से के पीछे का प्यार..!!

जिंदगी एक खेल है चलती रहेगी पर,
कभी किसी का भरोसा मत करना..!!
हम समझदार भी इतने है के उनका झूठ पकड़ लेते है,
और उनके दिवाने भी इतने के फिर भी यकीन कर लेते है..!!
विश्वास जीतना बड़ी बात नही है,
विश्वास बनाए रखना बड़ी बात है..!!
ज़िन्दगी बड़ी हसीन हे उसे प्यार करो,
अभी हे रात तो सुबह का इंतजार करो,
वो पल भी आएगा जिसका इंतजार हे आपको,
बस खुदा पर भरोसा रखो और वक्त पर ऐतबार करो..!!
नसीब से ज्यादा भरोसा तुम पर किया,
फिर भी नसीब इतना नहीं बदला जितना तुम बदल गए..!!
खुद से बढ़कर भरोसा है मुझे तुम पर,
इस भरोसे को तुम बेकार न करना..!!
जब जब भरोसा किया है मेने तब तब भरोसा टूटा है मेरा,
अब तो किसी पर भरोसा करने का मन ही नही करता है मेरा..!!
भरोसा कर के तुमपे जो मैने तुम्हारा हाथ थाम लिया
भरोसा भी न रहा मेरे भरोसे पे के तुमने मेरा साथ छोड़ दिया..!!
किसी पर खुद से भी ज्यादा भरोसा करना,
और उस भरोसे का टूटना तो जैसे दस्तूर हो जिंदगी का..!!
सिखा दिया दुनिया ने मुझे अपनो पर भी शक करना,
मेरी फितरत मे तो गैरों पर भी भरोसा करना था..!!
यह चमत्कार केवल विश्वास ही कर सकता है,
जो पत्थर को भी भगवान कर सकता है..!!
वो मुझ को भूल चुका अब यक़ीन है वर्ना,
वफ़ा नही तो जफ़ाओ का सिलसिला रखता..!!
मुंह से माफ करने में किसी को वक्त नही लगता,
पर दिल से माफ करने में उम्र बीत जाती है..!!
भरोसा सब पर करो पर सावधानी से,
क्योंकि कभी कभी खुद के दांत भी जीभ काट लेते हैं..!!
प्यार गहरा हो या ना हो,
पर भरोसा गहरा होना चाहिये..!!
आजकल न जाने कब बदल जाए इंसान भरोसा नहीं,
कहते हैं जो भरोसा करो हम पर अक्सर भरोसा तोड़ते हैं वहीं..!!
भरोसा जितना कीमती होता है,
धोखा उतना ही महँगा हो जाता है..!!
प्यार में तो बस भरोसा होना चाहिए,
शक तो पूरी दुनिया करती हैं..!!
सब पर भरोसा है पर कुछ नहीं हासिल है,
जिस तरफ पीठ करो वहीं खड़ा कातिल है..!!
किसी को माफ़ करके अच्छे इंसान बन जाओ,
मगर दोबारा भरोसा करके बेवक़ूफ़ मत बनो..!!
अब ज़रा सा भी किसी पर भरोसा नही होता हैं,
और जब भी होता हैं दर्द बड़ा ही बेहद होता हैं..!!
बेशक किसी को माफ बार बार करो,
लेकिन भरोसा सिर्फ एक बार करो..!!
क्यो भरोसा करू किसी और पर,
जब खुद की आखे खुद को धोखा दे..!!
भरोसा तब नहीं टूटता जब कोई रूठ जाता है,
भरोसा तब टूटता है जब कोई दिल तोड़ जाता है..!!
आज शाम हुई कल फिर सूरज निकलेगा,
भरोसा रख अपने आप पर हर पल तू निखरेगा..!!