100+ Best Mausam Shayari in Hindi 2025

मौसम का हर रंग अपने साथ खास अहसास लेकर आता है—कभी ठंडी हवा में सुकून, कभी बारिश में भीगती यादें, तो कभी गर्मी में चुभती तन्हाई। Mausam Shayari in Hindi इन बदलते मौसमों के एहसासों को शब्दों में ढालने का एक खूबसूरत तरीका है। जब दिल किसी खास मौसम से जुड़ी यादों में खो जाता है, तो शायरी उसे और भी खास बना देती है। चाहे प्यार हो, तन्हाई, या कोई पुरानी याद—हर भाव को मौसम के साथ जोड़कर इन शायरियों में बयां किया गया है। आइए, महसूस कीजिए हर मौसम को इन दिलकश शायरियों के साथ।
Mausam Shayari 2 Line
मैं आखिर कौनसा मौसम तुम्हारे नाम कर दु,
यहां हर मौसम को गुज़र जाने की जल्दी है.
फितरत ही कुछ ऐसी है इस जहान की,
यहां तो बदल तक रंग बदलते हैं.
मुझे फ़ुर्शत हु कहा है के मौसम सुहाना देखूं,
आप की याद से निकलूं तो ज़माना देखूं.
ढलने लगी थी शाम के तुम याद आ गए,
फिर यूं हुआ के रात बहुत देर तक चली.
मौसम जो ज़रा सर्द हुआ,
फिर वही पुराना दर्द हुआ.
कभी करीब तो कभी बहुत दूर होते है,
ये मोहब्बत के भी मौसम अजीब होते है.

हज़ार बार ये मौसम बदल गया लेकिन,
हमारी उनसे बिछड़ने की वो तारीख ना बदली.
है बहुत अंधेरा अब सूरज निकलना चाहिए,
जिस तरह से भी हो ये मौसम बदलना चाहिए.
बारिश ओर मौसम दोनो ही यादगार होते है,
बारिश मै जिस्म भीगता है और मोहब्बत में आंखे.
एक तो बादल बिना मौसम बरसाते रहे,
दूसरे हम जो तुझे देखने को तराशते रहे.
मेरे ही आसमा का रंग है ऐसा,
या शाम कहीं ओर भी उदास है.
मौसम ए मिज़ाज, गुलज़ार कर गए,
उफ्फ वो मुस्कुराए, कर्जदार कर गए.
कहीं फिसल ना जाओ सम्भल कर रहना,
मौसम बारिश का भी है, और मोहब्बत का भी.
कितना भी बदल जा तू मौसम,
इंसान से ज्यादा बदलने का हुनर नहीं है तुझमें.
मौसम से सीखा है मैने बदलना,
अगर मैं बदलू तो दोष कुदरत को देना.
कोई मौसम होता तो बयां कर देता मै,
उनके हुस्न को बयां करना मेरे बस्की बात नहीं.
मौसम की मिसाल दु या तुम्हारी,
कोई पूछ बैठा है बदलना किसको कहते है.
तेरा शहर भी तेरी तरह निकला,
बेवफा होकर भी खूब रौशन.
दूर होकर भी पास हो तुम,
एक अलग सा एहसास हो तुम.
कोई आशिक भी ना रोया हो इतना, अपने महसूब से बिछड़ने के बाद,
जितना ये आसमान तो रहा है बिना किसी चांद के.
बदलते मौसम के साथ लोग भी बदल जाते है,
पर मौसम फिर से लौट आते है, मगर लोगो नहीं.
मंजर भी बेनूर थे,
ओर फिजाएं भी बेरंग थी,
तुम्हारक याद आई और मौसम सुहाने हो गए.
ए मौसम कैसी है ये तेरी बेवफाई,
परायों की याद को मिटाना था,
तूने तो अपनों की ही करदी सफाई.
इस तरह भीगे हम तेरी बारिश में,
के खुश्क मौसम में भी तेरे एहसास है.
फ़िर कहा अपने मौसम सुहाने हुए,
हमे उनसे बिछड़े ज़माने हुए.
हवा तो रात दिन चलती रहेगी,
ये शम्मा रात भर जलती रहेगी,
अब ये मुमकिन नहीं वो लौट आए,
ज़िन्दगी बस यूंही चलती रहेगी.
हम बदल नहीं सके तेरे लिए,
मगर बदल गए है तेरी वजह से.
दिल बहुत करता है के तुमसे बात करूं,
लेकिन दिल की ही ख्वाइश है के शुरुआत तुम करो.
अच्छी किताबें और अच्छे लोग,
तुरंत समंझ नहीं आते इन्हें पढ़ना पड़ता है.
जितने हम उन्हें देखने को तरसते हैं,
उससे कहीं ज्यादा तो बदल बरसते है.
जो मौसम गुज़र गए, उन्हें क्या पता,
यादों का बोझ कितना भारी होता है.
ए बारिश जरा थम के बरस,
जब मेरा दोस्त आ जाए तो जम के बरस,
पहले ना बरस कि वो आ ना सके,
फिर इतना बरस की वह जा ना सके.
ये मौसम कहीं गुजर ना जाए,
तूझे जी भर के देख लू बरसात से पहले…!
ये मौसम बोहोत खूबसूरत है,
इसे हम दोनो की जरूरत है…!
Mausam Shayari in Hindi
ऐ मौसम मुझे वहा ले चल,
जहा उसके और मेरे बीच कोई दूरी ना रहे…!
मेरी ख्वाइश आज मुझसे पूछती है,
तेरी ख्वाइश क्या है…!
चलने लगती हैं ये मौसम की भी सांसे,
जब कोई झोका तेरी पलकों की हवा का लहराए…!
जान ये मौसम तो कुछ लम्हों में बदल जाएगा,
वादा करो तुम नही बदलोगे…!
जब जब तु मेरे करीब आता था,
ये मौसम मेरे साथ साथ गुनगुना था…!
अपनी चाहत की फिर से शुरुवात होगी,
जब टूट के बरसेगा बदल और बरसात होगी…!
मौसम बाहर का आए तो दिल दुखता है,
काश वो समंझ पाते इस दूरी के एहसास को…!
ये मौसम उदासियो के बदल जाते,
अगर तुम मेरे साथ चल जाते…!

मुझे मौसम का नही,
तेरे बदल जाने का डर है…!
अजीब ही था वो सक्स,
बरसात की तरह आया,और मौसम की तरह छा गया…!
ना भिगो इस तेज बरसात में,
मजाक अच्छा नहीं जानम मौसम के साथ में…!
इस बारिश में ऐसा काम कर जायेंगे,
अपना सबकुछ मौसम के नाम कर जायेंगे…!
तुम्हारा तो पता नही,
पर मेरा दिल तरसता है तुमसे मिलने के लिए…!
मेरी सादगी से इश्क कर पाओ तो बताना,
माना के मेरा चहरा इतना खास नही है…!
तेरे बारे में गलत सोच रखने वाले,
मुझे एक नजर नही भाते…!
मन होना चाहिए किसी को याद करने का,
वक्त तो अपने आप निकल जाता है…!
मर तो जाना ही है एक दिन,
तुम आओ तो थोड़ा जी लेंगे हम…!
जब प्यार किसी से ज्यादा हो जाए,
तो दिल मछली महबूब पानी बन जाता है…!
खुले आसमान के नीचे,
तेज बारिश के साथ,नया प्यार मिलेगा,
नए मौसम के साथ…!
काश वो आए और कहे,
हम मौसम की तरह दीवाने है तेरे…!
उजड़ जाति हैं बस्तियां,
मौसम जरा सा खराब होने पर…!
मौसम चाहे जैसा भी हो,
तुमसे मिलने का वादा जरूर पूरा करूंगा…!
भीगना मुझे भी पसंद है,
अगर बारिश का कोई मौसम हो…!
भीगी भीगी बारिश का साज़ है,
ये मौसम नही मेरे दिल की आवाज है…!
अगर मौसम बहारों का हो,
तो हर चीज अच्छी लगती है…!
सावन की शुरुवात अलग होती है,
उस मौसम की बात अलग होती है…!
जब आसमान पर घाटा काली नजर आती है,
तो पेड़ो के पत्तो पर हरियाली नजर आती है…!
तेरे प्यार की जरूरत है मुझे,
ये मौसम मुझे तेरी ओर खींचता है…!
Barish Mausam Shayari in Hindi
ये बारिश का मौसम जब जब आता है,
अपने साथ सुहाने पल भी लाता है
कोई अजीब सी ख्वाइश रो रही है,
मेरे जिस्म में बारिश रो रही है
दिल को किसी की फरमाइश नही हुई,
फिर उसके बाद ऐसी बारिश नही हुई
जो कभी बादल बनकर बरसा था,
उसी की ख्वाइश में दिल तरसा था…!
किसी आंधी का नही,
यहां बारिश का जिक्र है,
मुझे मौसम की नही ,
तेरी फर्क है…!
वो बारिश की तरह है दोस्त,
अगर बरसे तो कायनात भीग जाए…!

हर बारिश में तेरा इंतजार करू,
मैं तुझे हद से ज्यादा प्यार करू…!
तुम अपना गम भूल जाओगे दोस्त,
जिस दिन बारिश में नहाओगे दोस्त…!
बारिश ही तो है, तुम्हारी यादों की तरह आई,
और चली गई…!
बारिश का कोई रंग तो नही होता,
मगर इनके बिना प्यार बेरंग है…!
जाने कोन भीगने से रह गया शहर में,
जिसके लिए रह रह के लोट रही है बारिश…!
कुछ तो चाहत होगी इन बारिश की बूंदों में,
वरना कोन गिरता है ज़मीन पर असमान तक पोहोच्ने के बाद…!
हवा चुरा के ले गई मेरी शायरी की किताब,
देखो आसमा आज पढ़ के रो रहा है…!
मौसम है बारिश का,
और याद तुम्हारी आती है…!
अजीब है तेरे जाने के बाद की बरीशे भी,
बंद कमरे में भी हमारा तकिया भीगता है…!
फितरत तो कुछ यूं भी है इंसान की,
बारिश खतम हो जाए तो छतरी बोझ लगती है…!
कोई ऐसी सड़क हो,
जहां कोई ना आता जाता हो,बस तुम हो बारिश हो,
सिर्फ एक छाता हो…!
बारिश का क्या है साहब,
पल भर में ठहर जायेगी,ये बूंदे तो मेरी आंखो से हर रोज बहती है…!
You Can Also Read Barish Shayari in Hindi
टूट कर बरसता है जब बदल,
मैं पागल सा हो जाता हु तेरी याद में…!
खो सा गया हू इस बार की बारिश में,
तुझे खोने के डर में, तुझे पाने की ख्वाइश में…!
भिगो कर मुझको पूरा वो फिर ना लेटी है,
शायद तुम्हारी तरह मुझसे शहर की बारिश भी रूठी है…!
तुम जो होते तो बात कुछ और थी,
अबकी बरसात तो बस पानी है…!
जब भी बारिश मेरी आंखो में उतर जाती है,
बदलो के तेरी तस्वीर उभर जाति है…!
Barish Ka Mausam Shayari Hindi
तुम्हारी यादें भी बारिश की तरह है,
भीग कर सुकून मिलता है…!
हमसे पूछो मिजाज बारिश का,
है जो कच्चे मकान वाले हैं…!
बाहर बारिश की बूँदें बरस रही हैं,
अंदर तेरे लिए आँखें तरस रही हैं…!
बारिश की बूंदों में जल रहा है दिल मेरा,
हर तरफ तेरी यादों का धुआं धुआं सा है…!
उनसे कहना के किस्मत पर इतना नाज़ ना करे,
हमने बारिश में भी जलते हुए मकान देखे हैं…!
आज सारा दिन उदास गुज़र गया,
अभी रात की सजा बाकी है…!
उदास फिरता है अब मोहल्ले में बारिश का पानी,
कश्तियां बनाने वाले मोबाइल से इश्क कर बैठे…!
बस एक तेरे संग भीगे हम,
मुझे उस बारिश की तलाश है…!
कोई कितना भी खुश मिजाज क्यों ना हो,
रुला देती है ये बारिश कभी कभी…!
सुना है बारिश में दुआ कबूल हो जाती है,
इजाजत हो तो तुम्हे मांग लू…!
कुछ रिश्ते बारिश की बूंदों की तरह है,
जब भी याद आते है तो जमकर बरसात होती है…!
क्या रोग दे गई है ये नए मौसम की बारिश,
मुझे याद आ रहे हैं, मुझे भूल जाने वाले…!
आदत ना डाल मुझे बारिश में नहाने की,
या तो ऊब जाऊंगा या डूब जाऊंगा…!
जिस तरह टूट के बरसी है बारिश,
उसी तरह खुद को तेरी जात पे मरते देखा…!
सुनो ये बादल जब भी बरसता है,
मेरा मन तुमसे मिलने को तरसता है…!
खिड़कियों से झांकना बेकार है,
बारिश हो रही हो तो थोड़ा भीग लेना चाहिए…!
बारिश में भीगना चाहती हू,
ताकि कोई मेरे आसू ना देख सके…!
Romantic Mausam Shayari
उनके प्यार में इस कदर मदहोश है की,
बारिश की बूंदों का स्पर्श भी उन्ही का एहसास कराता है…!
बारिश यूं अचानक आई,
ऐसा लगा तुम मेरे शहर में हो…!
मैं बादलों से ये गुज़ारिश करूँगा,
तुम मेरे पास हो जब भी ये बारिश हो…!
बारिश में भीगने का मजा तब आता है,
जब भीगने वाले दो हो और छाता एक…!
मुझे बारिश से इतना लगाव है,
की एक मौसम मेरे अंदर भी ऐसा रहता है…!
कुछ तो हुआ है इस बार की बारिश में,
वरना यूं ही बादल लगातार नही बरसते…!
बारिश से जरा कहदो इतना भी ना बरसे,
अगर मुझे उनकी याद आ गई तो मुकाबला बराबर का होगा…!
बारिश की तरह बरसे मेरा इश्क टुमपर,
तुम्हे भी ही जाए फिर इश्क का बुखार…!

सारे इत्रो की खुशबू मंद पड़ जाती है,
अगर मिट्टी पे बूंदे चंद पड़ जाती है…!
मौसम देख कर आना मेरे शहर में दोस्त,
मैं इस बार की बारिश में तुम्हे जाने नही दूंगा…!
चूम लेता हु मै उसको जब वो उदास होता है,
ये बारिश का मौसम भी बोहोत खास होता है…!
कितनी भी तेज हो इस बार की बारिश,
नही बदल सकती मेरी तुमसे मिलने की ख्वाइश…!
कभी कभी तो ऐसा लगता है मेरी जान,
ये बारिश सिर्फ हम दोनो के लिए बनी है…!
बारिश से मेरा रिश्ता सा बन गया है दोस्त,
जबसे भीगा हु मै तुम्हारी खुशी के लिए…!
मैने इश्क किया है तुझे बारिश की तरह,
तू जब भी आएगा मौसम हसीन होगा…!
जरा सी बात पर रिश्ते बदल भी जाते है,
तेज बारिश हो तो यारो फिशल भी जाते है…!
कोई भी मौसम खराब नही होता,
मगर बारिश की बात सबसे अलग है…!
लगा लो हमें अपने सीने से जान,
कहीं ये बारिश का मौसम गुजर जाए…!