180+ Political Shayari In Hindi 2025

Political Shayari

राजनीति समाज का आईना होती है, जहां वादे, सपने और सच्चाई आपस में टकराते हैं। नेताओं के भाषण, जनता की उम्मीदें और सियासत की चालें अक्सर हंसी भी लाती हैं और सोचने पर मजबूर भी करती हैं। Political Shayari In Hindi इन्हीं हालातों को शायराना अंदाज़ में पेश करती है। इस लेख में पढ़ें ऐसी शायरियां जो राजनीति के रंग, व्यंग्य और सच्चाई को शब्दों में ढालती हैं। ये शायरियां कभी मुस्कान लाएंगी तो कभी दिल को कड़वी सच्चाई का एहसास कराएंगी।

Political Shayari In Hindi

दुश्मनों से इलेक्सन जितने लगा हूँ
तब से उनके ख्वाब टूटने लगे हे..!!!
सियासत के सौदागर, अब बाज़ आओ
झूठ के नारों से मत हमें बहलाओ
हमने देखा है वक़्त बदलते हुए
अब खुद को भी ज़रा बदल कर दिखाओ..!!!
Political Shayari In Hindi
Political Shayari In Hindi
कुर्सी की ये लड़ाई बहुत महंगी पड़ी है
सच की हर आवाज़ अब साज़िशों में गड़ी है
जो था सेवक बनकर आया था दरबार में
आज खुद को खुदा समझ बैठा है सरकार में..!!!
अंधेरों में भी उम्मीदें जगाते रहेगे
हम वोट की ताक़त से बदलाव लाते रहेंगे
क्योंकि ये देश किसी नेता की जागीर नही
ये जनता का है और रहेगा सदा यही..!!!
लोकतंत्र जब अपने असली रंग में आता है
तो नेताओं की औकात का पता चल जाता है !!
जिनको हम चुनते है वो ही हमें धुनते है
चाहे बीवी हो या नेता दोनों कहाँ सुनते है !!
आओ दोस्तो राजनीति को एक नया मोड़ देते है
झूठे वादो को छोड़कर विकास की ओर जोड़ देते है..!!
नेता तो हर बार नया वादा करते है
जैसे बारिश से पहले बादल बरसते है
जनता पूछे अब हिसाब-ए-वफ़ा
वो कहते है अगली बार करते है..!!!
समझना मुश्किल है लेकिन बहुत आसान सी नीति हूं
हां मैं राजनीति हूं चंद लोगो की वजह से
हर वक्त जहर पीती हूं हां मैं राजनीति हूं.!!
नेता की बातों में सच्चाई का अभाव होता है
झूठ बोलना तो इनका स्वभाव होता है !!
सरकार को गरीबों का ख्याल
कब आता है चुनाव नजदीक आ जाए तो
मुद्दा उछाला जाता है !!
सरहदों पर बहुत तनाव है क्या
कुछ पता करो चुनाव है क्या !!

Rajniti Shayari in Hindi

नजर वाले को हिन्दू और
मुसलमान दिखता हैं
मैं अन्धा हूँ साहब मुझे तो हर
शख्स में इंसान दिखता है !!
नए किरदार आते जा रहे है
मगर नाटक पुराना चल रहा है !!
Rajniti Shayari in Hindi 
Rajniti Shayari in Hindi
बुलंदी देर तक किस शख़्स के
हिस्से में रहती है
बहुत ऊँची इमारत हर घड़ी
खतरे में रहती है !!
न मस्जिद को जानते है
न शिवालो को जानते है जो भूखे पेट है
वो सिर्फ निवालों को जानते है !!
इस बात से सलाम करना मेरी सूरत
का अंदाजा वह लोग लगाते हे जो मुझे
सलाम टोकते है जिन्हे तू सलाम करता है !
एक चमचा बोला कि गोडसे कौन
थे मैंने जवाब दिया गोडसे आजाद
भारत के वो पहले न्यायाधीश थे जिसने फैसला
ON THE SPOT किया था !!
चोर बेईमान और भ्रष्ट नेताओं की क्यो करते
हो बात लोकतंत्र की ताकत है जनता में
दिखला दो इनकी औकात !!
शेर खुद अपनी ताकत से जंगल का
राजा कहलाता है जंगल में चुनाव नहीं
होते वरना चिड़ीया भी बादशाह कहलाते !!
कैसी है ये ज़िम्मेदारी सांई की
जनता जान गयी मक्कारी सांई की
देश को लूटने वाले लूट के ले जाएं
मान गये हम चौकीदारी सांई की !!
खेल चुनाव का हो या जिंदगी
का अपना इक्का तभी दिखाना
जब सामने बिग शेर हो तब !
जो तौर है दुनिया का उसी तौर से बोलो
बहरों का इलाका है ज़रा ज़ोर से बोलो !!
चुनावों में दुनिया को देखो मुस्कुराती
और खुशिया बनाती नजर आएगी !
जहाँ सच हैं वहाँ पर हम खड़े हैं
इसी खातिर आँखों में गड़े है !!

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ऐसा कोई ईलाका नही जहां अपना कहर
नहीं ऐसी कोई मोहल्ला नही
जहां अपनी चली नही !!
ये लोग पांव नही जे़हन से अपाहिज है
उधर चलेगे जिधर रहनुमा चलाता है..!!
नेता भी क्या खूब ठगते है
ये तो 5 साल बाद ही दिखते है!
वो चाहता था कि कासा खरीद ले मेरा
मैं उसके ताज की क़ीमत
लगा के लौट आया !!
दुनिया को आज मुझ पर हजारो गलतिया नजर आते है
कभी वही लोग हमारी गलती पर भी ताली बजाते है !

राजनीति शायरी दो लाइन

तबाह कर दिया अहबाब को
सियासत ने मगर मकान से
झंडा नहीं उतरता है !!
में तो इलेक्सन का बादशाह हूँ
जो सुनते भी दिल की आवाज है
और करते भी अपनी है !!
राजनीति शायरी दो लाइन
राजनीति शायरी दो लाइन
सभी एक जैसा ही लिखते है
बस मतलब बदल जाते है
सरकारे वैसे ही चलती हैं बस
वजीर-ए-आजम बदल जाते हैं !
धुआं जो कुछ घरों से उठ रहा है
न पूरे शहर पर छाए तो कहना !!
आज भी चुनावों का खेल अकेले ही खेलता हूँ
क्योंकि जनता के विरुध चाल चलना
मेने नहीं सिखा हें !!
गंदी राजनीति का यह भी एक परिणाम है
बीस रूपये एक बोतल पानी का दाम है !!
जो दोस्त हैं वो मांगते हैं सुलह की दुआ
दुश्मन ये चाहते है कि आपस में जंग हो !!
हम दिल से जरा से अच्छे हैं तभी
ही तो चुनाव जीत रहे है बुरे होते
तो जनता जीतने नही देती !!
हम अपना स्टेटस पंचायत राज
के चुनावों में अपडेट करते है
पैसों पर नहीं जनता पर राज करते हे !!
राजनीति में अब युवाओं को भी आना चाहिए
देश को ईमानदारी का आईना दिखाना चाहिए
युवा नेता शायरी !!
सवाल जहर का नहीं था वो तो मैं पी गया
तकलीफ लोगों को तब हुई
जब मैं फिर भी जी गया !!
आज मैं अकेला ही हूं तो क्या हुआ
एक दिन उसे भी
मेरे लिए तड़ पना ही पड़ेगा
सब सुनना साल लगेगा !!
हमारी रहनुमाओ में भला इतना गुमां कैसे
हमारे जागने से नींद में उनकी खलल कैसे !!
मुझे कर्म करने से मंजिल नही
मिल रही है अब बड़ा कांड करके
देखेंगे पंचायती राज !!
इस नदी की धार में ठंडी हवा तो आती है
नाव जर्जर ही सही लहरों से टकराती तो है!
दुश्मनी जम कर करो लेकिन ये गुंजाइश रहे
जब कभी हम दोस्त हो जाएँ तो शर्मिंदा न हों

दर्द भरी राजनीति शायरी

हर आदमी में होते हैं दस बीस आदमी
जिस को भी देखना हो कई बार देखना
कुर्सी है तुम्हारा ये जनाज़ा तो नहीं है
कुछ कर नहीं सकते तो उतर क्यों नहीं जाते
दर्द भरी राजनीति शायरी
दर्द भरी राजनीति शायरी
नए किरदार आते जा रहे हैं
मगर नाटक पुराना चल रहा है
एक आँसू भी हुकूमत के लिए ख़तरा है
तुम ने देखा नहीं आँखों का समुंदर होना
काँटों से गुज़र जाता हूँ दामन को बचा कर
फूलों की सियासत से मैं बेगाना नहीं हूँ
देखोगे तो हर मोड़ पे मिल जाएँगी लाशें
ढूँडोगे तो इस शहर में क़ातिल न मिलेगा
धुआँ जो कुछ घरों से उठ रहा है
न पूरे शहर पर छाए तो कहना
इश्क़ में भी सियासतें निकलीं
क़ुर्बतों में भी फ़ासला निकला
समझने ही नहीं देती सियासत हम को सच्चाई
कभी चेहरा नहीं मिलता कभी दर्पन नहीं मिलता
इन से उम्मीद न रख हैं ये सियासत वाले
ये किसी से भी मोहब्बत नहीं करने वाले
मुझ से क्या बात लिखानी है कि अब मेरे लिए
कभी सोने कभी चाँदी के क़लम आते हैं
ये सच है रंग बदलता था वो हर इक लम्हा
मगर वही तो बहुत कामयाब चेहरा था
वो ताज़ा-दम हैं नए शो'बदे दिखाते हुए
अवाम थकने लगे तालियाँ बजाते हुए
सवाल ये है हवा आई किस इशारे पर
चराग़ किस के बुझे ये सवाल थोड़ी है
नई लाशें बिछाने के लिए ही
गड़े मुर्दे उखाड़े जा रहे हैं
ऐसा गुलशन की सियासत ने किया है पाबंद
हम असीरान-ए-क़फ़स आह भी करने के नहीं

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