200+ Kismat Shayari in Hindi 2025

किस्मत एक रहस्य है, जिसे कोई समझ नहीं पाया। कभी यह हमें हमारी मंज़िल से मिला देती है, तो कभी सब कुछ होते हुए भी खालीपन दे जाती है। Kismat Shayari in Hindi के इस संग्रह में आपको मिलेंगी वो शायरियाँ जो किस्मत के खेल, उसके फ़ैसलों और हमारे जज़्बातों को बयां करती हैं। ये शायरियाँ आपको सोचने पर मजबूर कर देंगी कि शायद किस्मत से बड़ा कुछ भी नहीं। अगर आपके दिल में भी कुछ अधूरे सपनों या सवालों की हलचल है, तो इस ब्लॉग की शायरियाँ आपके दिल को ज़रूर सुकून देंगी।
Kismat Shayari in Hindi
किस्मत भी उनका साथ देती है,
जिनमें कुछ कर गुजरने की हिम्मत होती है.
जो क़िस्मत में होगा वो ख़ुद चलकर आएगा,
जो नहीं होगा वो पास आकर भी दूर चला जाएगा.
दुआ की न पूछो की कितनी है कुदरत,
उठा के हाथ देखो बदलती है किस्मत.
किस्मत मात्र एक छलावा है कर्म के गीत गाओ,
हो गई सुबह ख्वाब छोड़ो हकीकत से आँख मिलाओ.

किस्मत ने कहा, आज से सब हुआ तेरा,
मैंने कहा, अभी मन नहीं भरा मेरा.
बिकने वाले और भी है जाओ जाकर खरीद लो,
हम कीमत से नहीं किस्मत से मिला करते है.
काश किस्मत भी नींद की तरह होती,
हर सुबह खुल जाती.
किस्मत मात्र एक छलावा है कर्म के गीत गाओ,
हो गई सुबह ख्वाब छोड़ो हकीकत से आँख मिलाओ.
मुझ में और किस्मत में हर बार बस यही जंग रही,
मैं उसके फैसलें से तंग और वो मेरे हौसले से दंग रही.
प्यार हो तो किस्मत में हो,
वरना दिलों में तो सबके होता हैं.
साथ चलता है, दुवाओं का काफिला,
किस्मत से जरा कह दो, अभी तन्हा नही हूँ मैं..
बिन लगाए पौधा फूल नहीं खिलता,
वक्त से पहले और किस्मत से ज्यादा,
किसी को कुछ नहीं मिलता.
जिनका मिलना किस्मत में नही होता,
उनसे मोहब्बत कसम से कमाल की होती है.
रोज़ वो ख़्वाब में आते हैं गले मिलने को,
मैं जो सोता हूँ तो जाग उठती है क़िस्मत मेरी.
किस्मत का रोना मैंने छोड़ दिया,
अपनी उम्मीदों को मैंने हौसलों से जोड़ दिया.
बेकार मत समझना, दुआ की भी पड़ती है जरूरत,
कई बार सिर झुकाने से भी बदलती है किस्मत.
इसी में इश्क़ की क़िस्मत बदल भी सकती थी,
जो वक़्त बीत गया मुझ को आज़माने में.
मंजूर है मुझे हर शर्त वो तेरी,
मैं किस्मत में नहीं, खुद पर यकीं रखती हूं.
क़िस्मत मे है जो लिखा, वो आखिर होकर रहता,
हैं चंद लकीरें उलझी सी, हाथों में रखा ही क्या.
Sad Kismat Shayari
कभी कभी किस्मत भी कमाल कर देता है,
रोटी कमाने निकलों तो सिर पर ताज रख देता है.
हैरान हो जाएंगे देखकर दुनिया वाले मेरी बरक़त को,
कुछ इस कदर बदल देंगे हम अपनी किस्मत को.
हँस हँस के जवां दिल के हम क्यों न चुनें टुकडे,
हर शख्स की किस्मत में इनाम नहीं होता.

बदलता नहीं ये किस्मत, कैसी है इसकी फितरत,
सोचता हूँ खरीद लू, पर लेता नहीं ये रिश्वत.
मुक़द्दर की लिखावट का एक ऐसा भी कायदा हो,
देर से किस्मत खुलने वालो का दुगुना फायदा हो.
तलब ऐसी है कि साँसों में बसा लूँ तुम्हें,
और किस्मत ऐसी है कि देखने को मोहताज हूँ तुम्हें.
लेके अपनी अपनी क़िस्मत,
आए थे गुलशन में गुल,
कुछ बहारों में खिले,
कुछ ख़िज़ाँ में खो गए.
जिन्दगी में चुनौतियाँ,
हर किसी के हिस्से में नहीं आती है,
क्योंकि किस्मत भी,
किस्मत वालों को ही आजमाती है.
यूँ ही नहीं होती हाथ की,
लकीरों के आगे उंगलियाँ,
खुदा ने भी किस्मत से,
पहले मेहनत लिखी है.
किसी राह पे मिल जाओ मुसाफ़िर बन के,
क्या पता अपनी किस्मत में हमसफ़र भी लिखा हो.
हाथों की लकीर, किस्मत और नसीब,
जवानी में ऐसी बातें लगती है अजीब,
कर्म करके तू लिख दे अपना नसीब,
दुनिया भी कहे इंसान था वो अजीब.
कुम्भकरण की तरह जब किस्मत सोती है,
तभी इंसान से जमकर मेहनत होती है.
प्यार की कली सबके लिए खिलती नहीं,
चाहने पर हर एक चीज मिलती नहीं,
सच्चा प्यार किस्मत से ही मिलता है,
और हर किसी को ऐसी तकदीर मिलती नहीं.
किस्मत अपनी अपनी है,
किसको क्या सौगात मिले,
किसी को खाली सीप मिले,
किसी को मोती साथ मिले..
मेरी क़िस्मत की लड़ाई में खुद लड़ूंगा,
चाहें वो मिले ना मिले,
मेरी ज़िन्दगी है मैं खुद जीऊंगा.
तुम मिले तो यूँ लगा,
हर दुआ कबूल हो गयी,
कांच सी टूटी क़िस्मत मेरी
हीरों का नूर हो गयी.
फर्क होता है खुदा और फ़क़ीर में,
फर्क होता है किस्मत और लकीर में,
अगर कुछ चाहो और न मिले तो समझ लेना,
कि कुछ और अच्छा लिखा है तक़दीर में..
Bad Kismat Shayari
क़िस्मत वालों को ही मिलती,
पनाह मेरे दिल में,
यूं तो हर शख़्स को,
जन्नत का पता नहीं मिलता.
कुछ लोग किस्मत की तरह होते हैं,
जो दुआ से मिलते हैं,
और कुछ लोग दुआ की तरह होते हैं,
जो किस्मत बदल देते हैं.
वक्त और किस्मत पर,
कभी घमंड मत करों,
क्योंकि सुबह उनकी भी होती है,
जिन्हें कोई याद नहीं करता है.

जो मेरे सबसे ज्यादा थे पास,
उनसे आज हो गयी दूरी है,
देखो तो मेरी किस्मत कितनी बुरी है.
मैं इतना बुरा तो नहीं,
जितना बताया जाता हूँ,
मेरी किस्मत बुरी है,
बस इसलिए ठुकराया जाता हूँ.
मेरी किस्मत ने मुझे बहुत रुलाया है,
मेरे अपनों ने भी मुझको ठुकराया है,
वो भी किसी और का हो गया आज,
जिसको हमने हर वक़्त अपना बताया है.
खोना चाहता मैं तुझे किसी क़ीमत में नहीं,
मगर क्या करूँ जब तू क़िस्मत में नहीं.
मेरा हिस्सा भी मेरे हिस्से में नहीं आता,
अब इसके सिवाय और क्या ही कहूँ,
की किस्मत खराब है.
मैं तो चलता रहा ताउम्र मंज़िल की तलाश में,
पर कम्बख्त मेरी क़िस्मत ही नहीं चली.
किस्मत में नहीं था ये सोचकर,
जिन्दगी भर खुद को तसल्ली देने से अच्छा है,
कि जिंदगी भर किस्मत से लड़ा जाए.
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पछताते रहे हम अपनी बुरी किस्मत पर,
जब उसे कोई किस्मत वाला लेकर जा रहा था.
ख़राब हम नहीं हमारी किस्मत है
जहां भी जाते है अकेले ही रह जाते है.
कहर हो बला हो जो कुछ हो
काश तुम मेरे लिये होते
मेरी किस्मत में गम अगर इतना था
दिल भी या रब कई दिये होते.
रिश्ते नाते झूठे हैं सब स्वार्थ का झमेला है
जाने मेरी किस्मत ने कैसा खेल खेला है.
मेरे लिखने से अगर बदल जाती किस्मत तो
हिस्से में तेरे सारा जहाँ लिख देती.
क्या खूब मैनें किस्मत पाई है
खुदा ने कहा हंसकर
संभाल कर रख पगले
ये मेरी पसंद है जो तेरे
हिस्से में आई है !!
रोज़ वो ख़्वाब में आते हैं गले मिलने को
मैं जो सोता हूँ तो जाग उठती है क़िस्मत मेरी !
लिखा है मेरी तक़दीर में तेरा नाम
दुनिया से क्या डरना
चाहे लाख कोशिश कर ले जमाना
मुमकिन नही हमको तुम से जुदा कर पाना!
किस्मत की लकीरें भी आज इठलाई है
तेरे नाम की मेहँदी जो हाथों अपर रचाई है!
ये न थी हमारी क़िस्मत कि विसाल ए यार होता
अगर और जीते रहते यही इंतज़ार होता!
ज़माने से ना डर जरा किस्मत पे भरोसा कर
जब तक़दीर लिखने वाले ने लिखा है साथ
तो फिर किस बात का है दर!
अहंकार में ही इंसान सब कुछ खोता है
बेवजह किस्मत को दोष देकर रोता है!
Buri Kismat Shayari in Hindi
कहर हो बला हो जो कुछ हो
काश तुम मेरे लिये होते
मेरी किस्मत में गम अगर इतना था
दिल भी या रब कई दिये होते !!’
ख़राब हम नहीं हमारी किस्मत है
जहां भी जाते है अकेले ही रह जाते है!
तकदीर त छे मगर किस्मत नि खुलती
ताजमहल बनाना चाहूँ मगर ष्मुमताज नि मरती!
रिश्ते नाते झूठे हैं सब स्वार्थ का झमेला है
जाने मेरी किस्मत ने कैसा खेल खेला है!
मेरे लिखने से अगर बदल जाती किस्मत तो
हिस्से में तेरे सारा जहाँ लिख देती!
कल भी मन अकेला थाएआज भी अकेला है
जाने मेरी किस्मत ने कैसा खेल खेला है’!
सारा इल्जाम अपने सर ले कर
हमने किस्मत को माफ कर दिया!
जिंदगी और किस्मत से ज्यादा सवाल
करना फिजूल है भला सवाल किसे पसंद होते है!
मेरी किस्मत से खेलने वाले
मुझ को दुनिया से बेखबर कर दे!
वक्त और किस्मत पर कभी घमंड ना करे
सुबह उनकी भी होती है जिन्हें कोई याद नही करता!
फिर शान इस शहर को नई आप से मिली
मुस्कान इस शहर को नई आप से मिली
पाकर के साथ आपका किस्मत बदल गयी
पहचान इस शहर को नई आप से मिली।
तुझको मस्ज़िद है मुझको मयखाना
वाइज़ अपनी अपनी किस्मत है।
Kismat Wali Shayari
यूँ ही नहीं होती हाँथ की लकीरों के आगे उँगलियाँ
रब ने भी किस्मत से पहले मेहनत लिखी है!
जो शतरंज की बिसात होती जिंदगी तो
मैं सिर्फ एक मोहरा ही बन कर रह जाता
ये तो वो खाली किताब निकली जिसने
बादशाह बना दिया मुझको जो मैंने
खुद की किस्मत लिखनी शुरू की।
ये दिन भी देखना लिखा था मेरी क़िस्मत में
जो थे हबीबए हुए हैं रक़ीब ए जां लोगों!
उसे किस्मत समजकर गले से लगाया था
भूल गए थे किस्मत बदलते देर नहीं लगती!

किस्मत तेरी दासी हैं यदि परिश्रम तेरा सच्चा हैं
नियत भी साथ देगा और जीत भी तेरा पक्का हैं !!
थी सामने आलाइश ए दुनिया की भी इक राह
वो ख़ूबी ए क़िस्मत से ज़रा छोड़ गए हम !!’
लोग सच ही कहते हैं किस्मत है एक दिन बदल जाएगी
बनाया अपनी किस्मत जिसे सच एक दिन बदल गई
कितना बेबस है इंसानए किस्मत के आगे!
हर सपना टूट जाता है हकीकत के आगे!
जिसने कभी हाथ न फेलाया हो
वो भी हाथ फेलता है ‘गोलगप्पे वाले’ के आगे!
किसी राह पे मिल जाओ मुसाफ़िर बन के
क्या पता अपनी किस्मत में हमसफ़र भी लिखा हो।’
किस्मत को बेकार बोलने वालों
कभी किसी गरीब के पास बैठकर पूछना जिंदगी क्या है
आपको याद करना मेरी आदत बन गई है
आपका खयाल रखना मेरी फितरत बन गई है
आपसे मिलना ये मेरी चाहत बन गई है
आपको प्यार करना मेरी किस्मत बन गई है।
बेवफ़ा लिखते हैं वो अपने क़लम से मुझ को
ये वो क़िस्मत का लिखा है जो मिटा भी न सकूँ !!’
एक ही ख्वाब देखा है कई बार मैंने
तेरे की हाथों में उल्झी चाबियां मेरी किस्मत!
हमें उनसे कोई शिकायत नहीं
शायद हमारी किस्मत में चाहत नहीं
मेरी तकदीर को लिखकर तो ऊपर वाला भी
मुकर गया पूछा तो कहा ये मेरी लिखावट नही
विसाल ए यार तो क़िस्मत की बात है बेशक
ख़याल ए यार भी हम से बहुत ख़फ़ा निकला !!
माना कि किस्मत पे मेरा कोई जोर नहीं
पर ये सच है कि मोहब्बत मेरी कमज़ोर नहीं
उसके दिल में उसकी यादों में कोई और है
लेकिन मेरी हर सांस में उसके सिवा कोई और नहीं!
दूर होना किस्मत में था
अलग होना चाहत थी तुम्हारी!
कभी सरकार पेए क़िस्मत पेए कभी दुनिया पे
दोश हर बात का औरों पे हि डाला मैंनेण्!
Kismat Shayari For Girl
मैं शिकायत भी करूं तो क्यों करूं
यह तो किस्मत की बात है
मैं तेरे सोच में नहीं हूं कहीं और
तुम मुझे लफ्ज़ लफ्ज़ यादें है!
बाज़ी.ए.इश्क़ में हमारी किस्मत तो देखिये
चार इक्के थे हाथ में और बेग़म से हार गये!
हर तरफ़ छा गए पैग़ाम.ए.मोहब्बत बन कर
मुझ से अच्छी रही क़िस्मत मेरे अफ़्सानों की !!’
एक बात तो पक्की है जिनके दिल बहुतअच्छे होते हैं
अक्सर किस्मत उनकी ही बहुत खराब होती है!
कुछ तेरी फ़ितरत में नहीं थी वफ़ादारी कुछ मेरी किस्मत में बेवफ़ाई थी
वक़्त को क्या दोश दूँ वक़्त ने तो बस मुहोब्बत आजमाई थी।’
रुलाया ना कर हर बात पर यह जिंदगी
जरूरी नहीं सबकी किस्मत में चुप कराने वाले हो!
छत कहाँ थी नसीब में फुटपाथ को ही जागीर समझे
छालों से कटी हथेली हम किस्मत की लकीर समझे’
बड़ी गहराई से चाहा है तुझे
बड़ी दुआओं से पाया है तुझे
तुझे भुलाने की सोच भी तो कैसे
किस्मत की लकीरों से चुराया है तुझे!
उम्मीद का लिबास तार तार ही सही पर सी लेना चाहिए
कौन जाने कब किस्मत माँग ले इसको सर छुपाने के लिए’!
किस्मत और लड़की भले ही धोके देती है
लेकिन जब साथ देती है तब जिंदगी बदल देती है!
किसी कशमकश में रहा होगा खुदा भी
जो उसने मुझे तो तेरी किस्मत में लिखा पर
तुझे मेरी किस्मत में नहीं लिखा।’
मेरी किस्मत तो सिर्फ यादें है किसके मुकद्दर
में तुम हो उसकी तकदीर को सलाम!
इसी में इश्क़ की क़िस्मत बदल भी सकती थी
जो वक़्त बीत गया मुझ को आज़माने में’
जिस दिन अपनी किस्मत का सिक्का उछलेगा
उस दिन हेड भी अपना और टेल भी अपना!
हँस हँस के जवां दिल के हम क्यों न चुनें टुकडे
हर शख्स की किस्मत में इनाम नहीं होता!!
जिनके दिल बहुत अच्छे होते हैं
अक्सर उन्हीं की किस्मत खराब होती है!
मेरी किस्मत से खेलने वाले
मुझको किस्मत से बेखबर करदे!
छोड़ दो किस्मत की लकीरों पर यकीन करना
जब लोग बदल सकते हैं तो किस्मत क्या चीज़ है!
Kismat Shayari Hindi
जो क़िस्मत में होगा वो ख़ुद चलकर आएगा,
जो नहीं होगा वो पास आकर भी दूर चला जाएगा..!!
जिनका मिलना किस्मत में नही होता,
उनसे मोहब्बत कसम से कमाल की होती है..!!
किस्मत कि लकीरों में तुम लिखे हो या नही पता नहीं,
पर हाथों की लकीरों पे तुम्हें हर रोज लिखता हूँ..!!
किस्मत भी उनका साथ देती है,
जिनमें कुछ कर गुजरने की हिम्मत होती है..!!
मुझ में और किस्मत में हर बार बस यही जंग रही,
मैं उसके फैसलें से तंग और वो मेरे हौसले से दंग रही..!!

वक्त और किस्मत पर कभी घमंड मत करों,
क्योंकि सुबह उनकी भी होती है जिन्हें कोई याद नहीं करता है..!!
कुछ तो लिखा होगा किस्मत में,
वरना आप हम से यूं ना मिले होते..!!
रास्ते मुश्किल है पर हम मंज़िल ज़रूर पायेंगे,
ये जो किस्मत अकड़ कर बैठी है इसे भी ज़रूर हरायेंगे..!!
जरुरी तो नहीं जीने के लिए सहारा हो,
जरुरी तो नहीं हम जिसके हैं वो हमारा हो,
कुछ कश्तियाँ डूब भी जाया करती है,
जरुरी तो नहीं हर कश्ती का किनारा हो..!!
चाँद का क्या कसूर अगर रात बेवफा निकली,
कुछ पल ठहरी और फिर चल निकली,
उन से क्या कहे वो तो सच्चे थे,
शायद हमारी तकदीर ही हमसे खफा निकली..!!
अहंकार में ही इंसान सब कुछ खोता है,
बेवजह किस्मत को दोष देकर रोता है..!!
होठो की बात ये आँसू कहते है,
चुप रहते है फिर भी बहते है,
इन आँसुओ की किस्मत तो देखिए,
ये उनके लिए बहते है जो दिल मे रहते है..!!
किस्मत को बेकार बोलने वालों,
कभी किसी गरीब के पास बैठकर पूछना जिंदगी क्या है..!!
बिकने वाले और भी है जाओ जाकर खरीद लो,
हम कीमत से नहीं किस्मत से मिला करते है..!!
तुम जब मुझे मिल गये, तब मुझे विश्वास हो गया कि,
किस्मत इससे ज्यादा मुझ पर मेहरबानी नहीं कर सकती है..!!
तकदीर बनाने वाले तूने भी हद कर दी,
तकदीर में किसी और का नाम लिखा था,
और दिल में चाहत किसी और की भर दी..!!
किस्मत के भरोसे बैठ जाने से किस्मत सोयी ही रहती है,
हिम्मत कर खड़े होने पर भाग्य भी खड़ा हो उठता हैं..!!
जो किस्मत में लिखा है वह भाग के आएगा,
और जो नही लिखा है वह भाग कर चला जाएगा,
फिर खुश या दुखी होने की क्या आवश्यकता है आप अपने कर्म करते रहों..!!
अपने प्यार को देख कर अक्सर ये एहसास होता हे,
जो तक़दीर में नहीं होता वही इंसान ख़ास होता हे..!!
खूब पढ़ाई करके सोचा था,
चमकाऊंगा मैं मेरी किस्मत,
लेकिन हासिल कुछ न हुआ,
क्योंकि इंटरव्यू में चली थी रिश्वत..!!
आपकी किस्मत हो जब साथ,
तो किसी से डरने की क्या बात..!!
न कोई किसी से दूर होता है,
न कोई किसी के करीब होता है,
प्यार खुद चल कर आता है,
जब कोई किसी का नसीब होता है..!!
प्यार की कली सबके लिए खिलती नहीं,
चाहने पर हर एक चीज मिलती नहीं,
सच्चा प्यार किस्मत से ही मिलता है,
और हर किसी को ऐसी तकदीर मिलती नहीं..!!
फर्क होता है खुदा और फ़क़ीर में,
फर्क होता है किस्मत और लकीर में,
अगर कुछ चाहो और न मिले तो समझ लेना,
कि कुछ और अच्छा लिखा है तक़दीर में..!!
खुद में ही उलझी हुई है जो मुझे क्या सुलझायेगी,
भला हाथों की चंद लकीरें भी क्या किस्मत बताएगी..!!
हाथ की लकीरें भी कितनी अजीब है,
कमबख्त मुट्ठी में तो है पर काबू में नहीं..!!
किस्मत ने तुमसे दूर कर दिया,
अकेलेपन ने दिल को मजबूर कर दिया,
हम भी जिंदगी मुँह मोड़ लेते मगर,
तुम्हारे इंतजार ने जीने पर मजबूर कर दिया..!!
यूँ ना कहो कि ये किस्मत की बात है,
मुझे बर्बाद करने में तुम्हारा भी हाथ है..!!
मेरे किस्मत के लकीरो का आप ताज बन जाओ ,
कल की बात छोड़ो आप मेरे आज बन जाओ..!!
आपको किस्मत समझकर गले लगाया था,
भूल गए थे की किस्मत को बदलते देर नहीं लगती..!!
बिना लगाए पौधा फूल नहीं खिलता,
वक्त से पहले और किस्मत से ज्यादा नहीं मिलता..!!
सारा इलज़ाम अपने सर लेकर,
हमने क़िस्मत को माफ़ कर दिया..!!
क़िस्मत चले न चले पर अगर मेहनत,
चलती रही तो मंज़िल मिल ही जाएगी..!!