200+ New Hindi Romantic Shayari 2025

Hindi Romantic Shayari

प्यार वो एहसास है जो ज़ुबां से नहीं, दिल से महसूस होता है। जब दिल की बात लफ़्ज़ों में ढलती है, तो वो बन जाती है रोमांटिक शायरी। Hindi Romantic Shayari का यह खास संग्रह उन सभी प्रेमियों के लिए है, जो अपने जज़्बातों को शायराना अंदाज़ में बयां करना चाहते हैं। चाहे पहला प्यार हो या अधूरी मोहब्बत, दूरियां हों या साथ की बातें — यहां हर अहसास के लिए एक खास शायरी है। इन्हें पढ़िए, महसूस कीजिए और अपने खास को भेजकर बताइए कि प्यार सिर्फ़ महसूस ही नहीं, बयां भी किया जा सकता है।

Hindi Romantic Shayari

उजाले अपनी यादों के हमारे साथ रहने दो
न जाने किस गली में ज़िंदगी की शाम हो जाए

हम ने उस को इतना देखा जितना देखा जा सकता था
लेकिन फिर भी दो आँखों से कितना देखा जा सकता था

वो तो ख़ुश-बू है हवाओं में बिखर जाएगा
मसअला फूल का है फूल किधर जाएगा

अज़ीज़ इतना ही रक्खो कि जी सँभल जाए
अब इस क़दर भी न चाहो कि दम निकल जाए

न जी भर के देखा न कुछ बात की
बड़ी आरज़ू थी मुलाक़ात की

दिल धड़कने का सबब याद आया
वो तिरी याद थी अब याद आया

हमें भी नींद आ जाएगी हम भी सो ही जाएँगे
अभी कुछ बे-क़रारी है सितारो तुम तो सो जाओ

यारो कुछ तो ज़िक्र करो तुम उस की क़यामत बाँहों का
वो जो सिमटते होंगे उन में वो तो मर जाते होंगे

मैं तो ग़ज़ल सुना के अकेला खड़ा रहा
सब अपने अपने चाहने वालों में खो गए

दिल में किसी के राह किए जा रहा हूँ मैं
कितना हसीं गुनाह किए जा रहा हूँ मैं

तुम मुझे छोड़ के जाओगे तो मर जाऊँगा
यूँ करो जाने से पहले मुझे पागल कर दो

इतनी मिलती है मिरी ग़ज़लों से सूरत तेरी
लोग तुझ को मिरा महबूब समझते होंगे

तुम से बिछड़ कर ज़िंदा हैं
जान बहुत शर्मिंदा हैं

You can also read Romantic Shayari in Hindi

सब लोग जिधर वो हैं उधर देख रहे हैं
हम देखने वालों की नज़र देख रहे हैं

दिल की चोटों ने कभी चैन से रहने न दिया
जब चली सर्द हवा मैं ने तुझे याद किया

शदीद प्यास थी फिर भी छुआ न पानी को
मैं देखता रहा दरिया तिरी रवानी को

पत्थर मुझे कहता है मिरा चाहने वाला
मैं मोम हूँ उस ने मुझे छू कर नहीं देखा

तुम्हारे शहर का मौसम बड़ा सुहाना लगे
मैं एक शाम चुरा लूँ अगर बुरा न लगे

आख़री हिचकी तिरे ज़ानूँ पे आए
मौत भी मैं शाइराना चाहता हूँ

पूछ लेते वो बस मिज़ाज मिरा
कितना आसान था इलाज मिरा

मैं जब सो जाऊँ इन आँखों पे अपने होंट रख देना
यक़ीं आ जाएगा पलकों तले भी दिल धड़कता है

लोग कहते हैं कि तू अब भी ख़फ़ा है मुझ से
तेरी आँखों ने तो कुछ और कहा है मुझ से

Romantic Shayari 2 Line

जहाँ में होने को ऐ दोस्त यूँ तो सब होगा
तिरे लबों पे मिरे लब हों ऐसा कब होगा

वो चेहरा किताबी रहा सामने
बड़ी ख़ूबसूरत पढ़ाई हुई

कौन सी बात है तुम में ऐसी
इतने अच्छे क्यूँ लगते हो

आते आते मिरा नाम सा रह गया
उस के होंटों पे कुछ काँपता रह गया

तुम क्या जानो अपने आप से कितना मैं शर्मिंदा हूँ
छूट गया है साथ तुम्हारा और अभी तक ज़िंदा हूँ

Romantic Shayari 2 Lines
Romantic Shayari 2 Lines

मुझे तन्हाई की आदत है मेरी बात छोड़ें
ये लीजे आप का घर आ गया है हात छोड़ें

बेचैन इस क़दर था कि सोया न रात भर
पलकों से लिख रहा था तिरा नाम चाँद पर

अगर तलाश करूँ कोई मिल ही जाएगा
मगर तुम्हारी तरह कौन मुझ को चाहेगा

इलाज अपना कराते फिर रहे हो जाने किस किस से
मोहब्बत कर के देखो ना मोहब्बत क्यूँ नहीं करते

एक चेहरा है जो आँखों में बसा रहता है
इक तसव्वुर है जो तन्हा नहीं होने देता

अपने जैसी कोई तस्वीर बनानी थी मुझे
मिरे अंदर से सभी रंग तुम्हारे निकले

उतर भी आओ कभी आसमाँ के ज़ीने से
तुम्हें ख़ुदा ने हमारे लिए बनाया है

किसी सबब से अगर बोलता नहीं हूँ मैं
तो यूँ नहीं कि तुझे सोचता नहीं हूँ मैं

महक रही है ज़मीं चाँदनी के फूलों से
ख़ुदा किसी की मोहब्बत पे मुस्कुराया है

हँस के फ़रमाते हैं वो देख के हालत मेरी
क्यूँ तुम आसान समझते थे मोहब्बत मेरी

मैं हर हाल में मुस्कुराता रहूँगा
तुम्हारी मोहब्बत अगर साथ होगी

प्यार का पहला ख़त लिखने में वक़्त तो लगता है
नए परिंदों को उड़ने में वक़्त तो लगता है

मुझे तो क़ैद-ए-मोहब्बत अज़ीज़ थी लेकिन
किसी ने मुझ को गिरफ़्तार कर के छोड़ दिया

शाम होते ही चराग़ों को बुझा देता हूँ
दिल ही काफ़ी है तिरी याद में जलने के लिए

तुम्हारा नाम आया और हम तकने लगे रस्ता
तुम्हारी याद आई और खिड़की खोल दी हम ने

क़ब्रों में नहीं हम को किताबों में उतारो
हम लोग मोहब्बत की कहानी में मरें हैं

सिर्फ़ उस के होंट काग़ज़ पर बना देता हूँ मैं
ख़ुद बना लेती है होंटों पर हँसी अपनी जगह

दिल सुलगता है तिरे सर्द रवय्ये से मिरा
देख अब बर्फ़ ने क्या आग लगा रक्खी है

तुम फिर उसी अदा से अंगड़ाई ले के हँस दो
आ जाएगा पलट कर गुज़रा हुआ ज़माना

ऐ जुनूँ फिर मिरे सर पर वही शामत आई
फिर फँसा ज़ुल्फ़ों में दिल फिर वही आफ़त आई

अभी आए अभी जाते हो जल्दी क्या है दम ले लो
न छेड़ूँगा मैं जैसी चाहे तुम मुझ से क़सम ले लो

मैं ख़याल हूँ किसी और का मुझे सोचता कोई और है
सर-ए-आईना मिरा अक्स है पस-ए-आईना कोई और है

बात निकलेगी तो फिर दूर तलक जाएगी
लोग बे-वज्ह उदासी का सबब पूछेंगे

हम तो समझे थे कि बरसात में बरसेगी शराब
आई बरसात तो बरसात ने दिल तोड़ दिया

Romantic Shayari Hindi

क्यूँ मेरी तरह रातों को रहता है परेशाँ
ऐ चाँद बता किस से तिरी आँख लड़ी है

इक खिलौना टूट जाएगा नया मिल जाएगा
मैं नहीं तो कोई तुझ को दूसरा मिल जाएगा

ये मज़ा था दिल-लगी का कि बराबर आग लगती
न तुझे क़रार होता न मुझे क़रार होता

दिल में तूफ़ान हो गया बरपा
तुम ने जब मुस्कुरा के देख लिया

जाती है धूप उजले परों को समेट के
ज़ख़्मों को अब गिनूँगा मैं बिस्तर पे लेट के

Romantic Shayari Hindi
Romantic Shayari Hindi

जिसे इश्क़ का तीर कारी लगे
उसे ज़िंदगी क्यूँ न भारी लगे

तुझ से बिछड़ूँ तो तिरी ज़ात का हिस्सा हो जाऊँ
जिस से मरता हूँ उसी ज़हर से अच्छा हो जाऊँ

वैसे तो सभी ने मुझे बदनाम किया है
तू भी कोई इल्ज़ाम लगाने के लिए आ

एक मिस्रा है ज़िंदगी मेरी
आप चाहें तो शेर हो जाए

देखूँ तिरे हाथों को तो लगता है तिरे हाथ
मंदिर में फ़क़त दीप जलाने के लिए हैं

इस क़दर भी तो न जज़्बात पे क़ाबू रक्खो
थक गए हो तो मिरे काँधे पे बाज़ू रक्खो

तुम से मिलती-जुलती मैं आवाज़ कहाँ से लाऊँगा
ताज-महल बन जाए अगर मुम्ताज़ कहाँ से लाऊँगा

यूँ तिरी याद में दिन रात मगन रहता हूँ
दिल धड़कना तिरे क़दमों की सदा लगता है

सुपुर्द कर के उसे चाँदनी के हाथों में
मैं अपने घर के अँधेरों को लौट आऊँगी

सरकती जाए है रुख़ से नक़ाब आहिस्ता आहिस्ता
निकलता आ रहा है आफ़्ताब आहिस्ता आहिस्ता

हम बहुत दूर निकल आए हैं चलते चलते
अब ठहर जाएँ कहीं शाम के ढलते ढलते

दिल से उठता है सुब्ह-ओ-शाम धुआँ
कोई रहता है इस मकाँ में अभी

देखो ये किसी और की आँखें हैं कि मेरी
देखूँ ये किसी और का चेहरा है कि तुम हो

शाम ढले ये सोच के बैठे हम अपनी तस्वीर के पास
सारी ग़ज़लें बैठी होंगी अपने अपने मीर के पास

ख़्वाबों के उफ़ुक़ पर तिरा चेहरा हो हमेशा
और मैं उसी चेहरे से नए ख़्वाब सजाऊँ

टकरा गया वो मुझ से किताबें लिए हुए
फिर मेरा दिल और उस की किताबें बिखर गईं

Romantic Shayari Love

रात तेरी यादों ने दिल को इस तरह छेड़ा
जैसे कोई चुटकी ले नर्म नर्म गालों में

तुम मिटा सकते नहीं दिल से मिरा नाम कभी
फिर किताबों से मिटाने की ज़रूरत क्या है

मुझ से तो दिल भी मोहब्बत में नहीं ख़र्च हुआ
तुम तो कहते थे कि इस काम में घर लगता है

उन को भूले हुए अपने ही सितम याद आए
जब किसी ग़ैर ने तड़पाया तो हम याद आए

Romantic Shayari Love
Romantic Shayari Love

उस ने आँचल से निकाली मिरी गुम-गश्ता बयाज़
और चुपके से मोहब्बत का वरक़ मोड़ दिया

आज की शाम गुज़ारेंगे हम छतरी में
बारिश होगी ख़बरें सुन कर आया हूँ

उस के आते ही निगाहों को झुका लो वर्ना
देख लोगे तो लिपटने को भी जी चाहेगा

दिल की धड़कन को सुना ग़ौर से कल रात ‘अदील’
जिस को मैं ढूँढता रहता हूँ बसा है मुझ में

तेरी जानिब आ रहा हूँ रूह की तस्कीं को मैं
हसरतें दिल की मैं दुनिया में निकाल आया बहुत

बस तिरा हूँ ये सोच कर बरसों
मैं ने अपना ख़याल रक्खा है

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