150+ Dard Shayari In Hindi 2025
दर्द वो अहसास है जो बिना बोले भी बहुत कुछ कह जाता है। जब दिल टूटता है या किसी अपने से जुदाई मिलती है, तो भावनाएं शब्दों का रूप ले लेती हैं। Dard Shayari In Hindi उसी टूटे दिल की आवाज़ है, जो जज़्बातों को शायरी के ज़रिए बयां करती है। ये शायरियां कभी सुकून देती हैं तो कभी दिल को और गहराई से छू जाती हैं। इस लेख में हम आपके लिए लाए हैं दिल को छू जाने वाली दर्द भरी शायरियों का खूबसूरत संग्रह जो आपकी भावनाओं को जुबान देगा।
Dard Shayari In Hindi
ज़ख्म आज भी ताजा है
पर वो निशान चला गया,
मोहब्बत तो आज भी बेपनाह है
पर वो इंसान चला गया।
बहुत जुदा है औरों से
मेरे दर्द की कहानी
ज़ख्म का कोई निशां नही
और दर्द की कोई इंतहा नही।
हम वो कश्ती हैं जिसका कोई किनारा ना हुआ,
हम सबके हुए मगर कोई हमारा ना हुआ।

दिल टूटा है मेरा और ख्वाब बिखर गए,
दर्द मिला इतना की जख्मों से हम निखर गए।
खुशियों से नाराज़ है मेरी जिंदगी,
प्यार की मोहताज है मेरी जिंदगी,
हँस लेता हूं लोगों को दिखाने के लिए
वरना दर्द की किताब है मेरी जिंदगी।
खुशियों का ना मुझे मर्ज दो,
दर्द पसंद है मुझे दर्द दो।
मेरी खामोशी में सन्नाटा भी है, शोर भी है,
तूने देखा ही नही…
आँखों में कुछ और भी है।
शिकवा करूं भी तो किससे?
दर्द भी मेरा है, और
दर्द देने वाला भी मेरा है।
कमाल की मोहब्बत थी उसको हमसे,
अचानक ही शुरू हुई,
और बिन बताए ही खत्म।
सोचा ही नहीं था, जिंदगी में ऐसे भी फसाने होंगे,
रोना भी ज़रूरी होगा, और आंसू भी छिपाने होंगे।
Aurat ka Dard Shayari In Hindi
आदत बदल सी गई है
वक्त काटने की,
हिम्मत ही नही होती
अपना दर्द बांटने की।
एक आँसू भी गिरता है तो लोग हजार सवाल पूछते हैं,
ऐ बचपन लौट आ मुझे खुल कर रोना है।
जो चोट जिंदगी देती है
उस नासूर की दवा क्या है,
इतनी सजा दी मेरे मौला
आखिर मेरी खता क्या है!

अंदर के हादसों पे किसी की नजर नहीं,
हम मर चुके हैं और हमें इस की खबर नही।
मैं ढूंढता हूं खुद में खुद ही को,
शायद मैं वो नही जो हुआ करता था।
इस पार हूं या उस पार हूं,
संभला हुआ हूं या तार तार हूं,
कुछ भी कहा नही जा सकता,
किसी काम का हूं या बेकार हूं।
ना जाने कैसे इम्तिहान ले रही है जिंदगी आजकल,
मुकद्दर, मोहब्बत और दोस्त तीनों नाराज रहते हैं।
आँखें बहुत कुछ कहती हैं
बस कोई समझता ही नही।
बिना आवाज के रोना,
रोने से भी ज्यादा दर्द देता है।
दिल परेशान रहता है उनके लिए
हम कुछ नही हैं जिनके लिए।
कभी बेपनाह बरसी तो कभी गुम सी है,
ये बारिश भी कुछ कुछ तुम सी है।
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सोचूं तो सारी उम्र मोहब्बत में कट गई,
देखूं तो एक शख्स भी मेरा ना हुआ।
काश कोई ऐसा हो जो गले लगा कर कहे,
तेरे दर्द से मुझे भी तकलीफ होती है।
दर्द को मुस्कुराकर
सहना क्या सीख लिया,
सबने समझ लिया कि
मुझे तकलीफ नही होती।
Dil ka Dard Shayari In Hindi
रोने की सजा न रुलाने की सजा है,
ये दर्द मोहब्बत को निभाने की सज़ा है,
हँसते हैं तो आँखों से निकल आते हैं आँसू !
ये उस शख्स से दिल लगाने की सज़ा है !
सौ दर्द छिपे हैं सीने में,
मगर अलग ही मजा है हँस के जीने में..!!
उसने दर्द इतना दिया कि सहा ना गया,
उसकी आदत सी थी इसलिए रहा न गया,
आज भी रोती हूं उसे दूर देख के,
लेकिन दर्द देने वाले से यह कहा ना गया.

ज़रा सी ज़िंदगी है, अरमान बहुत हैं,
हमदर्द नहीं कोई, इंसान बहुत हैं,
दिल के दर्द सुनाएं तो किसको,
जो दिल के करीब है, वो अनजान बहुत है.
साथ मांगा मिला नही,
खुशी मांगी मिली नही,
प्यार मांगा किस्मत में था नही,
और दर्द बिन मांगे ही मिल गया।
जाने वालों को क्या पता,
यादों का बोझ कितना भारी होता है.!!
जिस दिल पे चोट न आई कभी,
वो दर्द किसी का क्या जाने,
खुद शम्मा को मालूम नहीं,
क्यूँ जल जाते हैं परवाने.
हर महफिल अब जुदाई लगती है
अब तुम्हारी यादें भी पराई लगती है।
बहुत अजीब हैं ये बंदिशें मोहब्बत की,
कोई किसी को टूट कर चाहता है,
और कोई किसी को चाह कर टूट जाता है।
पलकों में आंसू और, दिल में दर्द सोया है।
हंसने वालों को क्या पता?
रोने वाला किस कदर रोया है।
Akelepan Zindagi Dard Bhari Shayari
दर्दे दिल की आह तुम ना समझोगे कभी,
हर दर्द का मातम सरेआम नहीं होता !
दर्द मुझको ढूंढ लेता है रोज
नए बहाने से…
वो हो गया है वाकिफ मेरे
हर ठिकाने से…
एक दिन हम भी कफन ओढ़ जायेंगे,
सब रिश्ते इस जमीन के तोड़ जायेंगे,
जितना जी चाहे सता लो मुझको,
एक दिन रोता हुआ सबको छोड़ जायेंगे।

ना शौक दीदार का
ना फ़िक्र जुदाई की
बड़े खुश नसीब हैं वो लोग
जो महोबत नहीं करते।
मेरे तो दर्द भी औरों के काम आते हैं,
मैं रो पडूॅं तो कई लोग मुस्कुराते हैं..!!
कैसे मानूं उसे इश्क़ है मुझसे
खुश देखा है मैंने उसे मुझसे जुदा होकर
बहुत मुश्किल होता है खुदको समेटना
देखना तुम भी कभी खुद में तबाह होकर।
अगर तुम्हारे पास है वक़्त ही नहीं
क्या करूँ मैं अपने हालात बताकर
ये मेरी मोहब्बत एक तरफ़ा ही है
क्या करूँ मैं अपने जज़्बात बताकर।
बहुत जुदा है औरों से मेरे दर्द की कहानी,
ज़ख्म का कोई निशान नहीं और दर्द की कोई इंतहा नही।
ज़ख्म तो आज भी ताज़ा है,
बस वो निशान चला गया
इश्क तो आज भी बेपनाह है,
बस वो इंसान चला गया।
कभी दर्द है तो दवा नहीं,
जो दवा मिली तो शिफा नहीं।
वो ज़ुल्म करते हैं इस तरह,
जैसे मेरा कोई खुदा नहीं।
Dard Bhari Shayari Hindi Mein
इतना रोया मेरी मौत पर मुझे जगाने के लिए मैं
मरता ही क्यों अगर वह रो देता मुझे पाने के लिए।
तेरा होकर भी मैं तनहा ही रहा
मुझे तन्हाइयों की आदत हो गयी
सोच तेरे नाम पर मिट जाने वाले को
क्यों तेरे ही नाम से नफरत हो गयी।
खुद ही रोए और खुद ही चुप हो गए,
ये सोचकर की कोई अपना होता तो रोने ना देता!!

जरा सी गलतफहमी पर
न छोड़ो किसी अपने का दामन
क्योंकि जिंदगी बीत जाती है
किसी को अपना बनाने में
आँसू भी आते हैं और
दर्द भी छुपाना पड़ता है
ये जिंदगी है साहब यहां
जबरदस्ती भी मुस्कुराना पड़ता है।
अदाएं कातिल होती हैं
आँखें नशीली होती हैं,
मोहब्बत में अक्सर होंठ सूखे होते हैं
और आँखे गीली होती हैं।
जहर की भी जरुरत नहीं पड़ी
हमें मारने के लिए, तुम्हारे ऐसे
बर्ताव ने ही हमें मार डाला।
दुआ करना दम भी उसी
दिन निकले,
जिस दिन तेरे दिल से हम
निकले
आधा ख्वाब, आधा इश्क़, आधी
सी है बंदगी,
मेरे हो…पर मेरे नही.. कैसी है ये
जिंदगी…
इस तरह मिली वो मुझे सालों के बाद
जैसे हक़ीक़त मिली हो ख्यालों के बाद
मैं पूछता रहा उस से ख़तायें अपनी
वो बहुत रोई मेरे सवालों के बाद।
अगर खुदा ने पूछा तो कह देंगे, हुई थी
मोहब्बत, मगर जिससे हुई
हम उसके काबिल न थे
मुझे बहुत प्यारी है तुम्हारी दी
हुई हर एक निशानी,
अब चाहे वो दिल का दर्द हो या
आँखों का पानी..!!
अपना बनाकर फिर कुछ दिन में
बेगाना बना दिया,
भर गया दिल हमसे तो मजबूरी
का बहाना बना दिया।
उन लोगों का क्या हुआ होगा
जिनको मेरी तरह गम ने मारा होगा
किनारे पर खड़े लोग क्या जाने
डूबने वाले ने किस किस को पुकारा होगा।।
Hindi Dard Bhari Shayari
वो नही आती पर अपनी निशानी भेज देती है,
ख्वाबो में दास्ताँ पुरानी भेज देती है,
उसकी यादों के पल कितने भी मीठे हैं,
मगर कभी कभी आँखों में पानी भेज देती है।
जाने लागे जब वो छोड़ के दामन मेरा,
टूटे हुए दिल ने एक हिमाक़त कर दी,
सोचा था कि छुपा लेंगे ग़म अपना,
मगर कमबख्त आँखों ने बगावत कर दी।
कभी रो के मुस्कुराए
कभी मुस्कुरा के रोए
जब भी तेरी याद आई तुझे भुला के रोए
एक तेरा ही तो नाम था जिसे हज़ार बार लिखा
जितना लिख के खुश हुए उस से ज़यादा मिटा के रोए.
ना मेरा दिल बुरा था
ना उसमे कोई बुराई थी
बस नसीब का खेल है,
क्योंकि किस्मत में जुदाई थी।।
एक दिन हम भी कफन ओढ़ जायेंगे,
सब रिश्ते इस जमीन के तोड़ जायेंगे
जितना जी चाहे सता लो मुझको
एक दिन रोता हुआ सबको छोड़ जायेंगे।
ना आंसूओं से छलकते हैं
ना काग़ज़ पर उतरते हैं,
दर्द कुछ होते हैं ऐसे जो बस
भीतर ही भीतर पलते हैं…
तुम पर भी यकीन है और
मौत पर भी एतबार है,
देखते हैं पहले कौन मिलता है
हमें दोनों का इंतजार है।
अगर वो खुश है देखकर आंसू मेरी आंखों में
तो रब की कसम हम मुस्कुराना छोड़ देंगे
तड़पते रहेंगे उसे देखने के लिए
लेकिन उसकी तरफ नज़रें उठाना छोड़ देंगे।
टूट जायेगी तुम्हारी
जिद की आदत भी उस दिन,
जब पता चलेगा की
याद करने वाला अब याद बन गया
सुना भी कुछ नही,
कहा भी कुछ नही,
पर ऐसे बिखरे हैं जिंदगी की कश्मकश में…
कि टूटा भी कुछ नही,
और बचा भी कुछ नही…
हम हंसते तो हैं लेकिन सिर्फ
दूसरों को हंसाने के लिए
वरना ज़ख्म तो इतने हैं कि
ठीक से रोया भी नही जाता।
तुम्हें पा लेते तो किस्सा खत्म हो जाता,
तुम्हें खोया है तो यकीनन कहानी लंबी चलेगी।
तुम मेरी लाश पर रोने मत आना
मुझसे बहुत प्यार था ये जताने मत आना
दर्द दो मुझे जब तक दुनिया में हूं
जब सो जाऊं फिर जगाने मत आना
ऐसे गये दिल की ज़मी बंजर कर के
आज तक कोई फूल ना खिल सका
बस्ती बस्ती लोग मिले हमराह मगर
फिर कभी तेरा पता ना मिल सका..
Sad Zindagi Dard Bhari Shayari
ख़ामोश फ़ज़ा थी कहीं साया भी नहीं था
इस शहर में हमसा कोई तनहा भी नहीं था
किस जुर्म पे छीनी गयी मुझसे मेरी हँसी
मैंने किसी का दिल तो दुखाया भी नहीं था..
प्यार सभी को जीना सिखा देता है
वफा के नाम पर मरना सिखा देता है,
प्यार नहीं किया तो कर के देख लो यारों
जालिम हर दर्द सहना सिखा देता है..,
जीते थे हम भी कभी शान से
महक उठी थी जिंदगी किसी के नाम से
मगर फिर गुज़रे उस मुकाम से
कि नफ़रत सी हो गई मोहब्बत के नाम से
इश्क़ की नासमझी में
हम अपना सबकुछ गवां बैठे,
उन्हें खिलौने की जरूरत थी…
और हम अपना दिल थमा बैठे!!
छोड़ते भी नही हाथ मेरा और
थामते भी नही
ये कैसी मोहब्बत है उनकी
गैर भी नही कहते हमे और
अपना मानते भी नही!!
तू मेरे बिना ही खुश है
तो शिकायत कैसी,
अब मैं तुझे खुश भी ना देखूं
तो मोहब्बत कैसी!
जब आख़िरी मुलाकात हो तो हंस
कर देख लेना मुझे, क्या पता
अगली बार तुम हमें कफन में
देखो और मुस्कुरा भी ना पाओ।
लगी है चोट दिल पे दिखा नही सकते,
भुलाना भी चाहे तो भुला नही सकते,
मोहब्बत का अंजाम यही होता है
जिसके लिए तरसते हैं उसे पा नही सकते
कभी कभी करते हैं जिंदगी की तमन्ना
कभी मौत का इंतजार करते हैं,
वो हमसे क्यों दूर हैं पता नही, जिन्हें हम
जिंदगी से भी ज्यादा प्यार करते हैं..
ज़िंदगी रही तो याद सिर्फ
तुम्हे ही करते रहेंगे
भूल गए तो समझ जाना
अब हम ज़िंदा नही रहे।।
ना कोई मंजिल है ना
कोई किनारा है,
ना हम किसी के ना कोई
हमारा है..!!
हम बहुत हंसते थे,
जिंदगी ने आज रोना सीखा दिया,,
सबके साथ बैठना अच्छा लगता था,
आज अकेले रहना सीखा दिया,,
बात करने का शौक तो बहुत था, पर
जिंदगी ने आज चुप रहना सीखा दिया,,,
रो पड़ा वो फकीर भी
मेरे हाथों की लकीरें देखकर
बोला तुझे मौत नही
किसी की याद मारेगी।।
मैंने कभी किसी को आजमाया नही,
जितना प्यार दिया उतना कभी पाया नही,
किसी को हमारी भी कमी महसूस हो,
शायद खुदा ने मुझे ऐसा बनाया नही।
प्यार किया नादान थे हम,
गलती हुई क्योंकि इंसान थे हम,
आज जिन्हें नज़रें मिलाने में तकलीफ होती है
कभी उसकी जान थे हम !
हर कोई मुझे जिंदगी जीने का तरीका बताता है
उन्हें कैसे समझाऊं की कुछ ख़्वाब
अधूरे हैं वरना जीना मुझे भी आता है।
सारे जमाने में बंट गया ‘वक्त उनका’
हमारे हिस्से में सिर्फ बहाने ही आए.!
नही कोई इस जहां में मुझे समझने वाला
एक आस थी तुझे वो भी टूट गई…
सोचा था हर दर्द बताएंगे
तुमसे मिलकर
तुमने तो इतना भी नही पूछा कि
तुम खामोश क्यों हो…
ग़म के दरिया से मिलकर बना है यह सागर,
तुम क्यों इसमें समाने की कोशिश करते हो,
कुछ नहीं है और इस जीवन में दर्द के सिवा,
तुम क्यों ज़िंदगी में आने की कोशिश करते हो।
आँखों में रहा दिल में उतर कर नहीं देखा
कश्ती के मुसाफिर ने समंदर नहीं देखा
पत्थर मुझे कहता है मेरा चाहने वाला
मैं मोम हूँ उसने मुझे छू कर नहीं देखा..
हमें नही आता अपने दर्द का दिखावा करना
बस अकेले रोते हैं, और सो जाते हैं…
गुनाह मालूम नही…!!!
पर सजा लाज़वाब मिली है..!!!
किसी को इश्क़ की अच्छाई ने मार डाला,
किसी को इश्क़ की गहराई ने मार डाला,
करके इश्क़ कोई ना बच सका,
जो बच गया उसे तन्हाई ने मार डाला।
एक नया दर्द मेरे दिल में जगा कर चला गया,
कल वो फिर मेरे शहर में आकर चला गया,
जिसे ढूंढते रहे हम लोगों की भीड़ में,
मुझसे वो अपने आप को छुपा कर चला गया।
कब्र में दफनाते ही सारे रिश्ते टूट जाते हैं,
चंद दिनों में अपने अपनो को भूल जाते हैं,
कोई नही रोता उम्र भर के लिए,
वक्त के साथ साथ आसूं भी सूख जाते हैं।
दर्द में हम तो अपने आसूं
हंसते हंसते पी लेते हैं,
जहर जुदाई का सीने में लेकर,
हंसते हंसते जी लेते हैं।
आखिर कह ही डाला उसने एक दिन,
इस कदर टूटे हो बिखर क्यों नही जाते..
कब तक जिओगे ये दर्द भरी जिंदगी,
किसी रात खामोशी से मर क्यों नही जाते..!
तुम ने चाहा ही नही, हालात बदल सकते थे,
तेरे आसूं मेरी आंखों से निकल सकते थे,
तुम तो ठहरे रहे झील के पानी की तरह,
दरिया बनते तो बहुत दूर निकल सकते थे…
तन्हाई मेरे दिल में समाती चली गई,
किस्मत भी अपना खेल दिखाती चली गई,
महकती फिज़ा की खुशबू में जो देखा प्यार को,
बस याद उनकी आई और रुलाती चली गई।
इन आंखों में आसूं आए ना होते,
वो जो मुड़ कर मुस्कुराए ना होते,
उनके जाने के बाद ये गम होता है,
काश वो जिंदगी में आए ना होते।
दर्द से खेलना सीख लिया हमने,
बेवफाई के साथ जीना सीख लिया हमने,
ये दिल किस कदर टूटा है हम बता नही पाएंगे,
अब तो मरने से पहले कफन ओढ़ना सीख लिया है हमने!

