380+ Chahat Shayari in Hindi 2025

Chahat Shayari in Hindi

चाहत एक ऐसी भावना है जो दिल की गहराइयों से निकलती है और जब यह शब्दों में ढलती है, तो बनती है Chahat Shayari in Hindi। इस ब्लॉग में आपको मिलेंगी मोहब्बत, तड़प, यादों और एहसासों से भरी शायरियाँ जो दिल को छू जाएँगी। हर शायरी में छिपी है वो नर्म सी चाहत जो दिल के जज़्बातों को ज़िंदा कर देती है। अगर आप अपनी भावनाओं को शायरी के ज़रिए बयां करना चाहते हैं, तो यह जगह आपके लिए है। आइए, पढ़िए और महसूस कीजिए सच्ची चाहत की मिठास।

Chahat Shayari in Hindi

तेरा ज़िक्र तेरी फ़िक्र तेरा एहसास तेरा ख्याल,
तू खुदा तो नहीं फिर हर जगह क्यों है।

तेरे ख्याल में जब बेख्याल होता हूँ,
जरा सी देर को ही सही बेमिसाल होता हूँ।

लम्हों की पंखुड़ियां बिखरने लगी है,
अब तेरी यादो की चाहत निखरने लगी है।

मेरी भी एक चाहत थी, मरते दम तक तेरे साथ चलने की,
वरना मोहब्बत तो किसी-से भी हो सकती है।

खोजने चला था एक शख्श की चाहत को,
खुद को ही खो दिया उसकी मोहब्बत में।

तेरे ख़त की इबारत की मैं स्याही बन गया,
होता तो चाहत की डगर का मैं भी राही बन गया होता।

अचानक से तुम मिली, अचानक से ही चाहत बनी तुम
मोहब्बत हुई बेशुमार उनसे वो मेरी दिल ऐ राहत बन गयी।

Chahat Shayari
Chahat Shayari

रोज वो ख़्वाब में आते हैं गले मिलने को,
मैं जो सोता हूँ तो जाग उठती है किस्मत मेरी।

हमारे बाद नहीं आएगा तुम्हें चाहत का,
ऐसा मज़ा तुम लोगों से कहते फ़िरोगे,
मुझे चाहो उस की तरह।

दिल से पूछो तो आज भी तुम मेरे ही हो,
ये ओर बात है कि किस्मत दगा कर गयी।

महफ़िल में गले मिल के वो धीरे से कह
गए ये रस्म-ए-अंजुमन है चाहत का गुमाँन कर।

उनकी चाहत में हम कुछ यूँ बंधे हैं,
कि वो साथ भी नहीं और हम अकेले भी नहीं।

कैसे छुपाऊँ तुम्हे अब में,
मेरी रूह में भी तुम ही बसी हो।

खोने का ग़म और पाने की चाहत ना होती, तो आज,
ना खुदा होता कोई, और ना ही इबादत होती

मज़ा आ जाए गर हो जाए इतना अबकी,
बारिश में हमारी चाहत के आँसू तुम्हारी छत पे जा बरसे।

वो वक़्त और था जब तुझे पाने की हसरत थी
अब तो तू खुदा बन के आये भी तेरा सजदा ना करू।

तेरी चाहत मेरे संग अगर पूरी नही,
तो मेरी चाहत भी तेरे बिना अधूरी नही।

जरूरी नही तुम मेरा हर कहना मानो,
दहलीज पर रख दी चाहत अब आगे तुम जानो।

इश्क़ में तेरे, मेरा यू वजूद मिट रहा है,
अब न कहना ये मुझे तेरे जिस्म की चाहत है।

वादे वफ़ा के और चाहत जिस्म की,
अगर ये मोहब्बत है तो फिर हवस किसे कहते है।

जिनका मिलना मुकद्दर में लिखा नहीं होता,
उनसे मोहब्बत कसम से कमाल होती है।

एक आरजू है मेरी आओ ख़्वाब में एक बार दुआ है,
उस रात कभी सुबह ना हो।

हमारे बाद नहीं आएगा तुम्हें चाहत का
ऐसा मज़ा तुम लोगों से कहते फ़िरोगे मुझे चाहो उस की तरह।

महफ़िल में गले मिल के वो धीरे से कह,
गए ये रस्म-ए-अंजुमन है चाहत का गुमाँ न कर।

ना जाने क्यों तुझे देखने के बाद भी,
तुझे देखने की चाहत है।

चाहत बन गये हो तुम या आदत बन गये
हो तुम हर सांस में यू आते जाते हो जैसे

मेरी इबादत बन गये हो तुम।
इंसान की चाहत है, उसे उड़ने के लिए पर मिले,

और परिंदे सोचते है उन्हें रहने के लिए घर मिले।
जनाब ये इश्क मेरा उसे रास ना हुआ

उड़ाया था मजाक जिसने मेरा
उसे ही मेरी चाहत का एहसास ना हुआ।

बहके बहके ही अंदाज-ए-बयां होते हैं,
जब आप होते हैं तो हम होश में कहाँ होते हैं।

मेरी चाहत का एहसास भी ना होगा उसे,
उसकी हर अदा पसन्द आई बेवफाई के सिवा।

चाहत फिक्र इम्तेहान सादगी वफा,
मेरी इन्हीं आदतों ने मुझे मरवा दिया।

मेरे दिल में तेरी चाहत बस जाए बन के धड़कन,
पल भर न भूल पाऊँ दिल में ऐसी तड़प जग दे.,

क़ुबूल हो गई दुआ तेरे सीने से लग कर,
अब दम भी निकल जाए तो परवाह नहीं.,

हमने तो एक ही शख़्स पर चाहत ख़त्म कर दी,
अब मोहब्बत किसको कहते हैं हमें मालूम नहीं.,

दूर भागो न कहीं हमसे गज़ालों की तरह,
हमने चाहा है तुम्हें चाहने वालों की तरह.,

नशा किस चीज़ को कहते अगर तुम देखना चाहो,
तो जाकर कहो उनसे अपनी झुकी पलकें उठा लें वो.,

तुम खुद उलझ जाओगे मुझे ग़म देने की चाहत मे,
मुझमें हौंसला बहुत है मुस्कुराकर निकल जाऊँगा.,

जिसे चाहो, जब वो रूठ जाते है,
दिल के सारे अरमान टूट जाते है.,

अपनी चाहत का इजहार कब करोगी,
उम्र बीत रहा है प्यार कब करोगी.,

हम अपनी चाहत का यकीन दिलाते नही है,
जिसमें सादगी नही, उससे दिल लगाते नही है.,

जब से बढ़ी मेरी तुझसे चाहत है,
मेरी जिंदगी में सनम बड़ी राहत है.,

चिरागों से अगर अँधेरा दूर होता,
तो चांदनी की चाहत क्यों होती,
कट सकती अगर ये जिंदगी अकेले,
तो साथी की जरूरत ही क्यों होती.,

चाहते तो हम बहुत ज्यादा है,
पर पाते है जरूरत से आधा है.,

तुम बेवफा हो फिर भी ऐतबार करता हूँ,
आज भी चाहता हूँ तुम्हे प्यार करता हूँ.,

अपनी चाहत को होठो पर सजाना चाहती हूँ,
तू मिले या न मिले तुझे गुनगुनाना चाहती हूँ.,

जमाना बदल गया लोग बदल गये,
आदत बदल गई बस चाहत वही है.,

तेरे गम को अपनी रूह में उतार लूँ,
जिन्दगी तेरी चाहत में सवार लूँ,
मुलाक़ात हो तुझ से कुछ इस तरह,
तमाम उम्र बस इक मुलाक़ात में गुजार लूँ.,

बिखरा पड़ा है बाजार मेरी चाहत का,
मिला नहीं मुकाम दिल को राहत का.,

कोई अपनी चाहत का इजहार करें,
तो उसके जज्बात की कद्र करना,
क्योंकि जब दिल टूटता है,
तो दर्द इक जमाने तक होता है.,

एक दिन जब मेरी सांस थम जायेगी,
मत सोचना चाहत कम हो जायेगी.,

कद्र करोगी जब तुम्हें पता चलेगा,
कि बिना मतलब की चाहत रखते है.,

दुनियावालों ने लगा रखा पहरा है,
हम दोनों का चाहत कितना गहरा है.,

Chahat Shayari in Hindi For Girlfriend

उम्र के साथ चाहत घट जाती है,
जिम्मेदारियाँ बढ़ी तो चाहत बँट जाती है.,

तुम्हारे लिए मेरी चाहत कभी कम ना होती,
अगर तू इतनी संग दिल और बेरहम ना होती.

ये ज़रूरी नहीं है की हर बात पर तुम मेरा कहा मानो,
दहलीज पर रख दी है चाहत और अब आगे तुम जानो.,

दौलत जो थी पास वफा की वो दौलत छोड़ दी हमने,
देख के हाल चाहत का कि ये चाहत छोड़ दी हमने.,

Chahat Shayari in Hindi For Girlfriend
Chahat Shayari in Hindi For Girlfriend

सिलसिला ये चाहत का दोनो तरफ से था,
वो मेरी जान चाहती थी और मैं जान से ज्यादा उसे.,

ऐ सुनो तुम इतने भी अच्छे नही हो,
बस मेरे चाहत -ए-दिल ने सिर पर चढा रखा है.,

तेरी चाहतो पर मुझे ऐतबार है,
इसलिए मुझे तुमसे खुद से ज्यादा प्यार है.,

चाहतों का सफर जब खत्म होता है,
हकीकत में जिंदगी तभी शुरू होती है.,

चाहतों का सफर जब खत्म होता है,
हकीकत में जिंदगी तभी शुरू होती है.,

दर्द की चाहत किसे होती है मेरे यारो,
ये तो मोहब्बत के साथ मुफ़्त में मिलता है.,

वो छा गये है कोहरे की तरह मेरे चारो तरफ,
न कोई दूसरा दिखता है ना देखने की चाहत है.,

वादे वफ़ा के और चाहत जिस्म की,
अगर ये मोहब्बत है तो फिर हवस किसे कहते है.,

इंसान की चाहत कि उङने को पर मिले,
और परिंदे सोचते है कि रहने को घर मिले.,

किसी के पैगाम को ज़रा प्यार से पढ़ा कीजिये,
किसी की चाहत का एहसास किया कीजिये.,

उम्र के साथ चाहत घट जाती है,
जिम्मेदारियाँ बढ़ी तो चाहत बँट जाती है.,

ना जाने क्यों तुझे देखने के बाद भी,
तुझे ही देखने की चाहत रहती है.,

कुछ तो है कहीं, ये जो थोड़ा प्यार-सा है,
नशा है तेरा, चाहत या इक ख़ुमार-सा है.,

टूट सा गया है मेरी चाहतों का वजूद,
अब कोई अच्छा भी लगे तो हम इजहार नहीं करते.,

कभी नफरत कभी चाहत से मुझे देखता है,
देखने वाला ज़रूरत से मुझे देखता है.,

कई बार ये सोच के दिल मेरा रो देता है,
कि तुझे पाने की चाहत में मैंने खुद को भी खो दिया.,

एक चाहत थी, तेरे साथ जीने की,
वरना, मोहब्बत तो किसी से भी हो सकती थी.,

चाहत की राहो में काँटा भी फुल है,
चाहत को तौलना दुनिया की भूल है.,

अपनी चाहत का इजहार कब करोगी,
उम्र बीत रहा है प्यार कब करोगी.,

मेरी चाहत का ये कैसा सिला दिया है,
मेरी हर खुशी को मिट्टी में मिला दिया है.,

सफर वहीं तक है जहाँ तक तुम हो,
नजर वहीं तक है जहाँ तक तुम हो,
हजारों फूल देखे हैं इस गुलशन में मगर,
खुशबू वहीं तक है जहाँ तक तुम हो.,

वो छा गये है कोहरे की तरह मेरे चारो तरफ,
न कोई दूसरा दिखता है ना देखने की चाहत है.,

धीरे धीरे हम भी खो रहे है वजह किसी की चाहत है,
चलो ये भी आजमा कर देख ले हैं कितनी राहत है.,

You can also read Love Ishq Shayari in Hindi

आज हम हैं, कल हमारी यादें होंगी,
जब हम ना होंगे, तब हमारी बातें होंगी,
कभी पलटो गे जिंदगी के ये पन्ने,
तो शायद आप की आँखों से भी बरसातें होंगी.,

तुम्हारी पसन्द हमारी चाहत बन जाये,
तुम्हारी मुस्कुराहट दिल की राहत बन जाये,
खुदा खुशियो से इतना खुश कर दे आपको,
की आपकी ख़ुशी देखना हमारी आदत बन जाये.,

Jeene Ki Chahat Shayari

एक चाहत होती है, जनाब अपनों के साथ जीने की,
वरना पता तो हमें भी है कि ऊपर अकेले ही जाना है.,

तेरे हर ग़म को अपनी रूह में उतार लूँ,
ज़िंदगी अपनी तेरी चाहत में सवार लूँ,
मुलाक़ात हो तुझसे कुछ इस तरह मेरी,
सारी उम्र बस एक मुलाक़ात में गुज़ार लूँ.,

रिश्तों से बड़ी चाहत और क्या होगी,
दोस्ती से बड़ी इबादत और क्या होगी,
जिसे दोस्त मिल सके कोई आप जैसा,
उसे ज़िंदगी से कोई और शिकायत क्या होगी.,

हमारी गलतियों से कही टूट न जाना,
हमारी शरारत से कही रूठ न जाना,
तुम्हारी चाहत ही हमारी जिंदगी हैं,
इस प्यारे से बंधन को भूल न जाना.,

कोई चाहत की बात करता है,
तो कोई चाहने की,
हम दोनोँ आज़मा के बैठे हैँ,
ना चाहत मिली ना तो चाहने वाले.,

ज़माना हो गया देखो मगर चाहत नहीं बदली,
किसी की ज़िद नहीं बदली मेरी आदत नहीं बदली.,

Jeene Ki Chahat Shayari
Jeene Ki Chahat Shayari

हमारे बाद नहीं आएगा तुम्हें चाहत का ऐसा मज़ा,
तुम लोगों से कहते फ़िरोगे मुझे चाहो उस की तरह.,

कैसी गहराई है तेरी चाहत में और मेरी मोहब्बत में,
न डूबा हूँ अब तक, न सतह की कोई उम्मीद नज़र आती है.,

तेरी चाहत मे हम जमाना भूल गये,
किसी और को हम अपनाना भूल गये,
तूम से मोहब्बत हे साारे जहान को बताया,
बस एक तूझे ही बताना भूल गये.,

ढूढने चला था एक शख्स की चाहत,
खुद को भी खो दिया उसकी मोहब्बत मे.,

चिरागों से अगर अँधेरा दूर होता,
तो चांदनी की चाहत क्यूँ होती,
कट सकती अगर ये ज़िन्दगी अकेले,
तो साथी की जरूरत ही क्यूँ होती

हर कोई पाने की ज़िद में हैं,
शायद मुझे कोई आज़माने की ज़िद में है,
जिसकी चाहत है मुझे बेइंतेहा,
वो मुझे भूल जाने की ज़िद में है.,

अगर दुनिया में जीने की चाहत ना होती,
तो खुदा ने मोहब्बत बनाई ना होती,
लोग मरने की आरज़ू ना करते,
अगर मोहब्बत में बेवाफ़ाई ना होती.,

चाहत के ये कैसे अफ़साने हुए,
खुद नज़रों में अपनी बेगाने हुए,
अब दुनिया की नहीं कोई परवाह हमें,
इश्क़ में तेरे इस कदर दीवाने हुए.,

अनजाने में तुझसे मुलाकात सी हो गयी,
दोस्ती करने चले थे और तुझसे चाहत सी हो गयी,
अपने वजूद में तुझे तलाश करते है,
हमे तुमसे मोहब्बत सी हो गयी.,

तेरे गम को अपनी रूह में उतार लूँ,
जिन्दगी तेरी चाहत में सवार लूँ,
मुलाकात हो तुझ से कुछ इस तरह,
तमाम उमर बस इक मुलाकात में गुजार लूँ.,

प्यार है मुझसे तो सारी खुशियाँ समेट लो मेरी,
गमों का क्या है, ये चाहत से खुशियों में बदल जायेंगे.,

रिहा कर ख़ूबसूरत दिखने की चाहत से मुझे,
ऐ आईने तू मेरी सादगी को ज़मानत दे दे.,

मेरी चाहत का एहसास भी ना होगा उसे,
उसकी हर अदा पसन्द आई, बेवफाई के सिवा.,

वो शमा की महफिल ही क्या,
जिसमें दिल खाक न हो,
मज़ा तो तब है चाहत का,
जब दिल तो जले पर राख न हो.,

ढूढने चला था एक शख्स की चाहत,
खुद को भी खो दिया उसकी मोहब्बत मे.,

अभी नादाँ हु इश्क में जताऊ कैसे,
प्यार कितना है तुमसे बताऊ कैसे,
बहुत चाहत है दिल में तुम्हारे लिये,
तुम ही कहो तुम्हें अपना बनाऊ कैसे.,

तुम्हारी पसंद हमारी चाहत बन जाये,
तुम्हारी मुस्कुराहट दिल कि राहत बन ज़ाये,
खुदा खुशियो से इतना खुश कर दे आपको,
कि आपको खुश देख़ना हमारी आदत बन जाये.,

एक अजनबी से मुझे इतना प्यार क्यों है,
इंकार करने पर चाहत का इकरार क्यों है,
उसे पाना नहीं मेरी तकदीर में शायद,
फिर हर मोड़ पे उसी का इंतज़ार क्यों है.,

कुछ उलझे सवालो से डरता हे दिल,
जाने क्यों तन्हाई में बिखरता हे दिल,
किसी को पाने कि अब कोई चाहत न रही,
बस कुछ अपनों को खोने से डरता हे ये दिल.,

तेरे ख़त की इबारत की मैं स्याही बन गया होता,
तो चाहत की डगर का मैं भी राही बन गया होता.,

इश्क़ का खेल बहुत ही अजीब हो गया है,
इंसा दिल के बहुत करीब हो गया है,
भर तो ली है झोली उन सब ने सिक्कों से,
मगर, चाहत के मुकाबले बहुत गरीब हो गया है.,

एक उमर बीत चली है तुझे चाहते हुए,
तू आज भी बेखबर है कल की तरह.,

मजा चख लेने दो उसे गैरों की मोहब्बत का भी,
इतनी चाहत के बाद जो मेरा न हुआ वो औरों का क्या होगा.,

बिन बात के ही रूठने की आदत है,
किसी अपने का साथ पाने की चाहत है,
आप खुश रहें, मेरा क्या है,
मैं तो आइना हूँ, मुझे तो टूटने की आदत है.,

तेरे बिना अधूरी सी लगती है ज़िन्दगी
तेरे साथ हर लम्हा खास बन जाता है..!!!

तेरी मुस्कान मेरी जान बन गई
तेरी बातें मेरी पहचान बन गई..!!!

तेरी चाहत में हम यूँ खो गए
खुशबू की तरह तुझमें ही कही खो गए..!!!

न जाने क्या कशिश है तेरी चाहत में
तेरी हर बात दिल को छू जाती है..!!!

तुझमें ही सिमट गया मेरा हर एहसास
अब तो तू ही मेरी दुनिया, तू ही मेरी आस..!!!

तेरे ख़त की इबारत की मैं स्याही बन गया
होता तो चाहत की डगर का मैं भी राही बन गया होता..!!!

ढूढने चला था एक शख्स की चाहत
खुद को भी खो दिया उसकी मोहब्बत मे..!!!

हमारे बाद नहीं आएगा तुम्हें चाहत का
ऐसा मज़ा तुम लोगों से कहते फ़िरोगे
मुझे चाहो उस की तरह..!!!

चाँद की चाँदनी से दिल को सुकून मिलता है,
तुमसे मिलकर जिंदगी का असली मक्सद मिलता है।
ग़म और दर्द में भी चाँद की रौशनी मिलती है,
तुमसे मिलने की ख्वाहिश में हर रात सुकून मिलता है।

छिछोरा था पहले
अब ये दिल बेचारा हो गया
राबता कुछ नही था तुमसे
फिर भी ये दिल तुम्हारा हो गया.!!

जनाब ये इश्क मेरा उसे रास ना हुआ
उड़ाया था मजाक जिसने मेरा
उसे ही मेरी चाहत का एहसास ना हुआ.!!

तेरी चाहत मेरे संग अगर पूरी नही
तो मेरी चाहत भी तेरे बिना अधूरी नही..!

लम्हों की पंखुड़ियां बिखरने लगी है
अब तेरी यादो की चाहत निखरने लगी है..!

चाहते होती है जहां
दिल मिल ही जाते है वहां
ये तो प्यार के फूल है जो
पत्थर पर भी खिल जाते है..!

बिन बात के ही रूठने की आदत है
किसी अपने का साथ पाने की चाहत है
आप खुश रहें मेरा क्या है मैं तो आइना हूँ
मुझे तो टूटने की आदत है।

महफ़िल में गले मिल के वो धीरे से कह
गए ये रस्म-ए-अंजुमन है चाहत का गुमाँन कर।

उनकी चाहत में हम कुछ यूँ बँधे है
वो साथ भी नही और हम अकेले भी नही !

तेरी चाहत मे हम जमाना भूल गये
किसी और को हम अपनाना भूल गये
तूम से मोहब्बत हे साारे जहान को
बताया बस एक तूझे ही बताना भूल गये !

चाहत बन गये हो तुम या आदत बन गये
हो तुम हर सांस में यू आते जाते हो जैसे
मेरी इबादत बन गये हो तुम।

कैसी गहराई है तेरी चाहत में और मेरी
मोहब्बत में न डूबा हूँ अब तक न सतह
की कोई उम्मीद नज़र आती है !

मज़ा आ जाए गर हो जाए इतना अबकी
बारिश में हमारी चाहत के आँसू तुम्हारी
छत पे जा बरसे !

हमारी गलतियों से कही टूट न जाना
हमारी शरारत से कही रूठ न जाना
तुम्हारी चाहत ही हमारी जिंदगी हैं
इस प्यारे से बंधन को भूल न जाना।

Chahat Bhari Shayari

सिलसिला ये चाहत का दोनो तरफ से था
वो मेरी जान चाहती थी और मैं जान से ज्यादा उसे !

कोई चाहत की बात करता है
तो कोई चाहने की हम दोनोँ आज़मा
के बैठे हैँ ना चाहत मिली ना तो चाहने वाले !

बहुत गुमनाम से है चाहत के रास्ते
तू भी लापता मैं भी लापता !

बड़े अजीब से हो गए रिश्ते आजकल
सब फुरसत में हैं पर वक़्त किसी के पास नही !

तेरे ख़ातिर हम ने सारी दुनिया को भुला
दिया तू ने तो दुनिया के लिए अपने सच्चे
चाहने वाले को ही भुला दिया कुछ न
कहा खामोशी से मेरा हाथ छोड़ दिया
हस्ते-हस्ते तू ने मुझे रुला दिया।

चिरागों से अगर अँधेरा दूर होता
तो चांदनी की चाहत क्यूँ होती
कट सकती अगर ये ज़िन्दगी अकेले
तो साथी की जरूरत ही क्यूँ होती !

आज हम हैंए कल हमारी यादें होंगी
जब हम ना होंगेए तब हमारी बातें होंगी
कभी पलटो गे जिंदगी के ये पन्ने
तो शायद आप की आँखों से भी बरसातें होंगी !

मिलने की चाहत भी थी
ज़माने का डर भी था
शिकायत दुनिया से थी
साथ में तुझे खोने का डर भी था।

Bepanah Chahat Shayari

वादे वफ़ा के और चाहत जिस्म की
अगर ये मोहब्बत है तो फिर हवस किसे कहते है !

बहुत कुछ बदला हैं मैने अपने आप में
लेकिन तुम्हें वो टूट कर चाहने की
आदत अब तक नहीं बदली !

एक ख्वाब एक ख्याल एक हकीक़त है तू
जिंदगी में पाने वाली हर ज़रूरत है तू
जिसको रोज़ प्यार करने का दिल करे
अरे यार वही प्यारी सी चाहत है तू !

तेरी चाहत के सिवा अब ना कोई आरज़ू
रही तू रहा तेरी ख़्वाहिश रही और बस तेरी आशिकी रही !

कई बार ये सोच के दिल मेरा रो देता है की
मुझे ऐसा क्या पाना था जो मैंने खुद को भी खो दिया !

अगर दुनिया में जीने की चाहत ना होती
तो खुदा ने मोहब्बत बनाई ना होती
लोग मरने की आरज़ू ना करते
अगर मोहब्बत में बेवाफ़ाई ना होती !

ऐ सुनो तुम इतने भी अच्छे नही हो
बस मेरे चाहत-ए-दिल ने सिर पर चढा रखा है !

मैं कुछ लिखू और तेरा ज़िक्र न हो
वो तो मेरी चाहत की तौहीन होगी !

Chahat Love Shayari

एक चाहत होती है जनाब अपनों के
साथ जीने की वरना पता तो हमें भी
है कि ऊपर अकेले ही जाना है।

वो शमा की महफ़िल ही क्या जिसमे
दिल खाक ना हो मज़ा तो तब है चाहत
का जब दिल तो जले पर राख ना हो।

नुमाइश करने से चाहत बड़ नहीं जाती
मोहब्बत वो भी करते हैं जो इजहार नही करते।

Chahat Love Shayari
Chahat Love Shayari

तुम खुद उलझ जाओगे मुझे गम देने
की चाहत में मुझमें हौसला बहुत है
मुस्कुराकर निकल जाऊगा !

तेरे हर ग़म को अपनी रूह में उतार लूँ
ज़िंदगी अपनी तेरी चाहत में सवार लूँ
मुलाक़ात हो तुझसे कुछ इस तरह मेरी
सारी उम्र बस एक मुलाक़ात में गुज़ार लूँ।

रिश्तों से बड़ी चाहत और क्या होगी
दोस्ती से बड़ी इबादत और क्या होगी
जिसे दोस्त मिल सके कोई आप जैसा
उसे ज़िंदगी से कोई और शिकायत क्या होगी।

तेरी चाहत तो मुक़द्दर है मिले न मिले
राहत ज़रूर मिल जाती है तुझे अपना सोच कर !

इतना भी ना चाहो किसी को वो चला
जाए और ज़िन्दगी बेरंग और गुमनाम हो जाए !

दिल के रिश्ते का कोई नाम नहीं होता
हर रास्ते का मुक़ाम नहीं होता
अगर निभाने की चाहत हो दोनों तरफ
तो क़सम से कोई रिश्ता नाक़ाम नहीं होता !

अनजाने में तुझसे मुलाकात सी हो गयी
दोस्ती करने चले थे और तुझसे चाहत
सी हो गयी अपने वजूद में तुझे तलाश
करते है हमे तुमसे मोहब्बत सी हो गयी !

जब आप किसी को चाहो तो ऎ मत
सोचो की वो आप को पसंद करता है
की नही बस उसॆ इतना चाहो की उसॆ
आप कॆ सिवा किसी और की चाहत
पसंद ही ना आए।

अगर तुम समझ पाते मेरी चाहत की
इन्तहा तो हम तुमसे नही तुम हमसे मोहब्बत करते !

मोहब्बत मुझे थी उसी से सनम
यादों में उसकी यह दिल तड़पता रहा
मौत भी मेरी चाहत को रोक न सकी
कब्र में भी यह दिल धड़कता रहा।

मेरा वजूद मिट रहा है इश्क़ में तेरे
अब यह ना कहना की जिस्म की चाहत है मुझे !

प्यार वो हम को बेपनाह कर गये
फिर ज़िन्दगी में हम को तन्नहा कर गये
चाहत थी उनके इश्क में फ़नाह होने की
पर वो लौट कर आने को भी मना कर गये।

उतर के देख मेरी चाहत की गहराई में
सोचना मेरे बारे में रात की तन्हाई में
अगर हो जाए मेरी चाहत का एहसास
तो मिलेगा मेरा अक्स तुम्हे अपनी ही परछाई में !

Teri Chahat Mein Shayari

तेरे गम को अपनी रूह में उतार लूँ
जिन्दगी तेरी चाहत में सवार लूँ
मुलाकात हो तुझ से कुछ इस तरह
तमाम उमर बस इक मुलाकात में गुजार लूँ।

सीख जाओ वक्त पर किसी की चाहत
की कदर करना कहीं कोई थक ना
जाये तुम्हें एहसास दिलातें दिलाते !

मेरी चाहत ने उसे खुशी दे दी बदले में
उसने मुझे सिर्फ खामोशी दे दी खुदा से
दुआ मांगी मरने की लेकिन उसने भी
तड़पने के लिए जिन्दगी दे दी !

मेरे दिल मे तेरी चाहत बस जाए बन के
धड़कन पल भर ना भूल पाऊ ऐसी तड़प जगा दे !

तेरी चाहतो पर मुझे ऐतबार है
इसलिए मुझे तुमसे खुद से ज्यादा प्यार है !

कभी उसने भी हमें चाहत का पैगाम लिखा था
सब कुछ उसने अपना हमारे नाम लिखा था
सुना है आज उनको हमारे जिक्र से भी नफ़रत है
जिसने कभी अपने दिल पर हमारा नाम लिखा था।

प्यार है मुझसे तो सारी खुशियाँ समेट लो मेरी
गमों का क्या है ये चाहत से खुशियों में बदल जायेंगे !

चाहत वो नहीं जो जान देती है
चाहत वो नहीं जो मुस्कान देती है
ऐ दोस्त चाहत तो वो है जो पानी में
गिरा आंसू पहचान लेती हैं !

किसी की चाहत मे इतने पागल ना हो
हो सकता हे वो तुम्हारी मंज़िल ना हो
उसकी मुस्कुराहट को मोहब्बत ना समझो
कहीं ये मुस्कुराना उसकी आदत ना हो !

चाहतों का सफर जब खत्म होता है
हकीकत में जिंदगी तभी शुरू होती है !

चलो अपनी चाहतें नीलाम करते हैं
मोहब्बत का सौदा सरे आम करते है
तुम अपना साथ हमारे नाम कर दो
हम अपनी ज़िन्दगी तुम्हारे नाम करते हैं।

अकेले वारिस हो तुम
मेरी बेशुमार चाहतों के !

इंसान की चाहत कि उङने को पर मिले
और परिंदे सोचते है कि रहने को घर मिले !

दर्द की चाहत किसे होती है मेरे यारो
ये तो मोहब्बत के साथ मुफ़्त में मिलता है !

तू चाहत है तू जरूरत है तू इबादत है तू
मजहब है खुदा क्यों हो नाराज़ हमसे ये
उसकी ही बनाई मोहब्बत है !

कुछ तो है कहीं ये जो थोड़ा प्यार-सा है
नशा है तेरा चाहत या इक ख़ुमार-सा है !

Romantic Chahat Shayari

रिहा कर ख़ूबसूरत दिखने की चाहत से
मुझे ऐ आईने तू मेरी सादगी को ज़मानत दे दे !

तुझे प्यार करते हैं करते रहेंगे कि दिल
बनके दिल में धड़कते रहेंगे तेरा नाम
ले-ले के जीते रहेंगे तेरा नाम ले-ले के मरते रहेंगे !

तुमसे इश्क की चाहत में सब कुछ सहे जा
रहे है मोहब्बत के अल्फ़ाज समंदर में बहे जा रहे है !

Romantic Chahat Shayari
Romantic Chahat Shayari

तेरी चाहत तो मुक़द्दर है मिले न मिले
राहत ज़रूर मिल जाती है तुझे अपना सोच कर !

तेरी चाहत में हम रुस्वा सर-ए-बाजार हो
गए हमने ही दिल खोया हम ही गुनहगार हो गए !

मेरी चाहत का एहसास भी ना होगा उसे
उसकी हर अदा पसन्द आई बेवफाई के सिवा !

वादे वफ़ा के और चाहत जिस्म की
अगर ये मोहब्बत है तो फिर हवस किसे कहते है !

उनकी चाहत में हम कुछ यूँ बँधे है
वो साथ भी नही और हम अकेले भी नही !

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