100+ Barish Shayari in Hindi | बारिश पर शायरी हिंदी में (2025)

Barish Shayari in Hindi

बारिश की बूंदें दिल को एक अलग ही सुकून देती हैं। भीगी हुई फिजाएं, ठंडी हवा और मिट्टी की भीनी खुशबू दिल में एक खास एहसास जगाती हैं। अगर आप भी बारिश के इन हसीन पलों को शब्दों में सजाना चाहते हैं, तो यहां आपको Barish Shayari in Hindi का सबसे खूबसूरत संग्रह मिलेगा। इन दिल को छू लेने वाली शायरियों के जरिए अपनी बारिश की फीलिंग्स को खूबसूरत अंदाज में बयां करें और इस रोमांटिक मौसम का आनंद लें।

Barish Shayari in Hindi

कहीं फिसल न जाओ जरा संभल के चलने का
मौसम बारिश का भी है और मोहब्बत का भी
बारिश से ज़्यादा तासीर है तेरी यादों मे
हम अक्सर बंद कमरे मे भी भीग जाते हैं
वो बारिश की ही तो पहली याद थी ,
जो तुम्हारा कहा मुझे कुछ सुनाने आयी थी।
कहीं फिसल न जाऊं तेरे ख्यालों में चलते चलते,
अपनी यादों को रोको मेरे शहर में बारिश हो रही है।
उस ने बारिश में भी खिड़की खोल के देखा नही…
भीगने वालो को क्या क्या परेशानी हुई
मौसम-ए-इश्क़ है तू एक कहानी बन के आ,
मेरे रू को भिगो दें जो तू वो पानी बन के आ !
मत झटका करो गीले बालों से पानी की वो बूंदे,
ये कंबख्त बादल भी बरसने से इनकार कर देते है।
पहले बारिश होती थी तो याद आते थे,
अब याद आते हो तो बारिश होती है
बारिश जैसे है फूलों के लिए, वैसे ही मेरे लिए हो तुम।
कि तुम्हारे आने से खिल सी जाती हूँ मै।
दूर तक छाए थे बादल और कहीं साया न था
इस तरह बरसात का मौसम कभी आया न था..!!

Sad Barish Shayari in Hindi

सुनी निगाहों में जब तुम समाए हो तो
मौसम का हसीन होना लाज़मी है..!!
बारिश की तरह आती है तुम्हारी याद,
जो मेरे दिल को छू कर दुखा देती हैं..!
बारिश के मौसम में तेरी यादें सब कुछ
भुला देती हैं फिर भी मेरी आँखों
से बहते हुए आँसू नहीं रुकते
Sad Barish Shayari in Hindi
Sad Barish Shayari in Hindi
आज मौसम कितना खुश गंवार हो गया ख़तम सभी का
इंतजार हो गया.. बारिश की बूंदे गिरी कुछ इस तरह से
लगा जैसे आसमां को ज़मीं से प्यार हो गया
बारिश का मौसम मुझे इसीलिए भाता है
अंदर और बाहर का मौसम एक सा हो जाता है
जब बारिश की बूंदें तुम्हारी यादों के साथ गिरती हैं,
तो दिल में तन्हाई की आहट सी सुनाई देती है
उफ्फ फिर ये बरसात की रात आई है
ख्वाबों में उसकी फिर से याद आई है
भीगा रही है बारिशें इश्क़ में मुझे
ये मौसम दुआओं सा कहीं बदल न जाए

Love Barish Shayari in Hindi

बारिश और मोहब्बत दोनों ही, यादगार होते है
बारिश में जिस्म, भीगता है और मोहबत में आंखे
बारिश की बूंदों में झलकती है
तस्वीर उनकी और
हम उनसे मिलने की चाहत में भीग
जाते हैं
गम- ए- बारिशे इसलिए नहीं
कि तुम चले गए
बल्कि इसलिए कि
हम खुद को भूल गए !!
Love Barish Shayari in Hindi
Love Barish Shayari in Hindi
बारिश सुहानी और
मोहब्बत पुरानी
जब भी मिलती है
नई सी लगती है
तेरे प्रेम की बारिश हो,
मैं जलमग्न हो जाऊं,
तुम घटा बन चली आओ,
मैं बादल बन जाऊं।
मोहब्बत तो वो बारिश है
जिसे छूने की चाहत में
हथेलियां तो गीली हो जाती है
पर हाथ खाली ही रह जाते हैं !!

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मतलबी होना तो इंसान की
फितरत है साहब
बारिश रुक जाने के बाद तो इंसान
को छाता भी बोझ लगने लगता है।
जब भी होगी पहली बारिश,
तुमको सामने पाएंगे,
वो बूंदों से भरा चेहरा तुम्हारा
हम देख तो पाएंगे ।
कहीं फिसल न जाऊं तेरे
ख्यालों में चलते चलते,
अपनी यादों को रोको
मेरे शहर में बारिश हो रही है ।
बाहर आकर देखिए बारिश का नजारा,
हवा है ठंडी और मौसम भी है प्यारा।
बस एक तेरे संग भीगे हम !!
मुझे उस बारिश की तलाश है !!
सहमी हुई है झोपड़ी बारिश की खौंफ से।
महलों की आरज़ू है की बरसात तेज़ हो ।
ये बारिश, ये ठंढी हवा,
रिमझिम और ये मौसम,
अगर तुम दूर ना होते तो मिल के चाय पीते !
मुझे ऐसा ही ज़िन्दगी का एक पल चाहिए,
प्यार से भरी बारिश और संग तू चाहिए।
पूछते थे ना कितना प्यार है
तुम्हे हम से लो अब गिन लो
बारिश की ये बूँदें
ए बादल इतना बरस की
नफ़रतें घुल जायें
इंसानियत तरस गयी है
प्यार पाने के लिए
कभी बेपनाह बरसी कभी
गुम सी है ये बारिश भी
कुछ – कुछ तुम सी है
मोहब्बत तो वो बारिश है जिससे छूने की
चाहत मैं ! हथेलियां तो गीली हो जाती है
पर हाथ खाली ही रह जाते है !
आँखों में भी जाने कितने
बादल हैं हर मौसम
बारिश का मौसम
लगता है
रहने दो अब तुम भी मुझे
अब पढ़ न सकोगे
बरसात में कागज की तरह
भीग गया हूं मै

Barish par Shayari in Hindi

सावन का मौसम जब भी
धरती से मिलने आता है,
तब तक अपनी तड़प का
दास्तां बरस का सुनाता है
क्यों होती है अक्सर जुदाई उनसे
जिसको दिल चाहे क्यों ।
बारिश की बूंदों में झलकती है
तस्वीर उनकी और
हम उनसे मिलने की चाहत में भीग
जाते हैं.
इस बारिश में यह दुआ है हमारी कि..
बारिश की जितने बूंदे
धरती में गिरे उतनी ही खुशियां
आपकी झोली में गिरे….
दूर तक छाए थे बादल और कहीं
साया न था इस तरह बरसात
का मौसम कभी आया न था
मजबूरियां ओढ़ के निकलता हूं
घर से आजकल,
वरना शौक तो आज भी है
बारिश में भीगने का ।
भीगे बारिश में ये
अब मुमकीन नहीं
चलो भिगतें है यादों मे
तुम कहीं मैं कहीं
Barish par Shayari in Hindi
Barish par Shayari in Hindi
तुम्हें बारिश पसंद है मुझे बारिश में तुम,
तुम्हें हँसना पसंद है मुझे हस्ती हुए तुम,
तुम्हें बोलना पसंद है मुझे बोलते हुए तुम,
तुम्हें सब कुछ पसंद है और मुझे बस तुम।
ए काश बरस जाये यहाँ
नूर की बारिश * ईमान के शीशो पर
बड़ी गर्द जमी है
“कुछ तो चाहत रही होगी
इन बारिश की बूँदों की भी,
वर्ना कौन गिरता है इस जमीन पर
आसमान तक पहुँचने के बाद “
इस भीगे भीगे मौसम में थी
आस तुम्हारे आने की,
तुमको अगर फुर्सत ही नहीं तो
आग लगा बरसातों को ।
फ़िर बारिश हो रही है
शायद बादल रोया है।
लगता है उसने भी मेरी तरह..
कोई अपना खोया है…!
हैरत से ताकता है सहरा बारिश
के नजराने को
कितनी दूर से आई है
ये रेत से हाथ मिलाने को।

Sawan Barish Shayari in Hindi

मैंने देखा बारिंश की वो बूँद
शीशे पर कहर कर
मुझे एक टक देखे जा रहीं थी
मैंने पूछा ऐसे क्या देख रही हो
वो धीरे से बोली बाहर तो आओ
पहली बारिश का नशा ही कुछ
अलग होता है
पलकों को छूते ही
सीधा दिल पे असर होता है !!
मौसम है बारिश का
और याद तुम्हारी आती है
बारिश के हर कतरे से सिर्फ
तुम्हारी आवाज आती है!!
इस बारिश के मौसम में अजीब सी
कशिश है,
ना चाहते हुए भी कोई शिद्दत से
याद आता है ।
हम भीगते हैं जिस तरह से तेरी यादों में डूबकर
इस बारिश में कहाँ वो कशिश तेरे ख्यालों जैसी
बारिश की बूंदों में झलकती है उसकी तस्वीर,
आज फिर भीग बैठे है उसे पाने की चाहत में।
गुजारिश करता हूं कि उससे अकेले में मुलाकात हो,
ख्वाहिश ए दिल है जब भी हो बरसात हो !
Sawan Barish Shayari in Hindi
Sawan Barish Shayari in Hindi
कहीं फिसल न जाओ जरा संभल के चलना
मौसम बारिस का भी है और मोहब्बत का भी
पता था मुझे बारिश होंगी,
बादलो को दुख जो सुनाया था मैंने।
हवा भी रूक जाती है कहने को कुछ तराने
बारिश की बूंदे भी उसे छूने को करती है बहाने !
तेरे प्रेम की बारिश हो,मैं जलमगन हो जाऊं,
तुम घटा बन चली आओ,मैं बादल बन जाऊं !
किया न करो मुझसे इश्क़ की बाते
बिन बारिश के ही भीग जाती हैं राते !
सुनो ये बादल जब भी बरसता है,
मन तुझसे ही मिलने को तरसता है।
खुद भी रोता है मुझे भी रुला देता है
ये बारिश का मौसम उसकी याद दिला देता है
मुझे ऐसा ही जिन्दगी का हर एक पल चाहिए,
प्यार से भरी बारिश और संग तुम चाहिए !!
हम भीगते है जिस तरह से तेरी यादों में डूब कर
इस बारिश में कहाँ वो कशिश तेरे खयालों जैसी
आंखों की नमी थी या बारिश की बूंदे,
बरसात में सब एक जैसी हो गयी।
मौसम-ए-इश्क़ है तू एक कहानी बन के आ,
मेरे रूह को भिगो दें जो तू वो पानी बन के आ!
बारिश की बूंदे आज मेरे चेहरे को छू गई,
लगता है शायद आसमा को जमी मिल गई !
पहले बारिश होती थी तो याद आते थे,
अब जब याद आते हो बारिश होती है।
पहली बारिश का नशा ही,कुछ अलग होता है,
पलको को छूते ही, सीधा दिल पे असर होता है !
बरसात का बादल तो दीवाना है क्या जाने
किस राह से बचना है किस छत को भिगोना है
इस बारिश के मौसम में अजीब सी कशिश है !
ना चाहते हुए भी कोई शिदत से याद आता है !
भीगी मिट्टी की महक प्यास बढ़ा देती है
दर्द बरसात की बूँदों में बसा करता है
सावन के महीने में भीगे थे हम साथ में,
अब बिन मौसम भीग रहे है तेरी याद में !
बारिश समझनी है तो किसानों के चेहरे पढो..
इन शायरियों ने तो इसे इश्क के दायरे में बांध रखा है !
आसमां को ग़ुरूर था वो सबका मुक़ाम है
बारिश को मगर ‘ज़मीं’ ही रास आयी।
बड़ा सुहावन होता है मौसम बारिश का
दो दिलो को मिला देता है मौसम बारिश का
साथ बारिश में लिए फिरते हो उस को ‘अंजुम’
तुम ने इस शहर में क्या आग लगानी है कोई
ज्यादा दूर नही बस खुदा वहाँ पहुँचादे जहां
तेरी बरकत और सुकून चारो ओर बरसता हो।
मजबूरियाँ ओढ़ के निकलता हूँ घर से आजकल,
वरना शौक तो आज भी है बारिशो में भीगने का।
बारिश की बूंदे गिरे जब मेरे चेहरे पर
तो तेरे पास होने का एहसास हुआ
आज आई बारिश तो याद आया वो जमाना,
वो तेरा छत पे रहना और मेरा सडको पे नहाना.
जब तू थी तो तेरे गली में आना जाना था
अब तेरे साथ तेरी गलियां भी भी हमें भुला दी है
बरसात का बादल तो दीवाना है क्या जाने,
किस राह से बचना है किस छत को भिगोना है.
सांस बन कर तुम मेरे दिल में समा जाते हो
जब भी तुम्हे याद करता हूं बरसात बन के आ जाते हो
कच्ची मिट्टी का बना होता है उम्मीदों का घर,
ढह जाता है हकीकत की बारिश में अक्सर.
मुझे मार ही ना डाले इन बादलों की साज़िश,
ये जब से बरस रहे हैं तुम याद आ रहे हो
जब भी होगी पहली बारिश तुमको सामने पाएंगे,
वो बूंदों से भरा चेहरा तुम्हारा हम कैसे देख पाएंगे
कोई रंग नही होता बारिश के पानी में
फिर भी फिजा को रंगीन बना देती है
ख़ुद को इतना भी न बचाया कर
बारिश हुआ करे तो भीग जाया कर
हर दफ़ा बारिश उसका पैग़ाम लेकर आती है
और मेरे बंजर से दिल को हरा भरा कर जाती है।
Barish Shayari
Barish Shayari
पहली बारिश का नशा ही,कुछ अलग होता है,
पलको को छूते ही,सीधा दिल पे असर होता है।
जब भी होगी पहली बारिश तुमको सामने पाएँगे
वो बूंदों से भरा चेहरा तुम्हारा हम देख तो पाएँगे
मुझे ऐसा ही ज़िन्दगी का एक पल चाहिए,
प्यार से भरी बारिश और संग तू चाहिए।
कोई तो बारिश ऐसी हो जो तेरे साथ बरसे
तन्हा तो मेरी ऑंखें हर रोज़ बरसाती है
एक हम हैं जो इश्क़ कि बारिश करते है,
एक वह हैं जो भीगने को तैयार ही नहीं।
जरा ठहरो की बारिश हे यह थम जाये तो फिर जाना
किसी का तुम को छू लेना मुझे अच्छा नहीं लगता !!
कल रात मैंने सारे ग़म आसमान को सुना दिए
आज मैं चुप हूँ और आसमान बरस रहा है
कभी बेपनाह बरस पडी, कभी गुम सी है,
यह बारिश भी कुछ – कुछ तुम सी है।
सावन के महीने में भीगे थे हम साथ में
अब बिन मौसम भीग रहे है तेरी याद में
बरसात की भीगी रातों में, फिर से कोई सुहानी याद आई,
कुछ अपना जमाना याद आया,कुछ उनकी जवानी याद आई।
ख्वाहिशें तो थी तेरे संग बारिश में भीगने की,
पर ग़मों के बादल कभी छाते ही नहीं।
मौसम-ए-इश्क़ है तू एक कहानी बन के आ
मेरे रूह को भिगो दें जो तू वो पानी बन के आ
शायद कोई ख्वाहिश रोती रहती है,
मेरे अन्दर बारिश होती रहती है
बारिश से ज़्यादा तासीर है तेरी यादों मे
हम अक्सर बंद कमरे मे भी भीग जाते हैं
रहने दो कि अब तुम भी मुझे पढ़ न सकोगे
बरसात में काग़ज़ की तरह भीग गया हूँ मैं
पूछते थे ना कितना प्यार है हमें तुम से
लो अब गिन लो ये बूँदें बारिश की

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