180+ Islamic Shayari in Hindi | इस्लामिक शायरी हिंदी 2025

ईमान, सब्र, मोहब्बत और अल्लाह से जुड़े एहसास जब शायरी में ढलते हैं, तो वो सिर्फ़ अल्फ़ाज़ नहीं, रूह की आवाज़ बन जाते हैं। Islamic Shayari in Hindi का यह संग्रह आपको इस्लामी सोच, तालीम और अल्लाह के प्रति भरोसे से जुड़ी शायरियों से रूबरू कराएगा। ये शायरियाँ आपको सुकून, हिम्मत और आत्मिक शांति देंगी। चाहे आप अपने दिल की बात बयान करना चाहें या किसी को इस्लामी अंदाज़ में दुआ भेजना चाहते हों, यहाँ आपको हर मौके के लिए खूबसूरत अल्फ़ाज़ मिलेंगे।
Islamic Shayari in Hindi
खली हाथ भेजा है मुझे
खाली हाथ ही लेजा तू मुझे
हर दर्द की दवा है इस्लाम में,
सुकून है सिर्फ अल्लाह के नाम में।
दुनिया के झूठे साए छोड़ दो,
हकीकत बस है कुरान के पैगाम में।
जब भी दिल टूटे और राह न मिले,
नमाज़ में सजदा करो, राहत मिले।
हर सवाल का जवाब मिलता है वहाँ,
जहाँ इबादत में खुदा से मुलाकात मिले।
इस्लाम अमन का पैगाम है,
हर दिल में बस एक ही नाम है।
नफरत को छोड़ो, मोहब्बत को अपनाओ,
क्योंकि अल्लाह ही हर इंसान का आसरा है।
‘मीर’ के दीन-ओ-मज़हब को अब पूछते क्या हो उन ने तो
क़श्क़ा खींचा दैर में बैठा कब का तर्क इस्लाम किया
यही है इबादत यही दीन ओ ईमाँ
कि काम आए दुनिया में इंसाँ के इंसाँ
लड़खड़ा कर गिर पड़ी ऊँची इमारत दफ़अतन
दफ़अतन तामीर की कुर्सी पे खंडर जम गया
साथ रखिए काम आएगा बहुत नाम-ए-ख़ुदा
ख़ौफ़ गर जागा तो फिर किस को सदा दी जाएगी
शेर के रूप में देते रहना
‘एहतिराम’ अपनी ख़बर आगे भी

इस बार भी शोलों ने मचा डाली तबाही
इस बार भी शोलों को हवा दी गई शायद
उसी से मुझ को मिला इश्तियाक़ मंज़िल का
मिरे सफ़र को फ़ज़ा-ए-सफ़र उसी से मिली
अहल-ए-दुनिया से मुझे तो कोई अंदेशा न था
नाम तेरा किस लिए मिरे लबों पर जम गया
आप इधर आए उधर दीन और ईमान गए
ईद का चाँद नज़र आया तो रमज़ान गए
बोले कि तुझ को दीन की इस्लाह फ़र्ज़ है
मैं चल दिया ये कह के कि आदाब अर्ज़ है
उठा हिजाब तो बस दीन-ओ-दिल दिए ही बनी
जनाब-ए-शैख़ को दावा था पारसाई का
ज़ाहिद तिरा तो दीन सरासर फ़रेब है
रिश्ते से तेरे सुब्हा के ज़ुन्नार ही भला
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याद था ‘सुक़रात’ का क़िस्सा सभी को ‘एहतिराम’
सोचिए ऐसे में बढ़ कर सच को सच कहता तो कौन
तौक़ीर अँधेरों की बढ़ा दी गई शायद
इक शम्अ जो रौशन थी बुझा दी गई शायद
दुनिया को दीन दीन को दुनिया करेंगे हम
तेरे बनेंगे हम तुझे अपना करेंगे हम
अब दीन हुआ ज़माना-साज़ी
आफ़ाक़ तमाम दहरिया है
दीन ओ दुनिया का जो नहीं पाबंद
वो फ़राग़त तमाम रखता है
ले गया दे एक बोसा अक़्ल ओ दीन ओ दिल वो शोख़
क्या हिसाब अब कीजे कुछ अपना ही फ़ाज़िल रह गया
न कोई खुदा के बराबर है,
न कोई उसके फ़ैसले से बाहर है।
जिसे वो बुला ले अपनी रहमत में,
वो ही सबसे बेशुमार है।
अल्लाह की राह में जो चल पड़ते हैं,
वो हर मोड़ पर संभल जाते हैं।
दुआओं से जो दिल जुड़ा रखते हैं,
वो हर दुख से बचा लिए जाते हैं।
Islamic Shayari Hindi
अल्लाह की रहमत सबसे बड़ी दौलत है,
जो मिले वो खुशनसीब है।
इस दुनिया की मोहब्बतें फानी हैं,
पर उसका करम हमेशा क़रीब है।
नमाज़ वो ज़रिया है जो खुदा से मिलवाता है,
हर दर्द में सुकून दिलवाता है।
जो दुआ आँख से नहीं निकली,
वो भी रब दिल से सुन जाता है।
इस्लाम सिखाता है इंसानियत,
हर मजहब की यही है बुनियाद।
नफरत को भूलो, मोहब्बत अपनाओ,
अल्लाह का करम है सबसे बड़ा ईनाम।
हर रात को सजदा कर के सोओ,
रब से अपने गुनाहों की माफी मांगो।
वो रहमतें बरसाता है बेहिसाब,
बस उसके दर पे सर झुकाओ।

इस्लाम में हर सवाल का जवाब है,
हर रास्ता कुरान के नक्शे पे साफ है।
बस दिल में रखो यकीन और सब्र,
अल्लाह की रहमत सबसे करीब है।
जिनका रब होता है, उन्हें किसी और की जरूरत नहीं होती।
अगर तेरा यकीन मजबूत है, तो तक़दीर भी झुक जाएगी।
नसीब से ज्यादा और वक्त से पहले कुछ नहीं मिलता,
पर जो अल्लाह देता है, बेहतर देता है।
दुनिया छोड़ दे, पर अल्लाह तुझे कभी नहीं छोड़ेगा।
दुनिया छोड़ दे, पर अल्लाह तुझे कभी नहीं छोड़ेगा।
जब दिल टूटे और रास्ता ना मिले,
तो अल्लाह को पुकारो, सब हल मिले।
उसकी रहमत से ही है रोशनी,
वरना ये दुनिया सिर्फ मुश्किलों से भरी है।
जब जब तू रब को याद करता है,
वो तुझे अपनी रहमत से नवाजता है।
तेरे आँसू भी उसकी नजरों में हैं,
तेरी खामोशी में भी दुआओं का असर है।
रातों को रोता हूँ सजदे में बैठकर,
गुनाहों की सज़ा खुदा से मांगता हूँ।
दिल को सुकून बस वहीं मिलता है,
जहाँ तन्हाई में उसका नाम लेता हूँ।
हर गुनाह पर शर्मिंदा हूँ मैं,
रहम कर ऐ खुदा तन्हा हूँ मैं।
तेरी रहमत का ही आसरा है,
वरना टूटकर बिखरा हूँ मैं।
ज़िन्दगी की राहें तन्हा सी क्यों हैं,
हर खुशी भी अधूरी सी क्यों हैं।
दुआओं में माँगा खुदा से जब उसे,
तो तक़दीर ने ना सुनी, ये सज़ा सी क्यों है।
बेख़बर दुनिया है, ग़मों की कहानी से,
सिर्फ रब जानता है दिल की परेशानी से।
आँसू में भी एक दुआ छुपी होती है,
जो निकलती है तन्हा रात की रवानी से।
मस्जिद में सजदा कर भी सुकून ना आया,
कहीं रब को नाराज़ तो नहीं कर आया।
हर खुशी छीन ली तन्हाई ने मुझसे,
मुझे मेरा खुदा ही अब लौटाए साया।
अल्लाह का नाम वो सुकून है,
जो हर तूफान को शांत कर दे।
बस उसकी राहों पर चलो,
वो हर मुश्किल को आसान कर दे।
इस्लामिक शायरी हिंदी
नमाज़ की राह में रब से मिलन है,
वहाँ कोई दर्द अधूरा नहीं रहता।
जो माँगा सच्चे दिल से,
वो कभी खाली नहीं जाता।
दुआ से बड़ी कोई ताकत नहीं,
और अल्लाह से बड़ा कोई सहारा नहीं।
जब सब छोड़ दें,
तो बस वो ही साथ होता है।
खुशकिस्मत वो है,
जिसे अल्लाह की इबादत नसीब हो।
वरना ये दुनिया दौलत में ही उलझी रहती है,
सुकून बस सजदे में मिलता है।
हर सवाल का जवाब वो देता है,
जो अल्लाह से दिल से दुआ करता है।
कभी मायूस मत होना,
उसकी रहमत सब पर बरसती है।

ख़ुदी को कर बुलंद इतना कि हर तक़दीर से पहले,
ख़ुदा बंदे से ख़ुद पूछे बता तेरी रज़ा क्या है।
इक़बाल की शायरी में है जोश-ए-ईमां,
जगाती है दिलों में रौशनी की आँधी।
वो इक़बाल ही था जिसने लिखा,
कि गुलामों की दुनिया से बेहतर है फना।
जो बंदा खुदा से करे मोहब्बत,
उसका ही होता है हर एक दुआ।
तू शाहीन है, परवाज़ है काम तेरा,
तेरे सामने आसमाँ और भी हैं।
इक़बाल ने सिखाया है हमें उड़ना,
हर मुश्किल में खुदा का नाम लेना।
न था कुछ तो खुदा था, कुछ न होता तो खुदा होता,
डुबोया मुझको होने ने, न होता मैं तो क्या होता।
इक़बाल की शायरी में है खुदा की झलक,
जो पढ़े वो पा जाए रूह की राहत।
ख़ुदी को पहचान और खुदा को पा,
इक़बाल का पैग़ाम है हर सदी के लिए।
जो उठे खुदा के नाम पर,
वही बंदा है रब की बंदगी के लिए।
अल्लाह का नाम जब जुबां पर आए,
हर ग़म खुद ही दूर हो जाए।
दिल को जो मिले सुकून उसका,
वो सुकून सिर्फ सजदे में पाए।

हर मुसलमान का ज़ेवर है नमाज़,
रहमत की बारिश है इसका आग़ाज़।
जो झुका देता है सिर खुदा के लिए,
वो कभी शर्मिंदा नहीं होता किसी के लिए।
इस्लाम सिखाता है हर हाल में शुक्र,
और हर ग़म में सब्र।
क्योंकि जो रब देता है,
वो सबसे बेहतर होता है।
कुरान का हर लफ्ज़ नसीहत है,
जो समझ ले वो जन्नत के काबिल है।
इस्लाम मोहब्बत का पैग़ाम है,
नफरत का नहीं कोई नाम है।
अल्लाह से जुड़ जाओ नमाज़ के ज़रिए,
हर मुश्किल आसान होगी धीरे-धीरे।
कभी हौसला मत छोड़ो,
क्योंकि वो हर चीज़ पर क़ादिर है।
जब सब रास्ते बंद हो जाएं,
तो अल्लाह का दर ही सच्चा लगे।
उसकी रहमत इतनी बड़ी है,
जो कभी किसी का हाथ खाली नहीं रखे।
अल्लाह की इबादत में जो सुकून है,
वो किसी और में नहीं।
दुआओं की ताकत को समझो,
वो किस्मत भी बदल देती हैं कहीं।
जिनकी तक़दीर में हो रब की रहमत,
उन्हें कोई ग़म हिला नहीं सकता।
हर मोड़ पर मिलती है राह,
अगर रब से दिल सिला नहीं सकता।
वो अल्लाह है जो हर पल साथ है,
हर आहट पर उसका नूर बरसता है।
कभी गिला मत करना उस रब से,
क्योंकि वो जानता है तेरा हर हाल सबसे।
माँ-बाप की दुआ और रब का करम,
इनसे बड़ी कोई दौलत नहीं।
दुनिया एक दिन खत्म हो जाएगी,
पर नेकियाँ साथ जाएंगी कहीं।