220+ Sardi Shayari in Hindi 2025

Sardi Shayari

सर्दियों का मौसम जब भी आता है, दिल में एक अलग सी ठंडक और यादों की गर्माहट भर देता है। चाहे सुबह की कुहासे वाली ठंडी हवा हो या रात की चुप्पी, हर पल कुछ कहता है। Sardi Shayari In Hindi इन्हीं सर्द लम्हों को शायरी के ज़रिए बयां करती है — कभी तन्हाई में लिपटी, तो कभी प्यार में भीगी हुई। इस लेख में हम आपके लिए लेकर आए हैं कुछ ऐसी शायरियां जो इस ठिठुरते मौसम को आपके जज़्बातों से जोड़ देंगी। पढ़िए और सर्दी को दिल से महसूस कीजिए।

Sardi Shayari in Hindi

ये सर्द रात ये आवारगी ये नींद का बोझ
हम अपने शहर में होते तो घर गए होते

कुछ तो हवा भी सर्द थी कुछ था तिरा ख़याल भी
दिल को ख़ुशी के साथ साथ होता रहा मलाल भी

दिसम्बर की सर्दी है उस के ही जैसी
ज़रा सा जो छू ले बदन काँपता है

Winter Shayari
Winter Shayari

अब उदास फिरते हो सर्दियों की शामों में
इस तरह तो होता है इस तरह के कामों में

यादों की शाल ओढ़ के आवारा-गर्दियाँ
काटी हैं हम ने यूँ भी दिसम्बर की सर्दियाँ

सर्दी में दिन सर्द मिला
हर मौसम बेदर्द मिला

गर्मी लगी तो ख़ुद से अलग हो के सो गए
सर्दी लगी तो ख़ुद को दोबारा पहन लिया

जब चली ठंडी हवा बच्चा ठिठुर कर रह गया
माँ ने अपने ला’ल की तख़्ती जला दी रात को

वो गले से लिपट के सोते हैं
आज-कल गर्मियाँ हैं जाड़ों में

तुम तो सर्दी की हसीं धूप का चेहरा हो जिसे
देखते रहते हैं दीवार से जाते हुए हम

बैठे बैठे फेंक दिया है आतिश-दान में क्या क्या कुछ
मौसम इतना सर्द नहीं था जितनी आग जला ली है

मिरे सूरज आ! मिरे जिस्म पे अपना साया कर
बड़ी तेज़ हवा है सर्दी आज ग़ज़ब की है

रात बेचैन सी सर्दी में ठिठुरती है बहुत
दिन भी हर रोज़ सुलगता है तिरी यादों से

वो सर्दियों की धूप की तरह ग़ुरूब हो गया
लिपट रही है याद जिस्म से लिहाफ़ की तरह

सर्दी और गर्मी के उज़्र नहीं चलते
मौसम देख के साहब इश्क़ नहीं होता

‘अल्वी’ ये मो’जिज़ा है दिसम्बर की धूप का
सारे मकान शहर के धोए हुए से हैं

अब की सर्दी में कहाँ है वो अलाव सीना
अब की सर्दी में मुझे ख़ुद को जलाना होगा

थोड़ी सर्दी ज़रा सा नज़ला है
शायरी का मिज़ाज पतला है

ठंड पर शायरी Love

सूरज लिहाफ़ ओढ़ के सोया तमाम रात
सर्दी से इक परिंदा दरीचे में मर गया

सख़्त सर्दी में ठिठुरती है बहुत रूह मिरी
जिस्म-ए-यार आ कि बेचारी को सहारा मिल जाए

इक बर्फ़ सी जमी रहे दीवार-ओ-बाम पर
इक आग मेरे कमरे के अंदर लगी रहे

ठंड पर शायरी Love
ठंड पर शायरी Love

इतनी सर्दी है कि मैं बाँहों की हरारत माँगूँ
रुत ये मौज़ूँ है कहाँ घर से निकलने के लिए

तेज़ धूप में आई ऐसी लहर सर्दी की
मोम का हर इक पुतला बच गया पिघलने से

कतराते हैं बल खाते हैं घबराते हैं क्यूँ लोग
सर्दी है तो पानी में उतर क्यूँ नहीं जाते

सर्द झोंकों से भड़कते हैं बदन में शो’ले
जान ले लेगी ये बरसात क़रीब आ जाओ

सर्दी है कि इस जिस्म से फिर भी नहीं जाती
सूरज है कि मुद्दत से मिरे सर पर खड़ा है

वो आग बुझी तो हमें मौसम ने झिंझोड़ा
वर्ना यही लगता था कि सर्दी नहीं आई

ऐसी सर्दी में शर्त चादर है
ओढ़ने की हो या बिछौने की

सर्द रातों का तक़ाज़ा था बदन जल जाए
फिर वो इक आग जो सीने से लगाई मैं ने

ज़रीफ़’ अब फ़ाएदा क्या शाइ’रों को सर्दी खाने से
ग़ज़ल हम पढ़ चुके घर जाएँ क्यूँ बे-कार बैठे हैं

पैरों से टकराते हैं जब झोंके सर्द हवाओं के
हाथ लरज़ने लग जाते हैं चमड़े के दस्तानों में

Sardi Par Shayari

पहन लो आप स्वेटर आपसे यही हैं
हमारी गुज़ारिश,मुबारक हो आपको
सर्दी की पहली बारिश।

गर्मी में सब कहते हैं
की ठंडी-ठंडी आइसक्रीम खा लो
और ठंड में सब कहते हैं
की गरमा-गरम अंडा खा लो।

सर्दी के मौसम में कितना मज़ा
आता है, नज़र हो फिर भी चिपक
के सोना पढता है।

Sardi Par Shayari
Sardi Par Shayari

रोज सुबह उठकर आता हैं एक ही ख्याल
पूरी ठंड पूछती खुद से एक ही सवाल
नहाऊ या नहीं बहुत ठण्ड हैं आज
ठंडी लहर प्लीज सताओ ना आज।

काश लगे तुझे सर्दी
में मोहब्बत की ठंड
और तू तड़प के मांगे
मुझे कम्बल की तरह।

सुनो जान मुझे अपने दिल में थोड़ी
जगह दे दो बहार बहुत सर्दी है।

जब चली ठंडी हवा बच्चा ठिठुर कर रह गया
माँ ने अपने ला’ल की तख़्ती जला दी रात को
सिब्त अली सबा।

धूप भी खुल के कुछ नहीं कहती,
रात ढलती नहीं थम जाती है.
सर्द मौसम की एक दिक्कत है,
याद तक जम के बैठ जाती है.

धुप भी खुल के नहीं कहती रात ढलती नहीं थम है
सर्द मौसम की एक दिक्कत है
याद तक थम जम के बैठ जाती है

इससे ज्यादा दुश्मनी की हद क्या होगी दोस्तों,
टॉयलेट की टंकी में भी कोई बर्फ डाल गया !

सर्दी में दिन सर्द मिला,
हर मौसम बेदर्द मिला….

जाड़े की रुत है नई तन पर नीली शॉल
तेरे साथ अच्छी लगे सर्दी अब के साल

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हर कामयाबी पर आपका नाम हो,
आपके हर क़दम पर सफलता का मुकाम हो,
ध्यान रखना, ठण्ड आ गयी हैं,
मैं नही चाहता आपको जुकाम हो !

दिल की धड़कने रुक सी गयी सासे मेरी थम सी गयी
पूछा हमने दिल के डॉक्टर से तो पता चला
सर्दी के कारण आपकी यदि दिल में जम सी गयी

हवा का झोंका आया तेरी खुशबू साथ लाया,
मैं समझ गया की तू आज फिर नहीं नहाया !

बड़ी सख्त इम्तिहान की घड़ी होती हैं,
सुबह-सुबह ठंड में नहाना बात बड़ी होती हैं !

आ जा अभी सर्दी का मौसम नही गुजरा,
पहाड़ो में अभी भी बर्फ जमी है
सब कुछ है मेरे पास मगर
सिर्फ इक तेरी ही कमी है।

बदलता वक़्त और हालत का साथ
बदल जाना चाहिए, क्यों की सर्दी
में गर्मी के कपडे पहने नहीं जाते।

सर्द रातों को सताती है जुदाई तेरी,
आग बुझती नहीं सीने में लगाई तेरी,
जब भी चलती हैं हवाऐं
दिल को आ जीती है फिर से याद तेरी।

ठंड में एक अलग सी लत लग जाती है
धूप की गर्मी,
आग की तपन बहुत भाती है।

ऐसी सर्दी है कि सूरज भी दुहाई मांगे
जो हो परदेश में वो किससे रजाई मांगे

बहुत ही सर्द है अब के दयार-ए-शौक़ का मौसम,
चलो गुज़रे दिनों की राख में चिंगारियाँ ढूँडें….

जिंदगी में एक बात याद रखना आपको आंसू
पोछने वाले बहुत मिलेंगे पर नाक पोछने वाला नहीं मिलेगा
इसलिए इस सर्दी में अपना ख्याल रखना

बैठ कर टॉयलेट में नबाब की जैसे,
ठंडी के मौसम में सोचता हूँ ऐसे,
कि बेटा, कर तो ली हैं तूने,
अब ठंडे पानी से धोएगा कैसे !

सर्दी के मौसम का मजा अलग सा है,
रात मे रजाई का मजा अलग सा है.
धुंध ने आकर छिपा लिया सितारों को,
आपकी जुदाई का ऐहसास अब अलग सा है….

पुरे ऑफिस में हाय तोबा मचाई है
लगता है आज बिना नहाये ही आयी है

Sardi Ki Shayari

ना मैं दिल में आता हूँ ना समझ में आता हूँ,
इतनी सर्दी में मैं कहीं नहीं आता-जाता हूँ !

लड़की रो-रो कर लड़के से कह रही हैं,
हाथ छोड़ो, मेरी नाक बह रही हैं !

लड़कियों को सर्दी इसलिए नहीं लगती क्युकी वह
हम जैसे स्मार्ट लड़को से जलती है

Sardi Ki Shayari
Sardi Ki Shayari

ना मुस्कुराने को जी चाहता हैं,
ना कुछ खाने-पीने को जी चाहता हैं,
अब ठंड बर्दास्त नही होती,
सब कुछ छोडकर रजाई में घुस जाने को जी चाहता हैं !

फैन तो इस हमारे के भी बहुत है. पर
सर्दी की वजह से घरवाले चलाने नही देतें….

निकाल लो रजाई, पहन लो स्वेटर
ये हैं हमारी प्यारी सी गुजारिश,
मुबारक हो आपको सर्दी की पहली बारिश।

ठण्ड से हाल बेहाल है, क्यूंकि सर्दी
बेमिसाल है.ठण्ड से कुकुड जाता शरीर है,
बनी रहते माथे की लकीर है।

ठिठुरने का समय आ गया,
मौसम का जादू छा गया।
पहन लो जर्सी और स्वेटर,
हमने फ़र्ज़ पूरा किया ये कहकर।

गर्मी लगी तो ख़ुद से अलग हो के सो गए
सर्दी लगी तो ख़ुद को दोबारा पहन लिया

जान है तो जहान है दिल है तो आरज़ू भी है
इशक़ भी हो रहेगा फिर जान अभी बचाइए।

वस्ल को मौक़ूफ़ करना पड़ गया है चंद रोज़
अब मुझे मिलने न आना अब कोई शिकवा नहीं

लिपट जाओ मेरे सीने से की
आगाज़-ए-सर्दी है ये ठंडी हवा
कही तुम्हे बीमार न कर दे।

आज तुम नहीं हो
आज मैं नहीं हूं
तुम नहीं वही हो
मैं वही नहीं हूं।

ज़िन्दगी-ए-रोज़मर्रा की मुश्किलें
कम थीं क्या, ऐ सर्द मौसम तूने
भी कुछ रियायत ना की आपनी
सख़्ती में।

प्रेम रतन धन पायो, सर्दी का मौसम
आयो, स्वेटर पेहेन कर घर के बहार
जायो, रज़ाई के बहार न आयो, भूल न
जाना जो बी मई समझायो वर्ण सर्दी
लग जाएगी भाइयो।

जब भी विंटर सीजन आती हैं,
कसम से तेरी याद बहुत आती हैं,
दिल सोचता है मेरा बार-बार
मेरा इनर कब लौटाओगे यार।

तुम्हे बाँहों में भर के सीने से
लगाना ठंड बहुत है तुमको ये
बताना अच्छा लगता है हमे
यूँ सर्दी में प्यार जाताना।

Sardi Status

कभी सर्दी कभी गर्मी या तू
कुदरत के नज़ारे हैं प्यासे वह भी
रह जाते हैं जो दरिया के किनारे हैं।

इस सर्दी के मौसम में हम
दोनों एक साथ हो इससे
अच्छी और क्या बात हो।

अर्ज किया है सारी सारी,
रात गुजर जाती है बस इसी,
कस्मकस में की ये साली रजाई,
में हवा किधर से घुस रही है।

सनसनी हवाये चलती हैं
ठंड में बस धुप ही अपनी लगती हैं
अखरता हैं रोज रोज नहाना
पर सहता हैं यह सारा जमाना।

कप कप करके ठंडी बजती
ओस की बुँदे घास पर सजती
कोहरा सजता हैं बड़ा दमदार
पहाड़ों पर सजता सदाबहार।

इश्क़ की तासीर न पूछो हमसे
हमें सर्दी में भी गर्मी हुआ करती है।

इंसान से इंसान इतना जल रहा है,
फिर क्यों इतना ठण्ड लग रहा है?

सुबह को जेकेट पहनो, दोपहर को सनकोट पहनो,
शाम को रेईनकोट पहनो, रात में कम्बल ओढ लो….

आज एक स्वेटर और पहन लो,
आज एक रज़ाई और ओढ़ लो,
आज एक मफ़लर और लपेट लो,
आज दो मोज़े और पहन लो,
आज एक कहवा और पी लो,
आज एक हीटर और चला लो,
क्या पता…
कल ठण्ड हो न हो…!

पहन लो आप स्वेटर
आपसे यही हैं हमारी गुज़ारिश,
मुबारक हो आपको सर्दी की पहली बारिश….

कितना दर्द हैं दिल में दिखाया नही जाता,
गंभीर हैं किस्सा सुनाया नही जाता,
विडियो कॉल मत कर पगली,
रजाई में से मुहँ निकाला नही जाता.

पूरे ऑफिस में हाय-तौबा मचाई है,
लगता है आज वो बिना नहाएं ही आई है !

हमें इसी ठंड का इन्तजार है
बीमारी तो एक बहाना है
कभी हमसफर बनके देखो तो
जानो ये सफर कैसा सुहाना है….

फूलों की सुगंध, मूँगफली की बहार सर्दी का मौसम
आने को तैयार रजाई,स्वेटर रखो
तैयार हैप्पी सर्दी का मौसम मेरे यार….

ख़ुदा करे कि तुमको “जुदाई” न मिले,
कभी भी तुमको “तन्हाई” ना मिले,
मुझे “message” ना करो तो कुछ ऐसा हो,
कि मौसम हो सर्दी का और तुमको “रजाई” ना मिले !

आखिर अब वो समय आ ही गया है
जब हम सुबह उठ कर ज़िन्दगी का
सबसे मुश्किल फैंसला करते हैं
कि आज नहाना है या नही?

दिल की धड़कन रूक सी गई,
साँसे मेरी थम सी गई,
पूछा हमने दिल के डॉक्टर से तो पता चला
कि सर्दी के कारण आपकी यादें दिल में जम सी गई !

अपना समझो या बेगाना, हमारा आपका हैं
रिश्ता पुराना, इसलिए मेरा फ़र्ज हैं
आपको बताना, ठंड आ गयी हैं,
कृपया रोज मत नहाना….

Thandi ki Shayari

सर्दी में भी ठंडे-ठंडे पानी से नहाना चाहिए,
ज्यादा ठंड लगे तो रजाई में घुस जाना चाहिए

पलट दूँगा पल भर में सारी दुनिया मैं ऐ खुदा,
बस तू रजाई में से निकलने की ताकत दे दे मुझे !

“ठण्ड का बहाना हैं”
व्हाट्सऐप करके आपको सताना हैं,
मौसम भी दीवाना हैं,आप भी दो-चार व्हाट्सऐप कर दो,
क्या नेट पैक का बैलेंस बचा के नया स्वेटर लाना हैं….

Thandi ki Shayari
Thandi ki Shayari

जब ठंड आएं,
तो आस-पास के लोगों को बताएं,
ठंड नहाने से नहीं लगती है,
इसलिए आप रोज नहाएं !

मत ढूढ़ना मुझे इस जहाँ की तन्हाई में,
ठण्ड बहुत हैं मैं हूँ अपनी रजाई में….

ठंड के मौसम में रोज रजाई कहती है
अंदर तो आ गए, बाहर कैसे जाओगे?

बड़ी बेवफ़ा हो जाती है ग़ालिब,
ये घड़ी भी सर्दियों में,
5 मिनट और सोने की सोचो तो,
30 मिनट आगे बढ़ जाती है….

सर्दी की ठिठुरती रात में फुटपाथ पर अरमान है
दिलबर मुझे छोड़के किसी और पे मेहरबान है…!

क्यूँ न रजाई तानकर सोया जाए
क्यूँ किसी की यादों को सोच कर रोया जाए,
क्यूँ किसी के ख्यालों में यूँ खोया जाए,
बाहर मौसम बहुत ख़राब हैं,
क्यूँ न रजाई तानकर सोया जाए…!

मत ढूंढो मुझे इस दुनिया की तन्हाई में,
ठण्ड बहुत है मैं यही हूँ अपनी रजाई में !

ठण्ड में वादा नही करते कि दोस्ती निभायेंगे,
जरूरत पड़ी तो सब कुछ ले लो,
पर रजाई न दे पायेंगे….

ऐ सर्दी इतना न इतरा
अगर हिम्मत है तो जून में आ !

किसी की रजाई खींचना देशद्रोह के बराबर माना जायेगा
और रजाई में घुसकर ठंडे पैर लगाना
छेड़छाड़ का अपराध माना जायेगा….

गुजर जाती है रात इसी कशमकश में,
कि कम्बल में हवा किधर से घुस रही है !

वक़्त वक़्त की मोहब्बत है वक़्त वक़्त की रुसवाइयां,
कभी A.c. सगे हो जाते हैं और कभी रजाइयाँ !

सीतल-सीतल वायु चली,
आकाश हुआ सुहाना,
जोकर भी व्हाट्सऐप पढ़ने लगे,
शिक्षित हुआ ज़माना !

समझ में नही आता,
सारी रात गुजर जाती हैं,
रजाई में हवा किधर से घुस जाती हैं….

इस सर्दी की ठंडक मेरे दिल में उतर गई है,
इसी वजह से मेरी शायरी जम सी गयी है !

सर्दियों का एक स्पेशल मैजिक ट्रिक सुब्हे 7 बजे उठे
और एक लम्बी अंगड़ाई ले, और फिर 5 मिनिट के
लिए फिरसे सो जाए,जब आप 5 मिनिट होने के
बाद उठेंगे तो 9 बज गए होंगे….

गलती से पंखे का बटन क्या दब गया.
पूरा परिवार यूँ देखने लग गया
जैसे मैं कोई आतंकवादी हूँ ….

Thand Shayari

“चेतावनी” ठंडी के मौसम तक गुडमार्निंग
संदेश दोपहर 12.00 बजे तक स्वीकारे जायेंगे….

काश तुझे सर्दी के मौसम मे लगे मुहब्बत की ठंड,
और तू तड़प कर माँगे मुझे कम्बल की तरह….

Thand Shayari
Thand Shayari

शायरी सर्दी की ठिठुरती रात में
फुटपाथ पर अरमान है,
दिलबर मुझे छोड़के किसी और पे मेहरबान है….

ठंड में जब महबूब की याद आती है,
बड़े मुश्किल से ये रातें काटी जाती है….

मौसम इस कदर खुमारी में है,
मेरा शहर भी कश्मीर होने की तैयारी में हैं….

मोहब्बत ठंड जैसी है दोस्तो.
लग जाये तो बीमार कर देती है….

ठिठुर रहा बदन मेरा सॉस थम सी गयी है,
आज सर्दी बहुत है मेरी शायरी जम सी गयी है….

जो लड़की अपनी रजाई में मुझे घुसंने देगी,
उसे में 2 किलो प्याज दूँगा

उसने कहा मैं पूरी सार्दियां नहीं नहाऊँँगी,
मैंने कहा मैं फिर भी तुमको चाहूँगा….

ऐ सनम अपनी गर्म बाहों
की शाल ही ओढ़ा दे.
दिसम्बर की रातें बहुत सर्द है….

तेरी यादे सर्दीयो सी बढ रही है,
और मेरी नींद का Temperature
जैसी घट रहा है….

निकली थी मुहब्बत की तलाश में,
ठंड बहुत थी चाय पीकर वापस आ गयी….

सर्दियों के बस दो ही जलवे,
तुम्हारी याद और गाजर के हलवे

मत डूबो इतना फेसबुक की गहराई में,
ठंड बहुत है सो जाओ सब अपनी रजाई में

ये भीगे-भीगे से लम्हें. ये ठंड के दिन,
ये तेरी यादों का मौसम और
फिर से जीना तेरे बिन….

मेरी GF आज भी ठण्ड में ठिठुर रही है,
मैंने बस एक बार इतना कह दिया था,
स्वेटर के बिना हीरोइन लग रही हो ….

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