80+ Pagal Shayari in Hindi | पागल शायरी 2025

पागलपन कभी-कभी रिश्तों में प्यार, दोस्ती और हंसी का सबसे खूबसूरत हिस्सा बन जाता है। जब दिल सच्चा हो तो हल्की-सी दीवानगी भी जिंदगी को खास बना देती है। Pagal Shayari In Hindi इन्हीं मजेदार और प्यारे एहसासों को शब्दों में पिरोकर आपके सामने लाती है। इस लेख में आपको मिलेंगी ऐसी शायरियां जो पागलपन को प्यार भरे अंदाज़ में दिखाती हैं और आपके चेहरे पर मुस्कान ले आती हैं। इन्हें पढ़कर आपको एहसास होगा कि थोड़ी-सी दीवानगी ही जिंदगी में असली रंग भरती है।
Pagal Shayari in Hindi
जिसके प्यार में हम पागल थे वो
जालिम किसी और से दिल दीवाने थे..!!!
मोहब्बत एकतरफा सही मगर बेईमानी नही
दिल टूट गया है पर दुआओं में नाम तेरा ही है..!!!
वो किसी और की बाहों में खुश है
और हम आज भी उसके ख्वाबों में खोए हुए है..!!!

तेरी मोहब्बत पाने के लिए मैं पागल हो गयी
और वो शख्स किसी और से दिल
जोड़कर दूर हो गया..!!!
हम उनसे मोहब्बत करते-करते पागल हो गए लेकिन
वो जालिम किसी और से दिल लगाकर दूर हो गए..!!!
चाहने वाले बहुत होगें तुम्हारे इस कायनात में
मगर इस पागल की तो कायनात ही तुम हो !!
वो करीब आने लगता है
ओर हम ठहर से जाते है
वो दूर जाने लगता है
ओर हम बिखर से जाते है.!!
वो कहते हैं हमें पागल
जो दुनियादारी में अभी
कच्चे हैं कहते हैं हमें बच्चा
जो खुद ही अभी बच्चे हैं..!
इश्क के शहर में मैं
भी एक परिंदा था
गैरों को अपना समझ
कर ख्वाबों में जिंदा था..!
आसार बढ़ गए हैं
दीदार-ए-ताजमहल के
दोस्तो की ओर से खबर
आई है कि मैं पागल हूं..!
जब से देखा है तुझे
तेरी चाहत में पागल हुए हैं
तुझे देखकर कितने दीवाने
तुझे पाने के लिए घायल हुए हैं..!
देख लेना एक दिन तुम
भी रो दोगे ये सोचकर कि
कोई था जिद्दी सा चाहने वाला
पागल पता नही कहां चला
गया अपनी जिद छोड़ कर..!
दिल तो मेरा लोहे जैसे था
क्या पता था TUM चुम्बक बनकर आओगी
और मुझे पागल कर जाओगी !!
तेरे दिल की ज़मीन पर ठहर सके वो
आवारा बादल हूँ मैं तेरी चाहत में
बिलकुल पागल हूँ मैं !!
कयामत तक करोगे याद किसी ने दिल लगाया था
एक होने की उम्मीद भी ना थी फिर
भी पागलों की तरह चाहा था !!
कब मिलेंगे आपसे ये ख्याल हम करते है
आपकी दोस्ती पे हम जो मरते है
हो न जाये PAGAL हम डरते है
क्या करे यार आपको miss जो इतना करते है !!
Pagal Shayari 2 Line
तुम मुझे छोड़ के जाओगे तो मर जाऊँगा
यूँ करो जाने से पहले मुझे पागल कर दो
दिल पागल है रोज़ नई नादानी करता है
आग में आग मिलाता है फिर पानी करता है
दिल भी पागल है कि उस शख़्स से वाबस्ता है
जो किसी और का होने दे न अपना रक्खे
रोज़ तारों को नुमाइश में ख़लल पड़ता है
चाँद पागल है अँधेरे में निकल पड़ता है
अपनी ही तेग़-ए-अदा से आप घायल हो गया
चाँद ने पानी में देखा और पागल हो गया
दीवारों से मिल कर रोना अच्छा लगता है
हम भी पागल हो जाएँगे ऐसा लगता है
उम्र का लम्बा हिस्सा कर के दानाई के नाम
हम भी अब ये सोच रहे हैं पागल हो जाएँ
कोई दीवाना कहता है कोई पागल समझता है
मगर धरती की बेचैनी को बस बादल समझता है
न तुम्हें होश रहे और न मुझे होश रहे
इस क़दर टूट के चाहो मुझे पागल कर दो
दिन तो ख़ैर गुज़र जाता है
रातें पागल कर देती हैं
रखो दैर-ओ-हरम को अब मुक़फ़्फ़ल
कई पागल यहाँ से भाग निकले
Pyar Me Pagal Shayari
ख़्वाब जितने देखने हैं आज सारे देख लें
क्या भरोसा कल कहाँ पागल हवा ले जाएगी
सुब्ह तक रात की ज़ंजीर पिघल जाएगी
लोग पागल हैं सितारों से उलझना कैसा
हो गए चुप हमें पागल कह कर
जब किसी ने भी न समझा हम को

ऐ परिंदो याद करती है तुम्हें पागल हवा
रोज़ इक नौहा सर-ए-शाख़ शजर सुनता हूँ मैं
दिल का क्या है दिल ने कितने मंज़र देखे लेकिन
आँखें पागल हो जाती हैं एक ख़याल से पहले
हम जैसों ने जान गँवाई पागल थे
दुनिया जैसी कल थी बिल्कुल वैसी है
बिन आवाज़ पुकारें हर-दम नाम तिरा
शायद हम भी पागल होने वाले हैं
नहीं वो इतना भी पागल नहीं था
जो मर जाता मिरी वाबस्तगी में
पागल वहशी तन्हा तन्हा उजड़ा उजड़ा दिखता हूँ
कितने आईने बदले हैं मैं वैसे का वैसा हूँ
अभी इक शोर-ए-हा-ओ-हू सुना है सारबानों ने
वो पागल क़ाफ़िले की ज़िद में पीछे रह गया होगा
फ़रिश्ते भी देखें तो हो जाएँ पागल
वो पाकीज़ा मूरत हो तुम बहुत ख़ूब-सूरत हो तुम
कुछ नीर वफ़ा की शम्ओं के
कुछ पर पागल परवानों के
कौन आया है
कोई नहीं आया है पागल
Boy Pagal Shayari
अपनी ही तेग़-ए-अदा से आप घायल हो गया
चाँद ने पानी में देखा और पागल हो गया
पहले तेरा दीवाना था अब है अपना दीवाना
पागल-पन है वैसा ही कुछ फ़र्क़ नहीं दीवाने में
वो ख़त पागल हवा के आँचलों पर
किसे तुम ने लिखा था याद होगा
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दीवारों से मिल कर रोना अच्छा लगता है
हम भी पागल हो जाएँगे ऐसा लगता है
एक ज़रा सी जोत के बल पर अँधियारों से बैर
पागल दिए हवाओं जैसी बातें करते हैं
पागल आँखों वाली लड़की
इतने महँगे ख़्वाब न देखो
ऐसे पागल प्यार को साथी
सारी ख़िल्क़त नाम धरेगी
यादें पागल कर देती हैं
बातें पागल कर देती हैं
मैं भी पागल तू भी पागल
हम दोनों की ख़ूब जमेगी
ख़ुदा ने क्यूँ दिल-ए-दर्द-आश्ना दिया है मुझे
इस आगही ने तो पागल बना दिया है मुझे
सच अच्छा पर उस के जिलौ में ज़हर का है इक प्याला भी
पागल हो क्यूँ नाहक़ को सुक़रात बनो ख़ामोश रहो
उम्र का लम्बा हिस्सा कर के दानाई के नाम
हम भी अब ये सोच रहे हैं पागल हो जाएँ
वो शायर सी वो पागल सी
लोग आप-ही-आप समझ जाएँ
लड़का हैरत और मोहब्बत की शिद्दत से पागल
लाँबी पलकों के लर्ज़ीदा सायों को
बारिश-ए-संग-ए-मलामत में भी वो हमराह है
मैं भी भीगूँ ख़ुद भी पागल भीगता है साथ साथ
दिल पागल है रोज़ नई नादानी करता है
आग में आग मिलाता है फिर पानी करता है
कोई दीवाना कहता है कोई पागल समझता है
मगर धरती की बेचैनी को बस बादल समझता है
रौशनी की जंग में तारीकियाँ पैदा हुईं
चाँद पागल हो गया तारे भिकारी हो गए
ये चंद लम्हों की चमक
जो तुझ को पागल कर गई
Pagli Status in Hindi
न तुम्हें होश रहे और न मुझे होश रहे
इस क़दर टूट के चाहो मुझे पागल कर दो
फिर न निकला कोई घर से कि हवा फिरती थी
संग हाथों में उठाए किसी पागल की तरह
तेरे पीछे होगी दुनिया पागल बन
क्या बोला मैं ने कुछ समझा पागल बन

दिन तो ख़ैर गुज़र जाता है
रातें पागल कर देती हैं
तेरी अदा के मरे हुए आशिक़ घायल है हम
तुझे सोच कर अकेले में मुस्कुराते
हैं सच पागल है हम !
जिस दिन तुझको ना देखूं पागल
पागल फिरती हूं
कौन तुझे यूं प्यार करेगा
जैसे मैं करती हूं !!
पागल नहीं था मैं जो तुम्हारी
एक बात मानता था
मुझे सच्ची मोहब्बत थी तुमसे
बस इतना जानता था !!
दुनिया भी पागल है जो सभी के
चेहरे पर मुस्कराहट ला दे उसे
पागल ही कहती है !!
मैं पागल अब तक अकेले में बड़बड़ा
रहा हूँ कितनी मोहोब्बत थी तुझसे ये
खुद को बता रहा हूँ !!